भुगतान को लेकर सहारा इंडिया के खिलाफ निवेशक और एजेंट तो लड़ ही रहे हैं साथ ही सोशलिस्ट एक्टिविस्ट भी मैदान में हैं। ईमानदार भारतीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अजय टंडन अपने तरीके से लड़ाई लड़ रहे हैं। अजय टंडन ने वीडियो के माध्यम से एक बयान जारी किया है। इस बयान में उन्होंने कहा है कि सुब्रत राय सहारा एवं सोसाइटियों के विरुद्ध उनका संघर्ष युद्धस्तर पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि सुब्रत राय का कुछ इस लिए नहीं बिगड़ रहा है कि क्योंकि केन्द्र सरकार एवं प्रदेशों की राज्य सरकारों के साथ ही देश भर के सभी आईएएस, आईपीएस, आईआरएस एवं अन्य अधिकारियों से सहारा की मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि सहारा के विरूद्व उनकी लड़ाई चौतरफा लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि उन्होंने निर्णय लिया है कि सहारा के साम्राज्य का दुनिया से नामोनिशान मिटा कर ही रहूंगा। उन्होंने कहा कि जब तक वह देशभर के सभी निवेशकों का पैसा नहीं दिलवा देते हैं तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने एक लाख से अधिक याचिकायें पूरे देश में भेजी हैं चूॅकि याचिकायें अंग्रेजी में हैं। इसलिए उन्होंने याचिकाओं का फॉर्मेट दिखाया है।
List of Petitions already filed (where your name would be added) or petitions which would be filed after incorporating your name –
1. Petition, Complaint under the Banning of Unregulated Deposit Scheme Act, 2019 (effective from 1978) (BUDS Act) to following offices –
a. Your jurisdictional Thana
b. Central Registrar Cooperative Societies, New Delhi
c. Home Minister, New Delhi
d. Divisional Commissioner or DM of your town.
e. Police Commissioner of your town.
f. Chief Minister of your state and of all States.
g. Prime Minister of India
2. Writ Petition in Delhi High Court for –
a. Lifting Corporate / Society Veil
b. Payment through Central Registrar or MCA
3. Petition to SEBI for payment
4. FIR under Section 420, 467, 468, 471, 120B, 34 of IPC to your jurisdictional Thana
5. Petition under Multi State Credit Cooperative Society Act
6. Petition to E.D. (Enforcement Directorate) against Sahara
7. Petition to CBI against Sahara under copy to all CM, PM, HM
8. Complaint against all government agencies officers, judges to Lokpal of India
उन्होंने कहा है कि साथियों प्रत्येक निवेशकों की तरफ से उपरोक्त याचिकाओं को भेजने का अच्छा खासा खर्च आता है। उनके कार्यालय में उनके साथ 10 से अधिक लोगों की टीम रात दिन इस काम में लगी है जिन पर महीने का खर्च 4 लाख रुपये का है और इसलिये याचिकाएं, कम्पलेंट, इत्यादि जिनका विवरण ऊपर दिया गया है। भेजने के लिये मैं मैच्योरिटी एमाउंट का एक प्रतिशत खर्च के मद में मॉगता हूॅ, जिसका मुझे पूरा हक है चूॅकि खर्चा इससे कहीं अधिक हो रहा है, इसके अलावा फिलहाल मुझे एक पैसा नहीं चाहिए लेकिन जब पैसा आप लोगों को मिल जायेगा तब मैं अपनी फीस लूॅगा। आर्थिक क्षेत्र में भी मेरा आचार व्यवहार पूरी तरह से पारदर्शित है, आप सभी भाइयो बहनों से निवेदन है कि मेरे इस कठिनतम संघर्ष में मेरा साथ दें, सहारा में जमा के सभी साक्ष्य एवं मैच्योरिटी रकम के एक प्रतिशत के साथ मुझे भेजे ताकि मैं आप सभी का पैसा दिलाने के अपने उद्देश्य में जल्द से जल्द सफल हो सकूॅ। इत्मिनान रखें कि आप सभी को आपका एक एक पैसा मय ब्याज के दिलवा कर रहूॅगा। बस आपके साथ की आवश्यकता है।