भारत के पहले राष्ट्रपति की 138वीं जयंती मनाई गई
नई दिल्ली। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की ऐतिहासिक विरासत का सम्मान करने के लिए राजेंद्र चिंतन समिति ने उनकी याद में एक कार्यक्रम किया। कार्यक्रम तालकटोरा रोड, पार्लियामेंट एनेक्सी में राजेंद्र प्रसाद की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. योगानंद शास्त्री, राजेंद्र चिंतन समिति के उपाध्यक्ष विजय शंकर चतुर्वेदी कार्यक्रम के संयोजक राम किशन शर्मा सहित अनेक गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्ज्वलित कर डॉ. राजेंद्र बाबू को पुष्पांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर डॉ. योगानंद शास्त्री ने कहा कि “डॉ. राजेंद्र बाबू ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और राष्ट्र उनके अनुकरणीय योगदान के लिए आभारी है। वे स्वतंत्रता संग्राम में गांधी जी और सरदार पटेल जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले।”
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने द्वारा भेजे गए संदेश में कहा कि “संविधान बनाने में राजेंद्र बाबू का विशेष योगदान है। उन्होंने राजनीतिक गरिमा बनाए रखी और राष्ट्र निर्माण के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। हम सभी उनके नक्शेकदम पर चलने और उन्हें उनकी जयंती पर याद करने का संकल्प लेते हैं।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. डॉ. हर्षवर्धन द्वारा भेजे गए संदेश में कहा, कि “डॉ राजेंद्र प्रसाद ने सादगी और नैतिकता के उच्च मानक स्थापित किए हैं। आज हम उनके बताए रास्ते पर चलकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।”
राजेंद्र चिंतन समिति के संयोजक राम कृष्ण शर्मा ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा किए गए कार्यों को विस्तार से बताया और कहा कि वह एक महान स्वतंत्रता सेनानी और सच्चे देशभक्त थे।राजेंद्र चिंतन समिति के उपाध्यक्ष विजय शंकर चतुर्वेदी ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने स्वतंत्रता संग्राम के दिनों से ही देश की सेवा को अपना जीवन बना लिया था और वह जीवन भर उसी रास्ते पर चलते रहे / इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में किये गए अनुकरणीय कार्यों के लिए डॉ. भरत झा , डॉ. राकेश कुमार सिंह , अनूप चावला , मनोज शर्मा , अनिल पालीवाल , पंकज शर्मा , रमेश चंद शर्मा , श्रीमती दिव्यानि , श्रीमती मोनिका शर्मा , तथा प्रोफेसर नवीन कुमार (नेशनल मीडिया कोऑर्डिनेटर) एनसीपी को डॉ राजेंद्र प्रसाद स्मृति चिन्ह देकर एवं पटका पहनाकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा समारोह में आये हुए अनेक लोगों को गीता की प्रति भी भेट की गयी।
शिक्षाविद् मनोज कुमार शर्मा ने कहा, “देशभक्ति के प्रतीक डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारत के संविधान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू के राष्ट्र निर्माण का सपना हमेशा याद रखा जाएगा। हमें उम्मीद है कि उनके आदर्श और विचार आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करेंगे। राजेंद्र चिंतन समिति के आयोजक पंकज शर्मा, शिक्षाविद् मनोज शर्मा समेत सैकड़ों लोगों ने राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।