Category: व्यापार

  •  1200 करोड़ का चुनावी चंदा देने वाली मेघा इंजीनियरिंग पर सीबीआई ने दर्ज किया केस 

     1200 करोड़ का चुनावी चंदा देने वाली मेघा इंजीनियरिंग पर सीबीआई ने दर्ज किया केस 

    द न्यूज 15 ब्यूरो 
    नई दिल्ली। चुनावी बॉन्‍ड योजना में सबसे ज्यादा डोनेशन देने वालों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर रही मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।  केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की ओर से इन अध‍िकार‍ियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है. इस कंपनी की तरफ से राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड के जरिए 1200 करोड़ रुपए का चंदा दिया गया था।

    सीबीआई ने एनआईएसपी के लिए ₹315 करोड़ के प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मामले को लेकर कार्रवाई की है। सीबीआई ने इस्पात मंत्रालय के एनएमडीसी आयरन एंड स्टील प्लांट के 8 अधिकारियों समेत मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ यह मामला दर्ज किया है।
    इस बीच देखा जाए तो हाल ही में चुनावी बॉन्‍ड से जुड़े डेटा के सामने आने के बाद से मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड सुर्खियों में आई थी। यह कंपनी राजनीतिक दलों को चंदा देने वाली टॉप 10 लिस्ट में दूसरे नंबर की सबसे बड़ी खरीदार बनकर सामने आई थी। पामिरेड्डी पिची रेड्डी और पीवी कृष्णा रेड्डी की कंपनी एमईआईएल ने ₹966 करोड़ रुपए के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे।

    सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में रद्द कर थी चुनावी बॉन्‍ड स्‍कीम

    गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गत फरवरी माह में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए राजनीतिक पार्टियों को दिए जाने वाले चंदे के लिए लाई गई इलेक्‍टोरल बॉन्‍ड स्‍कीम को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद इस स्‍कीम से जुड़ा पूरा डेटा एसबीआई की ओर से भारत के निर्वाचन आयोग को सौंपा गया. इसके बाद ईसीआई ने इसको सार्वजनिक तौर पर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर द‍िया था. इसके बाद चुनावी बॉन्‍ड खरीदारों की पूरी ल‍िस्‍ट सामने आई थी। इस पर विपक्ष ने चुनावी बॉन्‍ड कई बड़े खरीदारों के नाम सामने आने पर बीजेपी पर हमला बोला था।
  • अब भारत में भी जल्द खेती करेंगे रोबोट

    अब भारत में भी जल्द खेती करेंगे रोबोट

    सुभाष चंद्र कुमार 

    आज का समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का युग माना जा रहा है। पिछले कुछ समय से AI और रोबोटिक्स की खूब चर्चा हो रही है। अब इंसानों के हर काम को रोबोट्स कर रहे हैं। काफी तेजी से AI का चलन बढ़ते जा रहा है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी ऐसे कई वीडियो वायरल होते रहते हैं जिसमें ऐसे रोबोट्स दिखते हैं, जो किसी भी काम को इंसानों की तरह करते दिख रहे होते हैं।  अब जल्द ही रोबोट खेतों में काम करता हुए नजर आने वाले है ।

    समस्तीपुर पूसा डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित पौधा रोग एवं सूत्र कृमि विभाग के तकनीकी सहायक विवेक कुमार पटेल एवं सुभाषी कुमार ने बताया कि रोबोटिक खेती एक उत्कृष्ट तकनीक है जो कृषि क्षेत्र में उन्नति और सुधार का एक नया माध्यम प्रदान कर रही है। यह तकनीक किसानों को उनके खेतों की संचालन और उनकी परिसंवेदनशीलता में सहायक होती है। रोबोटिक खेती के उपयोग से कृषि कार्यों में कारगरता और उत्पादकता में वृद्धि  होती है, जिससे किसान अधिक समय और श्रम की बचत कर सकते हैं। इस तकनीक केअंतर्निहित लाभों में सटीकता, सहजता, और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी लेने की क्षमता शामिल है। रोबोटिक खेती के उपयोग से विविध प्रकार के कृषि कार्यों को स्वचालित रूप से पूरा किया जा सकता है, जैसे कि बुआई, खेत संचालन, और विविध फसलों की देखभाल। रोबोटिक खेती न केवल किसानों को विशेष तकनीकी समर्थन प्रदान करती है, बल्कि यह कृषि क्षेत्र में आधुनिकीकरण के माध्यम से समृद्धि और विकास की ओर पहुंचाती है।

