Sahara Protest : सहारा निवेशकों ने सहारा सोसायटी रिफंड पोर्टल के पर्यवेक्षक एवं न्याय मित्र को लिखा यह पत्र 

0
104
Spread the love

सहारा निवेशकों ने सहारा सोसायटी रिफंड पोर्टल के पर्यवेक्षक एवं न्याय मित्र को पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि सहारा इंडिया ने 2010 में सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी बनाई तो 2012 में हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी का निर्माण किया। वर्ष 2014 में सहारियन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी एवम स्टार्स मल्टीपरपज सोसायटी का निर्माण किया गया। इन सबका  पंजीकरण कृषि कार्य मंत्रालय के सहकारिता विभाग से कराया गया था। पत्र में कहा गया है कि इसके बाद पूरे देश मे कार्यालय खोलकर इन चारों सोसायटियों के माध्यम से  आम लोगों से धन इकट्ठा किया गया।


सहारा ग्रुप की अन्य कंपनियों में आम जनता से लिये गए धनराशि को निवेश किया गया और पुनः कुछ कंपनियों का धन  सोसायटियों में समायोजित किया गया। पत्र  गया है कि गत 12 वर्ष  सहकारिता विभाग के उदासीन रवैये व कार्यप्रणाली की वजह से सोसायटी का प्रबंधन और सोसायटी में आम जनता द्वारा निवेशित धनराशि मेसर्स सहारा इंडिया(पार्टनरशिप) के पास ही रहा और निवेशकों के जमा धनराशि का उपयोग मनमर्जी ढंग से अन्य जगह इस्तेमाल किया गया और अपने कर्मचारियों को  भोग विलास में इस्तेमाल करने की छूट दी गई।सहारा इंडिया ने सोसायटियों के प्रबंधन में अल्प ज्ञान और चालाकी पूर्ण कार्य करने वाले को प्रबन्धक बनाकर बहुराज्यीय सोसायटी अधिनियम 2002 के नियमों और उपनियमों के प्रभाव को कम करने के लिए ज्यादातर आम जनता को एक से ज्यादा(अधिकतम 10 तक) सदस्यता क्रमांक जारी किया गया। जिसको भोले भाले निवेशकों द्वारा नही समझा गया और लगातार निवेश करते चले गए। सहारा ग्रुप की दो सोसायटियों (सहारियन यूनिवर्शल मल्टीपर्पज और स्टार्स मल्टीपर्पज सोसायटी ) में वर्ष 2017 से आजतक सहारा ग्रुप के अन्य कंपनियों (सहारा Q शॉप यूनिक प्रोडक्ट रेंज लिमिटेड, सहारा Q गोल्ड मार्ट लिमिटेड ,सहारा इंडिया और सहारा इंडिया कमर्सियल कारपोरेशन लिमिटेड) के निवेशकों का निवेश रकम को पुनः सोसायटी में निवेशित कर उसमें प्राप्त ब्याज की रकम को इन दो सोसायटियों में जवाइनिंग प्वाइंट के रूप में दिखाया गया है। जिसमे एक जवाइनिंग प्वाइंट के बदले में 100 रुपये बताया गया है। और कई जगह निवेशकों के निवेश फार्म पर किये  हस्ताक्षर भी सोसायटी के प्रबंधक या एजेंट द्वारा ही किया गया है जिससे हस्ताक्षर मिलान में भी दिक्कतें आ सकती हैं।
महोदय इन तथ्यों को समझने के बाद सदस्यों का भुगतान मिलने की  प्रक्रिया जटिल लगती है जिसका निराकरण सिर्फ आप के द्वारा सुझाये गए उपायों एवम प्रयासों से ही पूर्ण हो सकता है। अतः आप से अनुरोध है कि इन तथ्यों को देखने के बाद निवेशकों को अपनी निवेश राशि प्राप्त करने का मार्गदर्शन प्रदान करें।

और कुछ सवाल जो आम निवेशकों का है जिसका उतर आपसे अपेक्षित है…!!!

सवाल न.1-
विगत दिनों में माननीय सहकारिता राज्य मंत्री द्वारा राज्यसभा में बताया गया कि लगभग 1 करोड़ 18 लाख निवेशकों द्वारा 81000 हजार करोड़ से ज्यादा की रकम का आवेदन किये है तो ₹-5000 करोड़ प्राप्त धनराशि में से अथवा सहारा सेबी विवाद में सहारा ग्रुप के अन्य कंपनियों के विवाद का जमाधन (जो कि वर्तमान में भी उन कंपनियों के निवेशकों का भुगतान पेंडिंग है जो लगभग 26000 करोड़ में से 5000 करोड़ crcs को आवंटित है) से सोसायटियो के निवेशकों का सम्पूर्ण भुगतान के लिए बाकी बचे पैसे की व्यवस्था कहाँ से होगी…???

सवाल न.-2.
सहारा सेबी विवाह में सहारा ग्रुप के कंपनियों द्वारा लगभग 16000 करोड़ ही मूलधन राशि जमा कराई है और उस जमाराशि पर 31मार्च 23 तक का ब्याज जोड़कर लगभग 26000 करोड़ बना है तो क्या सोसायटियों के निवेशकों को भी 31 मार्च 23 तक जमा राशि पर ब्याज प्राप्त होगा या नहीं..???

सवाल न.-3.
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 29 मार्च 23 के आदेशानुसार सहकारिता विभाग द्वारा सहारा सोसायटी रिफंड पोर्टल को तैयार किया गया जिसमें पिछले 12 वर्षों में बहुत सारे निवेशकों की मृत्यु हो चुकी है जिसके उत्तराधिकारी को भुगतान प्राप्त करने का कोई प्रावधान नही दिया गया ,ऐसा क्यों…???

सवाल न.-4.
सहारा की सोसायटियों ने कुछ स्कीमों पर जमाराशि को ज्वाइनिंग प्वाइंट के रूप में दिखाया है तो क्या उन निवेशकों को उस ज्वाइनिंग प्वाइंट्स वाले जमा राशि का भुगतान मिलेगा या नही…???

सवाल न.-5.
सहारा की सोसायटियों ने बहुत सारे निवेशकों से मासिक ब्याज आहरण की स्कीम के माध्यम से पैसा निवेश लिया है जिनका मासिक ब्याज आहरण बहुत दिनों से भुगतान के पेंडिंग है तो क्या उन निवेशकों के पेंडिंग मासिक ब्याज की रकम पोर्टल के माध्यम से प्राप्त होगी या नही..???
सवाल तो बहुत हैं मगर कुछ जरूरी सवाल थे जिसका उत्तर आप से अपेक्षित है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here