भाजपा ने महाराष्ट्र के सीएम के कार्यालय के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट को टैग करते हुए पूछा, “क्या यह आपका हिंदुत्व का रूप है, उद्धवजी?” , भाजपा ने अपने ट्वीट में हिंदुत्व के प्रति शिवसेना की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाने को “हरे खून” जैसे शब्दों का किया है इस्तेमाल
द न्यूज 15
मुंबई । ऐसा लग रहा है कि जिसे देश में भावनात्मक मुद्दों की बहार आ गई है। कई मुद्दों को लेकर छिड़ा विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। कभी हिजाब विवाद तो कभी कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार पर आधारित फिल्म “दि कश्मीर फाइल्स” को लेकर लगातार हंगामा हो रहा है। सरकारों के साथ ही राजनीतिक दल हैं कि मसले का कोई हल निकालने के बजाए उसको लेकर वोटबैंक की राजनीति करने में लगे हैं। द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर राजनीतिक दलों में बहस छिड़ी हुई है। मध्य प्रदेश और गुजरात समेत कई भाजपा शासित राज्यों ने फिल्म को मनोरंजन कर से छूट दी है।
बुधवार को महाराष्ट्र में नासिक के एक सिनेमा हाल में कुछ महिलाओं को “दि कश्मीर फाइल्स” देखने के लिए प्रवेश करने से पहले कथित तौर पर भगवा स्टोल हटाने के लिए कहा गया था। गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी ने सत्तारूढ़ शिवसेना पर इसको लेकर निशाना साधा। भाजपा नेताओं ने सीएम उद्धव ठाकरे से पूछा कि क्या यही आपका हिंदुत्व है। इसको लेकर उन्होंने महाराष्ट्र की शिवसेना पार्टी पर भी तंज किया।
सिनेमा हॉल में कुछ महिलाओं को कथित तौर पर विवेक अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म देखने के लिए थिएटर के अंदर जाने से पहले अपने भगवा स्टोल को हटाने के लिए कहा गया था। राज्य भाजपा इकाई ने ट्विटर पोस्ट में कहा, “दि कश्मीर फाइल्स फिल्म के लिए नासिक में भगवा शॉल पहनने वाली महिला दर्शकों को उन्हें सिनेमा हॉल के बाहर रखने के लिए कहा गया था।”
भगवा शॉल मामले में भाजपा ने ठाकरे के कार्यालय के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट को टैग करते हुए पूछा, “क्या यह आपका हिंदुत्व का रूप है, उद्धवजी?” भाजपा ने अपने ट्वीट में हिंदुत्व के प्रति शिवसेना की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाने के लिए “हरे खून” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया और दावा किया कि ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी अब “जनाब सेना” बन गई है।
“दि कश्मीर फाइल्स” में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों और अन्य लोगों के साथ अत्याचार, उनकी हत्याएं करना तथा महिलाओं और बच्चों के साथ क्रूरता करने के साथ उनके घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को आग लगा देने जैसी सच्ची घटनाओं को दिखाया गया है। समुदाय के लोगों की व्यवस्थित हत्याओं के बाद कश्मीर से कश्मीरी हिंदुओं के पलायन को भी इसमे दर्शाया गया है।