    रोबोटिक खेती के लाभ

    रोबोटिक खेती के लाभ कई तरह के होते हैं। पहले तो, इससे कृषि कार्यों में मानव के श्रम की बचत होती है, जिससे किसान अधिक समय और श्रम को अन्य कार्यों में लगा सकते हैं। दूसरे, रोबोटिक खेती उत्पादकता में वृद्धि लाती है, क्योंकि यह खेतों के संचालन, बुआई, और फसलों की देखभाल को संवारण करने में मदद करती है। तीसरे, इससे खेती कार्यों की सटीकता बढ़ती है, जिससे फसल की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार होता है। चौथा, रोबोटिक खेती पर्यावरण के प्रति भी जिम्मेदारी लेने में सहायक होती है, क्योंकि इसमें कम या निलंबित कीटनाशकों का इस्तेमाल होता है, जो जल, हवा, और मिट्टी के प्रदूषण को कम करते हैं। अंत में, रोबोटिक खेती से आधुनिक तकनीकी समर्थन मिलता है, जिससे कृषि क्षेत्र की उत्पादनता और प्रदर्शन में सुधार होता है।

    भारतीय कृषि में रोबोटिक खेती का अनुप्रयोग

    भारतीय कृषि में रोबोटिक खेती का अनुप्रयोग किसानों के लिए एक बड़ा आविष्कार है। यह तकनीक कृषि कार्यों को स्वचालित रूप से संचालित करने में मदद करती है, जिससे खेती में उत्पादकता में वृद्धि होती है। रोबोटिक खेती में विभिन्न प्रकार के रोबोट्स और उपकरण किसानों को कई कार्यों को संपन्न करने में मदद करते हैं, जैसे कि बुआई, खेत संचालन, कीटनाशक छिड़कना, और सिंचाई। रोबोटिक खेती पर्यावरण के प्रति भी जिम्मेदारी लेने में सहायक होती है, क्योंकि इसमें कम या निलंबित कीटनाशकों का इस्तेमाल होता है, जो जल, हवा, और मिट्टी के प्रदूषण को कम करते हैं,  रोबोटिक खेती से आधुनिक तकनीकी समर्थन मिलता है, जिससे कृषि क्षेत्र की उत्पादनता और प्रदर्शन में सुधार होता है। इन रोबोट्स और उपकरणों का उपयोग किसानों को कई तरह की चुनौतियों से निपटने में मदद करता है, जैसे कि मनवीय श्रम की कमी, अधिक समय की उपलब्धता, और खेती संबंधित शैली में वृद्धि। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करता है कि कृषि कार्यों में समयबद्धता और सटीकता बनी रहती है, जिससे उत्पादकता में सुधार होता है। भारतीय कृषि में रोबोटिक खेती का अनुप्रयोग कृषि क्षेत्र को आधुनिक तकनीकी तरीके से समृद्ध करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

