संजय राउत ने कहा – मोदी सरकार के हाथ से निकल चुका है किसान आंदोलन, भाजपाई ही किसानों को कहते थे नक्सली

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Shiv Sena on Farmers Protest : पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे किसान प्रदर्शन को लेकर विपक्षी दल लगातार सरकार को निशाने पर ले रहे हैं। किसानों की मांगें नहीं मानने को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा भी है। इसी कड़ी में शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शनिवार (17 फरवरी) को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के हाथ से किसान आंदोलन निकल चुका है। बीजेपी वाले किसानों को माओवादी और नक्सली कहते थे।

संजय राउत ने इससे पहले कहा कि जिस तरह से किसानों को रोका जा रहा है, वह सही नहीं है और अब तक सैकड़ों किसान घायल हो चुके हैं। प्रदर्शनकारी किसान पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर मौजूद हैं। यहां पर हरियाणा पुलिस उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारों का इस्तेमाल कर रही है। किसानों पर पैलेट गन चलाने का भी मामला सामने आया है, जिसमें कई किसान घायल हुए हैं। घायल किसानों के मुद्दे पर विपक्ष लगातार सरकार की आलोचना कर रहा है।

 

कृषि मंत्री ने भी किसानों पर कुछ नहीं कहा : संजय राउत

 

शिवसेना नेता ने शुक्रवार (16 फरवरी) को कहा कि प्रदर्शनकारी पूरे भारत के किसानों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह से उन्हें रोका जा रहा है, वो सही नहीं है। अभी तक 100 से ज्यादा किसान घायल हुए हैं, जबकि कई सारे गिरफ्तार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए बड़ी जेलें बनाई गई हैं. जहां किसानों को भारत में दबाया जा रहा है तो वहीं पीएम मोदी विदेश में घूम रहे हैं. अमित शाह ने भी एक शब्द नहीं कहा है। कृषि मंत्री भी कुछ नहीं बोल रहे हैं।

 

शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान

 

किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च का ऐलान किया है, जिसका आज पांचवां दिन है। किसान एमएसपी समेत कृषि सेक्टर से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार पर दबाव बनाने के लिए वे दिल्ली आना चाहते हैं। हालांकि, अभी किसानों को पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित शंभू बॉर्डर पर ही रोक लिया गया है। हरियाणा पुलिस किसानों को हरियाणा में दाखिल होने से रोक रही है, उसे डर है कि किसान एक बार हरियाणा में आ जाएंगे तो उनका दिल्ली पहुंचना आसान हो जाएगा।

किसानों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की गई है। कई जगह कंटीले तार लगाए गए हैं और कंक्रीट के स्लैब अवरोधक के तौर पर लगाए गए हैं। उत्तर प्रदेश से लगने वाली दिल्ली की सीमा पर भी ऐसी ही तैयारी की गई है, क्योंकि इस तरफ से भी किसान दिल्ली आना चाहते हैं।

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