Rajput Society : अखिल रवा राजपूत एकता एवं सेवा समिति ने जूम पर की मीटिंग
अखिल रवा राजपूत एकता एवं सेवा समिति के तत्वाधान में समाज के लोगों की ज़ूम पर परिवार के बीच टूटते रिश्ते और समाधान पर एक मीटिंग हुई जिसकी अध्यक्षता माननीय श्री प्रहलाद सिंह जी ने की। मीटिंग में समाज के कुछ वैवाहिक संबंधों से निराश भाइयों और बहनों ने भी भाग लिया। मीटिंग में डॉ इंदल सिंह राठौर, श्री प्रहलाद सिंह, श्री हरी प्रकाश , श्री धूम सिंह राजपूत, श्री सोहन पाल राणा, श्री देवेंद्र वर्मा, डॉ. रविंद्र कुमार, श्री जलदीप कुमार, श्री प्रमोद कुमार राणा, श्रीमती अनु तंवर, श्रीमती नीलम वर्मा, श्रीमती ऐश्वर्या राजपूत, श्रीमती हेमलता (चारु), श्री पंकज राजपूत, श्रीमती कुसुम लता, डॉ शिवानी मानव, श्री नीरज ठाकुर, श्री राहुल कुमार , श्री राजकुमार, श्री अशोक कुमार राजपूत, श्री संजय कुमार, श्री सुशील कुमार, श्री दीपक राजपूत, श्री बबलेश कुमार, श्री राजबीर सिंह, श्री ब्रजपाल सिंह, श्री संसार सिंह तोमर, डॉ आर के आर्य, डॉ. डी वी सिंह, मास्टर राजिंदर सिंह, सुनीता रानी, ध्रुव राजपूत, रेनू जी, याशिका चौहान, मनीषा चौहान, आकांक्ष राजपूत, डॉ बोबिंदर सिंह, संजय वर्मा, श्रवण आर्य, नरेंद्र सिंह, राजेश कुमार, अभिषेक राणा, बृजेश कुमार, रविंदर चौहान, आर पी राणा एवं अन्य गणमान्य लोग सम्मिलित हुए। सभा का संचालन डॉ. रविंद्र कुमार जी द्वारा किया गया एवं मीटिंग को शिवानंद मोघा द्वारा ऑर्गेनाइज किया गया।
मीटिंग की शुरुआत में पंकज कुमार (बामड़ोली से) ने समाज के सामने अपना पक्ष रखा जिसमे उन्होंने बताया कि परिवार में टूटते रिश्तो में सबसे मुख्य भूमिका लड़की पक्ष के परिवार वालो की दखल अंदाजी होती है। डॉ शिवानी मानव (टटीरी) के अनुसार परिवार में टूटते रिश्तो में सबसे मुख्य भूमिका बेमेल शादी होती है। अगर लड़के का आधार प्लस 2 है तो वो इसी लेवल की लड़की तलाश करे ना कि हायर क़्वालीफाइड लड़की तलाश करे क्योकि वो लड़की एडजस्ट करने में असहज महसूस करेगी। इसी के आधार पर हरिप्रकाश जी, अशोक कुमार राजपूत जी, देवेंद्र वर्मा जी, अनु तंवर जी, नीलम राणा जी, पी के राणा जी, दीपक राजपूत जी, संसार सिंह तोमर जी ने भी अपने अपने विचार रखे। हरिप्रकाश जी अपने विचार रखते हुए बताया कि कही न कही इस केस में ईगो है। अंत में राहुल कुमार (नारायणा दिल्ली) ने टूटते रिश्तो में सबसे मुख्य भूमिका लड़की पक्ष के लोगो की सोच होती है जो परिवार से अलग रहने पर जोर देते है। ऐसा न होने पर परिवार वालो पर गलत आरोप लगाए जाते है।
उपरोक्त तथ्यों के आधार पर श्रीमती कुसुमलता जी ने बेमेल शादी का खंडन करते हुए इस बात पर जोर दिया कि शादी विवाह शर्तो पर नहीं होते जबकि लोग शर्तो पर करते है। हमारी महत्वकांशा भी बहुत बढ़ गयी है हमे उस पर भी कण्ट्रोल करना चाहिए। अध्यक्ष श्री प्रहलाद सिंह जी ने इस विषय को काफी गंभीर और चिंतन का विषय बताते हुए कहा कि रिश्तो को संभालना हमारा दायित्व है। अंत में समिति के संयोजक डॉ. इंदल सिंह राठौर जी ने सामाजिक आंकड़ों के आधार पर बताया की हमारे समाज में ऐसे मुद्दे 5000 में से 100 के लगभग है जो 2% के आस पास है। दूसरे समाज की तुलना भी फिर भी हमारा समाज बहुत अच्छा है। हमे जागरूकता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। परिवार में जो रोल मॉडल होते है उनको लोजिकली सोचना चाहिए। क्षेत्रीय मीटिंग करके परिवार के मुख्य और जिम्मेदार लोगो को जागरूक करके इस समस्या को 2% से काम करके 1% पर लाया जा सकता है लेकिन ख़त्म नहीं किया जा सकता।