    रोबोटिक खेती के लिए उदाहरण

    रोबोटिक खेती के उदाहरण कृषि क्षेत्र में नए और आधुनिक तकनीकी तरीकों का प्रयोग करके किया जाता है। इसमें संगठन की रफ्तार और कार्य की सटीकता बढ़ती है, जिससे खेती में उत्पादकता में वृद्धि होती है। एक उदाहरण के रूप में, खेत संचालन रोबोट जो खेतों की सफाई, जैविक खाद और उर्वरक की वितरण, और सिंचाई कार्यों में मदद करता है। ये रोबोट विभिन्न संवेदनशीलता सेंसर्स का उपयोग करके खेत की स्थिति का विश्लेषण करते हैं और किसानों को सहायता प्रदान करते हैं। दूसरे उदाहरण के रूप में, बुआई रोबोट जो बुआई कार्य को स्वचालित रूप में संपन्न करता है, कीट प्रबंधन रोबोट ये रोबोट खेतों में कीटों और कीटपतंगों को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। वे विशेष तरीके से डिज़ाइन किए जाते हैं ताकि वे कीटों को पहचानें और निष्क्रिय करें, स्वच्छता और निगरानी रोबोट ये रोबोट खेतों की सफाई और निगरानी के लिए उपयोग किए जाते हैं तथा ये खरपतवार को निष्क्रिय करने, विशेष रूप से वायुमंडलीय प्रदूषण को कम करने और खेतों की स्वच्छता बनाए रखने में मदद करते हैं, जिससे समय और  श्रम  की बचत होती हैं। इन उदाहरणों से प्रकट होता है कि रोबोटिक खेती कृषि क्षेत्र को आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित करने में सहायक हो सकती है। रोबोटिक खेती का योगदान: उत्पादन और आर्थिक समृद्धि में सुधार रोबोटिक खेती ने भारतीय कृषि क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण योगदान प्रदान किया है। इस तकनीक के उपयोग से कृषि कार्यों की स्वचालितता में सुधार हुआ है, जिससे किसानों को अधिक समय और श्रम की बचत होती है। यह उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार लाता है, क्योंकि उन्हें अधिक उत्पन्नता और आय का स्रोत प्राप्त होता है। रोबोटिक खेती से कृषि कार्यों की सटीकता और वृद्धि होती है, जिससे फसलों की उत्पादकता में भी वृद्धि होती है। यह न केवल फसलों की उत्पादकता में वृद्धि करता है, बल्कि उत्पादन की गुणवत्ता में भी सुधार करता है, जिससे व्यापारिक और आर्थिक समृद्धि मिलती है। इस तकनीक का उपयोग करके भारतीय कृषि क्षेत्र को आधुनिक तकनीकी तरीके से सुसज्जित किया गया है, जिससे कृषि उत्पादन और आर्थिक समृद्धि में सुधार आया है।
    रोबोटिक खेती: भविष्य की दिशा में बढ़ते कदम: रोबोटिक खेती भविष्य में कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा सूचक है। यह तकनीक न केवल किसानों को उत्पादक ही नही बल्कि खेती से जुड़े कई क्षेत्रों में भी सुधार करती है। इसके साथ ही, रोबोटिक खेती से कृषि क्षेत्र में प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलती है, क्योंकि यह कीमिकल के इस्तेमाल को कम करती है और प्राकृतिक तरीके से कीटों का नियंत्रण करती है। भविष्य में, रोबोटिक खेती का प्रयोग और भी विस्तार से होने की संभावना है। यह कृषि कार्यों को और अधिक समृद्ध और सुगम बना सकती है और कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर सकती है। इसके साथ ही, यह कृषि क्षेत्र में नई रोजगार के अवसर भी प्रदान कर सकती है और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकती है।

  • अयोध्या के राम मंदिर से देश को हुआ कितना फायदा ?

    अयोध्या के राम मंदिर से देश को हुआ कितना फायदा ?

