25 अप्रैल 2022 को शाम 6 बजे पीएम मोदी नयी दिल्ली में रायसीना डायलॉग raisina dialogue का उद्धघाटन करेंगे। तीन दिन यानि 27 अप्रैल तक यह कार्यक्रम चलेगा। इसमें यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन मुख्य अतिथि के रूप में रहेगी। इसमें 100 सत्रों में 90 देशों कें 210 से अधिक वक्ता शामिल होने जा रहे हैं।
यूक्रैन और रूस कें बीच युद्ध कें कारण उत्पन्न वैश्विक तनाव के बीच भी यह कार्यक्रम raisina dialogue भारत मे होनें जा रहा हैं। यह डायलॉग raisina dialogue महत्वपूर्ण बन गया हैं। क्योकिं यह दुनिया के अलग अलग हिस्सों से वक्ता आएंगें और दुनिया के अहम मुद्दों पर क्या कहेंगें, यह चर्चा का विषय है। इस डायलॉग raisina dialogue के लिए 90 देशों के बढ़े नेता, रानीतिज्ञ और विशेषज्ञ भारत पहुंच गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, आर्थिक कुटनीति मुख्य चर्चा के विषय होनें वाले हैं। इसके अलावा कई ऐसें बिंदु इसमें शामिल है जिस पर आज चर्चा होने वाली हैं।
Also Read- “कश्मीर फाइल्स” के बाद अब बॉक्स ऑफिस पर दिखेगी “काशी टू कश्मीर”!
इस बार के रायसीना डायलॉग (raisina dialogue) के मुख्य 6 बिंदु
रायसीना डायलॉग 2022 जो भारत में होने जा रहा हैं। इसका थीम “टेरा नोवा- इंपैसंड , इंपैसियस, इंपेरिल्ड हैं। इसमें छः बिंदुओं पर मुख्य रूप से चर्चा होगी।
- ट्रेड- टेक्नोलॉजी आइडियोलॉजी
- नेटवर्क ग्लोबल आर्डर
- हेल्थ डेवलपमेंट एंड प्लेनेट
- हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की चुनोतियाँ
- हरित बदलाव हासिल करना
- तकनिकी युद्ध की चुनोतियाँ
इन 6 बिंदुओं में पूरी दुनिया की चिंताएँ मौजूद हैं। तीन दिन के डायलॉग कार्यक्रम में पता चलेगा, की भारत के लिए इन सभी में कोन-सा बिंदु महत्वपूर्ण होगा।
रायसीना डायलॉग raisina dialogue क्या है ?
अब आप यह सोच रहें होंगे की ये “रायसीना डायलॉग” क्या है? तो आपको बता दें, कि रायसीना डॉयलॉग एक ऐसा मंच हैं। जिसमें कई देश एक साथ मिलकर कई बिंदुओं पर चर्चा करते हैं।
दरअसल, रायसीन डॉयलॉग की शुरुआत 2016 में की गयी थी। जिसके बाद प्रतिवर्ष इस कार्यक्रम को आयोजित किया जाता है। पिछले वर्ष कोविड -19 के चलते ये मीटिंग वर्चुअल हुई थी और 2022 में भारत इसका आयोजन किया जा रहा है।
हमारे यूटयूब चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
इस कार्यक्रम में कई देश हिस्सा लें रहे हैं और प्रतिवर्ष इसमें हिस्सा लेने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसका आयोजन विदेश मंत्रालय की ओर से ‘आब्जर्वर रिसर्च फॉउण्डेशन’ के सहयोग से होता हैं। इसमें 10 देशों कें विदेश मंत्री शामिल होंगें और रायसीना डायलॉग में अफगान संकट इनफार्मेशन पर भी बातचीत होगी।