आर्यवर्ते जम्बूद्वीप में एक जगह है मग-हद!! यह मानव इतिहास में ऐसी जगह रही है जहां ज्ञान पूंजी रही,,, आज तक मग-हद में निशा का नाश नहीं चढ़ता। कारण नीति-ईश ने नीति बनाई, पियो तो छुपकर, खुल्ले में कुछ मिलेगा नहीं, दरअसल वो इस कहावत पर यकीन करते हैं “मर्द को पीते और औरत को पीटते”सरेराह नहीं दिखना चाहिए।
नीति-ईश ने ज्ञान के पुनर्वास के लिए ज्ञान-पिपासु की प्यास बढ़ाने को उत्तम प्रदेश से शिक्षक आयात हुए और नाम बपस(b p s c)से भर्ती हुई।मग-हद की मंद अक़्ली उत्तम प्रदेश के योग से ही मिटना था।
नीति-ईश की एक नीति विश्वविख्यात है, :दाएं से बाएं घूम, थम सावधान
इसका इतना रेलीजेसली पालन करते हैं की भतीजे को छोड़ देते हैं,मौका लगे तो भतीजे को कलेजे से चिपका लेते हैं।
नीति-ईश है तो बहार है, लेकिन कंप्यूटर में टाइपिंग का ऑटो करेक्ट ‘बाहर’ लिख देता है।
नीति-ईश कहते हैं कि गहन-मनन निर्णय लेते समय मौन और अदृश्य हो जाते हैं। नीति-ईश की शब्दावली में धोखा का पर्याय कंफर्टेबल होना है। एक साल भतीजे से कंफर्टेबल रहते हैं तो दूसरे साल सम्राट जैसे विनोदी व्यक्ति से।।।क्योंकि सुशील की संगत नीति-ईश की लंबी रही है, इसलिए नीति-ईश सुशील भी हैं।
नीति-ईश को सपना आया शायद भंग की तरंग हो या मारिजियोना की तरंग:वे भरतखण्डे के पालक का स्वप्न देख लिया, तुरंत कंफर्टेबल होने लगे।
कांटा भतीजा था, तो बोले भतीजे कालांतर में तुम्हारे पूर्वजों के कारण सड़के धंसी रहीं, लोग घर से नहीं निकला करते,वो तो हमने अपनी नीति और ईश भावना से सब बदला।नीति-ईश महिलाबादी हैं तभी नारी-शिक्षा को प्रजनन प्रक्रिया से तुरंत चस्पा कर देते हैं।
दूसरी ओर भतीजा तेजस्वी है।अपने गुण के कारण चाचा के कंफर्टेबल होने का बुरा नहीं माना।रोजगार का क्रेडिट भी दे डाला।मग-हद के रास्ते बेहद तीव्र मोड वाले हैं, लेकिन भतीजा तेजस्वी है, चाचा नीति-ईश की वैधानिकता को भली-भांति जो जानते हैं।ज़मीन से जुड़े है और उसके लिए धोखे का कोई पर्याय जो नहीं है।
नीरज कुमार