    अयोध्या में राम मंदिर में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में इस पूरे कार्यकर्म की झलक देखने को मिली वही श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से देश की economy में सनातन कारोबार का एक नया अध्याय बहुत ही मजबूती से जुड़ गया है। जिसके तेजी से देशभर में विकास की बड़ी संभावना देखी जा रही है। अकेले 22 जनवरी को ही देशभर में एक लाख से ज़्यादा कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इनमें 2 हजार शोभायात्रा, 5 हजार से अधिक फेरी, 1000 से अधिक श्री राम संवाद कार्यक्रम, 2500 से ज्‍यादा संगीतमय श्री राम भजन और श्री राम गीत कार्यक्रम आयोजित किए गए. 50 हजार से अधिक जगहों पर सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, अखंड रामायण और अखंड दीपक के कार्यक्रम किए गए तो 40 हज़ार से ज्यादा भंडारे व्यापारियों ने आयोजित किए । देश भर में करोड़ों की संख्या में श्री राम मंदिर के मॉडल, माला, लटकन, चूड़ी, बिंदी, कड़े, राम ध्वज, राम पटके, राम टोपी, राम पेंटिंग, राम दरबार के चित्र, श्री राम मंदिर के चित्र की भी ज़बरदस्त बिक्री हुई. करोड़ों किलो मिठाई और ड्राई फ्रूट की प्रसाद के रूप में बिक्री की गई. यह सब आस्था और भक्ति के सागर में डूबे लोगों ने किया और देश में ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा गया. Confederation of All India Traders (कैट) ने ये कहा कि एक मोटे अनुमान के अनुसार श्री राम मंदिर के कारण से देश में लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये का बड़ा कारोबार हुआ जिसमें अकेले दिल्ली में लगभग 25 हजार करोड़ तथा उत्तर प्रदेश में लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का सामान और सेवाओं के जरिए व्यापार हुआ।

    वही बात करे अयोध्या की तो अयोध्या राम जन्मभूमि मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है । अयोध्या भक्तों की भीड़ से भर गई है। पहले दिन दर्शन के लिए इतने लोग यहां शामिल हुए कि कई सारे लोग तो दर्शन भी नहीं कर पाए । 4000 संतों का ग्रुप भी आया । रामलला के दर्शन के लिए उमड़ी भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिसकर्मियों को पहले दिन दर्शन के लिए 50 हजार लोगों के पहुंचने की उम्मीद थी। लेकिन, करीब 5 लाख लोग अयोध्या पहुचे । ऐसे में पुलिस की ओर से विशेष योजना तैयार की गई। आनन-फानन में एक हजार सुरक्षाकर्मियों को अयोध्या राम मंदिर की व्यवस्था को संभालने के लिए तैनात किया गया। रामलला के दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ी है। इसको देखते हुए मंदिर में एंट्री को रोक दिया गया ।

    अब तक राम मंदिर को 5500 करोड़ रुपये का दान मिल चुका है. बता दें इस समय राम मंदिर ट्रस्ट के बैंक खाते 3 PSU बैंक में है. इसमें बैंक ऑफ बड़ौदा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक का नाम शामिल है. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, मंदिर ट्रस्ट की तरफ से कुछ समय पहले जानकारी शेयर की गई थी, जिसमें बताया गया था कि मार्च 2023 के आखिर तक बैंक की कुल जमा लगभग 3000 करोड़ रुपये थी. वहीं, ट्रस्ट ने मंदिर के निर्माण के लिए 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं.

    इसी बीच न्यूज एजेंसी PTI ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि के हवाले से जानकारी दी है कि राम मंदिर के निर्माण पर अब तक 1,100 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हो चुके हैं. हालांकि, अभी मंदिर का पूर्ण निर्माण करने के लिए 300 करोड़ रुपए की और जरूरत होगी. वही आपको बताते हैं राम मंदिर को बनाने में किसने कितना दान दिया है. राम मंदिर के निर्माण के लिए संत मोटारी बापू ने 18.6 करोड़ रुपये का दान दिया है । यह महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता भारत से 11.30 करोड़ रूपये, ब्रिटेन और यूरोप से 3.21 करोड़ रुपये और अमेरिका, कनाडा और विभिन्न अन्य देशों से 4.10 करोड़ रुपये के योगदान से एकत्र की गई थी. वेटरन एक्ट्रेस हेमा मालिनी ने भी राम मंदिर को गुप्त दान दिया है. इसके अलावा अक्षय कुमार समेत कई बॉलीवुड सेलेब्रिटीज ने भी करोड़ों का दान दिया है.

