द न्यूज 15
नई दिल्ली/लखनऊ। राजा भैया के नाम से जाने जाने वाले रघुराज प्रताप सिंह प्रतापगढ़ में कुंडा विधानसभा सीट से विधायक हैं। राजा भैया ने 1993 में अपना पॉलिटिकल डेब्यू किया था। तब से लेकर साल 2018 तक वह निर्दलीय ही चुनाव लड़ते रहे। निर्दलीय ही वह हर बार अपना चुनाव जीते और कई बार मंत्री भी बने। 30 नवंबर 2018 को राजा भैया ने अपनी पॉलिटिकल पार्टी बना ली। राजा भैया की पार्टी का नाम जनसत्ता दल लोकतांत्रिक है। 25 साल तक निर्दलीय लड़ने और जीतने के बाद आखिर दल बनाने की क्या जरूरत पड़ी। इस सवाल का राजा भैया ने जवाब दिया है।
एक वेब पोर्टल के साथ इंटरव्यू में राजा भैया से पूछा गया कि क्या उन्हें अपना वर्चस्व कम होता दिखने लगा था, जिस कारण पार्टी बनानी पड़ी। राजा भैया ने बताया कि ऐसा नहीं है कि किसी तरह का वर्चस्व कम हुआ हो। उन्होंने कहा कि काफी लंबे समय से समर्थक पार्टी बनाने की बात कर रहे थे।
बकौल राजा भैया उन्होंने एक ऑनलाइन सर्वे करवाया और तीन सवाल पूछे। पहली कि क्या राजा भैया को निर्दलीय ही लड़ते रहना चाहिए, दूसरा – क्या किसी दल में शामिल हो जाना चाहिए और तीसरा- खुद का अपना राजनीतिक दल बनाना चाहिए।
राजा भैया के मुताबिक इस सर्वे में सबसे ज्यादा लोगों ने इस बात पर जोर दिया कि राजा भैया को अपनी एक अलग पार्टी बना लेनी चहिए।
इस सर्वे के बाद ही जनसत्ता दल् लोकतांत्रिक अस्तित्व में आया। राजा भैया ने इस दल का गठन उसी तारीख (30 नवंबर 2018) को किया जिस दिन उन्होंने खुद राजनीति में कदम रखा था (30 नवंबर 1993)।
एक वेब पोर्टल के साथ इंटरव्यू में राजा भैया से पूछा गया कि क्या उन्हें अपना वर्चस्व कम होता दिखने लगा था, जिस कारण पार्टी बनानी पड़ी। राजा भैया ने बताया कि ऐसा नहीं है कि किसी तरह का वर्चस्व कम हुआ हो। उन्होंने कहा कि काफी लंबे समय से समर्थक पार्टी बनाने की बात कर रहे थे।
बकौल राजा भैया उन्होंने एक ऑनलाइन सर्वे करवाया और तीन सवाल पूछे। पहली कि क्या राजा भैया को निर्दलीय ही लड़ते रहना चाहिए, दूसरा – क्या किसी दल में शामिल हो जाना चाहिए और तीसरा- खुद का अपना राजनीतिक दल बनाना चाहिए।
राजा भैया के मुताबिक इस सर्वे में सबसे ज्यादा लोगों ने इस बात पर जोर दिया कि राजा भैया को अपनी एक अलग पार्टी बना लेनी चहिए।
इस सर्वे के बाद ही जनसत्ता दल् लोकतांत्रिक अस्तित्व में आया। राजा भैया ने इस दल का गठन उसी तारीख (30 नवंबर 2018) को किया जिस दिन उन्होंने खुद राजनीति में कदम रखा था (30 नवंबर 1993)।