राम मंदिर के गर्भग्रह का निर्माण कार्य शुरू
Ram Mandir-अयोध्या में चल रहे राम मंदिर निर्माण कार्य के बीच आज राम मंदिर के गर्भग्रह का पहला पत्थर रखा गया। जिसकी आधारशिला यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रखी। इसके निर्माण के लिए कई सालों से तराशें जा रहे पत्थरों का इस्तेनाल शुरू हो गया हैं। इसलिए आज का दिन राम मंदिर (Ram Mandir)निर्माण के लिए एक ऐतिहासिक दिन है।
आयोध्या में चल रहे राम मंदिर निर्माण (Ayodhya Ram Mandir) के लिए आज का दिन ऐतिहासिक हैं। आज से ही मंदिर के गर्भग्रह का निर्माण कार्य शुरू हुआ है। इस गर्भग्रह के आधारशिला का पहला पत्थर यूपी के CM योगी आदित्यनाथ ने रखा। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ राम मंदिर (Yogi adityanath Ram mandir) निर्माण स्थल के पास स्थित द्रविड़ शैली में बने मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्य़क्रम में भी शामिल होने की खबर आई हैं।
यहां क्लिक कर आप हमारे YouTube Channel पर जा सकते है
बता दें कि 29 मई से शुरू हुआ सर्वदेव अनुष्ठान का भी समापन हो चुका है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 500 साल से देश के साधु-संत राम मंदिर आंदोलन को चला रहे थे, आज उन सभी लोगों के दिल को खुशी मिली होगी क्योंकि आज राम मंदिर के गर्भग्रह का पहला पत्थर रखा गया हैं। गोरक्षनाथ पीठ की तीन पीढ़ी इस मंदिर आंदोलन से जुड़ी हुई थी।
योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर का पत्थर रखने के बाद मीडिया को कहा कि आज से शिलाओं के रखने का काम तेजी से शुरू हो जाएगा, अब वो दिन दूर नहीं है, जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर अयोध्या धाम में बनकर तैयार हो जाएगा, यह मंदिर भारत का राष्ट्र मंदिर होगा। इसके बाद उन्होंने मंदिर के आर्किटेक्ट के अलावा कारीगरों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हनुमानगढ़ी पहुंचे फिर उन्होंनें हनुमानजी के दर्शन पूजन किए। इसके बाद वह श्रीराम जन्मभूमि पहुंचें।अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि अधिरचना पर काम आज से शुरू हो रहा है, हमारे पास कार्यों को पूरा करने के लिए 3 चरण की समय सीमा है, 2023 तक गर्भगृह, 2024 तक मंदिर निर्माण और 2025 तक मंदिर परिसर में मुख्य निर्माण होगा।
Ram Mandir में हो रहा सालों से तराशे हुए पत्थरों का इस्तेमाल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) नें शुभ मूहर्त में मंदिर के गर्भगृह की आधारशिला रखा। इस आधरशिला के लिए राजस्थान और अयोध्या में कई नयी वर्कशाप में पत्थरों पर नक्काशी का कार्य तेजी से चल रहा है। राजस्थान के साथ पहली बार इसके लिए यूपी के कारीगरों को भी इस कार्य में लगाया गया है।
अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि कार्यशाला में पत्थर तराशने का कार्य 1992 से चल रहा है। अभी तक मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) निर्माण के लिए पिलर्स पर नक्काशी का कार्य लगभग पूरा हो गया है। छत के पत्थरों को तराशने का कार्य भी काफी हद तक हो चुका है। अब पिलर्स को आपस में जोड़ने के लिए बीम के पत्थरों पर नक्काशी का कार्य राम कार सेवक पुरम में शुरू हो गया है।
ALso Read- राज्यसभा सूची ज़ारी करने के बाद कांग्रेस में मचा आपसी कलह!
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस स्थान पर पहली बार पत्थर तराशने के लिए अस्थाई कार्यशाला का निर्माण किया गया है। जिसमें अभी 15 कारीगर काम कर रहे हैं, लेकिन शीघ्र ही इनकी संख्या 50 होने वाली है। ऐसी ही 3 कार्यशाला राजस्थान में भी स्थापित की गयी है, जहां से पत्थरों को तराशने के बाद अयोध्या लाया जा रहा है।
इससे पहले राम मंदिर (Ram Mandir) के लिए जितने पत्थरों की आवश्यकता थी, उसका 70 फीसदी पत्थर तराश लिए गए थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर के पुराने मॉडल में विस्तार किया गया। इसके बाद तराशे गए पत्थरों की आवश्यकता बढ़ गयी, जिसकी पूर्ति के लिए तेजी से कार्य चल रहा है। आपको बता दें कि राम मंदिर निर्माण में सीमेंट और सरिया आदि का प्रयोग नहीं होगा।