  • जवान दिखने के लिए बोटॉक्स को टक्कर देने आया स्पर्म  फेशियल

    जवान दिखने के लिए बोटॉक्स को टक्कर देने आया स्पर्म फेशियल

    आप में से कई लोगों ने 2023 में रिलीज हुई फिल्म Barbie जरूर देखि होगी । इस फिल्म में बार्बीलैंड दिखाया गया जिस दुनिया में हर तरह की बाबीं है। मोटी-पतली, काली-गोरी, छोटी-बड़ी। सब तरह की। कोई भेदभाव नहीं, क्योंकि सब बाबीं का ही अलग-अलग रूप है। फिल्म ‘बार्बी’ का मकसद यही बताना था कि हर कोई खूबसूरत है। कोई हमें पसंद करे, इसके लिए खुद को नहीं बदलना चाहिए। इस फिल्म के जरिए दर्शकों को message तो याचा खास मिल गया है लेकिन एसी फिल्मों में काम कर रही actress खुद अपनी सुंदरता को निखारने के लिए एक से एक महंगे treatment करवा कर रखती है ताकि उनकी स्किन जवान रहे खूबसूरत और glowing रहे जिन्हे देख आज कल ही young गर्ल्स इन्सपाइर हो कर extra beauty treatment की और बड़ रही है । मार्केट में एक से एक surgrey और treatments available है जो आपके lips , nose , eyes चेहरे के हर चीज को bold brights and beautiful बना सकती है । जवान दिखने के लिए लोग फेस फिलर से लेकर बोटॉक्स तक करवा रहे हैं. इसके अलावा भी कई ट्रीटमेंट मार्केट में आए दिन मशहूर हो रहे हैं. लेकिन अब जिस प्रोडक्ट की मांग बढ़ी है, उसके बारे में आपने शायद ही पहले कभी सोचा हो.

    सुंदरता के लिए महिलाएं आज कल खतरनाक से खरतरानक प्रोसेजर कराने से पीछे नहीं हटतीं. लोगों के मन में सुंदरता की एक छवि बैठ गई है. जिसमें महिला का गोरा, पतला और चमकती त्वचा बाला होना ही खूबसूरती कहलाता है. यही चीजें उनकी खूबसूरती का सबूत होती हैं. फिर इसे पाने के लिए कुछ महिलाएं किसी भी हद तक जाती हैं. बीते साल ब्राजील से सामने आए मामले को ही देख लीजिए. यहां Luana Andrade नाम की इन्फ्लुएंसर की लिपोसक्शन सर्जरी के दौरान cardiac arrest आने से मौत हो गई थी , मशहूर मॉडल किम कार्दशियन की हमशक्ल क्रिस्टीना एश्टन का 34 साल में प्लास्टिक सर्जरी के गलत होने के बाद cardiac arrest से उनकी मौत हो गई । अर्जेंटीना के फेमस एक्ट्रेस सिल्विना लूना की भी गलत प्लास्टिक सर्जरी के कारण मौत हो गई है। 2022 में kannada actress चेतना राज की प्लास्टिक सर्जरी के दौरान हुई एक गलती की वजह से उनका मृत्यु हो गई थी । bollywood industry में भी कई ऐसी एक्ट्रेसेस हैं, जिन्हें सर्जरी करवाना काफी महंगा पड़ गया और उनका पूरा चेहरा ही बर्बाद हो गया। अनुष्का शर्मा , आयशा टाकिया , राखी सावंत , वकोईना मित्रा कैटरीना कैफ , श्रीदेवी जैसी बड़ी actress इसका शिकार बन चुकी है ।

    जवान दिखने के लिए लोग बोटॉक्स जैसे ट्रीटमेंट तो करवा ही रहे है . लेकिन अब एक ऐसी चीज की मांग बढ़ रही है, जिसका एंटी एजिंग ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल हो रहा है. ये सैल्मन मछली का स्पर्म है. आपको बता दे की अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, हफ्ते में एक बार सालमन मछली खाने से हार्ट अटैक और दिल से जुड़े रोगों से मदद मिलती है । सालमन मछली का इस्तेमाल वजन घटाने के काम भी आ सकता है। सूजन को कम करने के लिए सालमन मछली का use किया जा सकता है। दिमाग की Efficiency बढ़ाने के लिए भी सालमन मछली के फायदे देखे जा सकते हैं , कैंसर से बचने के लिए भी सालमन मछली का सेवन किया जा सकता है। विटामिन-बी और विटामिन-डी के रूप में भी सालमन मछली के फायदे देखे जा सकते हैं। कभी-कभी किसी वजह से मूड ठीक नहीं रहता, जिसे सुधारने के लिए भी सालमन का सेवन फायदेमंद होता है । बालों को healthy बनाए रखने के लिए भी सालमन मछली का इस्तेमाल किया जाता है । वही अब महिलाएं इससे फेशियल करवा रही हैं. ये बीते कुछ महीने से काफी चर्चा में है. डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, हॉलीवुड स्टार जेनिफर एनिस्टन जैसे मशहूर चेहरे इसे पसंद करते हैं. इसके जरिए होने वाले स्किन ट्रीटमेंट में सैल्मन मछली के स्पर्म से मिलने वाले पदार्थ को एक छोटी सुई के सहारे चेहरे पर लगाया जाता है. ये प्रोडक्ट सैल्मन मछली के स्पर्म का ही एक हिस्सा है, जिसे साफ करने के बाद इस्तेमाल किया जाता है. इंजेक्शन को कोलेजन, नए खून और पोषक तत्वों को स्टिमुलेट पानी उत्तेजित करने के लिए आंखों के आसपास की स्किन पर लगाया जाता है. इसके कारण त्वचा की tightness और चिकनेस, मुहासे, लालपन और सूजन जैसी स्थिति में सुधार होता है. मीडिया रिपोर्ट में Skin Experts के हवाले से बताया गया है कि ये बोटॉक्स से ज्यादा सही है. इसे Natural बताया गया है. एक्सपर्ट का कहना है कि बोटोक्स और फिलर अभी भी पोपुलर हैं और चेहरे की structure, झुर्रियों में कमी और उसे पतला करने के लिए Effective है. सैत्मन स्पर्म फेशियल के एक सेशन का खर्च 275 पाउंड (करीब 28 हजार रुपये) है. इसमें बेहतर नतीजों के लिए दो से तीन बार ट्रीटमेंट लेना पड़ता है । कई हॉलीवुड एक्ट्रेस जैसे- ग्वेनेथ पाल्ट्रो और स्टेला मेकार्टनी ने स्पर्म फेशियल या सीमन फेशियल करवाया है और कहा कि इससे उनकी त्वचा चमकदार और टाइट रहती है। साथ ही झुर्रियां और फाइन लाइंस कम होती हैं। इस फेशियल में ताजे स्पर्म से चेहरे पर 30 मिनट तक मसाज किया जाता है ताकि यह त्वचा में समा जाए और चेहरे पर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाए। फिर इसे 20 मिनट के लिए फेस मास्क के रूप में लगाया जाता है। इसे साफ करने के बाद एक खास सीरम लगाया जाता है। बताया जाता है कि स्पर्म में स्पर्मिन नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो त्वचा को तरोताजा रखता है। स्पर्म में मौजूद प्रोटीन कम्पोनेंट भी त्वचा को लाभ पहुंचाती है। हालांकि, डॉक्टरों की सलाह के बाद ही सीमन फेशियल एक्सपर्ट्स से करवाना चाहिए।

  • Sahara India : बिकने लगी है सहारा की सम्पत्ति, सहारा अस्पताल से हुई शुरुआत

    Sahara India : बिकने लगी है सहारा की सम्पत्ति, सहारा अस्पताल से हुई शुरुआत

     

    क्या सुब्रत रॉय के निधन के बाद सहारा को कब्जाने का खेल शुरू हो गया है ? क्या सहारा की सम्पत्ति बिकने लगी है ? क्या सहारा ग्रुप की सारी सम्पत्ति बेच दी जाएगी ? सहारा की कौन कौन से सम्पत्ति बिकने वाली है ?  आइये आपको बताते हैं कि सहारा का अब क्या होने वाला है ?

     

    यदि सुब्रत रॉय की आत्मा कहीं से देख रही होगी तो। उनकी समझ में आ जाएगा कि जिन लोगों ने लिए उन्होंने अपने कर्मचारियों और जमाकर्ताओं के साथ निवेशकों को ठगा वे ही उनके साम्राज्य को समाप्त करने में लग गए हैं। जी हां मैं बात कर रही हूं सहारा की संपत्ति की। सहारा की सम्पत्ति बिकनी शुरू हो चुकी है। सबसे पहले सहारा अस्पताल का नंबर आया है। शून्य से शिखर तक का सफर तय करने वाले सुब्रत रॉय के निधन के तुरंत बाद सहारा अस्पताल बेक दिया गया है।

    जानकारी मिल रही है कि प्राइवेट हेल्थ केयर प्रोवाइडर मैक्स हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट लिमिटेड ने सहारा हॉस्पिटल को खरीद लिया है। मैक्स के 8 दिसंबर को लगभग 125 करोड़ रुपये में स्टारलिट मेडिकल सेंटर प्राइवेट लिमिटेड की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के खरीद समझौते पर साइन करने बात सामने आई है। अब मैक्स के पास इस हॉस्पिटल का मालिकाना हक हो जाएगा।

     

    ऐसे में प्रश्न उठता है कि सुब्रत रॉय के निधन के बाद ऐसा कौन व्यक्ति है जो सहारा की सम्पत्ति बेचने में लग गया है ? किस व्यक्ति के पास सहारा की सम्पत्ति बेचने का अधिकार है ? निवेशकों को भुगतान किये बिना सहारा की सम्पत्ति कैसे बिक रही है ?

    सहारा की संपत्ति सेबी की सहमति से बेची जा रही है ?क्या एक-एक कर सहारा की सारी संपत्ति बेच दी जाएगी ? यदि ऐसे ही सहारा की संपत्ति बिकती रही तो फिर सहारा निवेशकों का भुगतान कैसे होगा ? ऐसे में बड़ा प्रश्न यह भी है कि भुगतान के लिए तो सहारा की एक पैसे की संपत्ति नीलाम तो नहीं हुई थी पर बिकने कैसे लगी ? दरअसल सुब्रत राय कहते रहे हैं कि सहारा में कोई भी संपत्ति किसी व्यक्ति विशेष की नहीं है।सहारा की संपत्ति सहारा के कर्मियों की है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि यदि सहारा की किसी संपत्ति व्यक्ति विशेष की नहीं है तो फिर यह कौन व्यक्ति है जो इसे बेक रहा है ?इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि सहारा में जहां बड़े स्तर पर कर्मचारियों का बकाया भुगतान है वहीं दूसरी ओर निवेशक अपने भुगतान के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे हैं।निवेशकों की लड़ाई लड़ रहे ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा, ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार, विश्व भारतीय जन सेवा संस्थान, अखिल भारतीय जन कल्याण मंच, रंग दे बसंती संगठन भुगतान के लिए सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं। ऑल इंडिया संघर्ष न्याय मोर्चा भुगतान के लिए २७ दिसम्बर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर बड़ा प्रोटेस्ट करने जा रहा है। विश्व जन सेवा संस्थान इसी महीने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करने जा रहा है। ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार भारत यात्रा पर है तो जकार्ता पीड़ितों की आवाज संगठन जागरूकता अभियान चलाये हुए है।

    दरअसल 2016 में खबर सामने आ थी कि सहारा समूह 14 राज्यों में अपनी 47,00 एकड़ जमीन बेचने जा रहा था। इस जमीन को एचडीएफसी रियल्टी और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स की ओर से ब्रिकी के लिए रखा गया था। इस जमीन से सहारा को 65,00 करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद जताई जा रही थी।

    दरअसल सहारा के पास जहां बड़े स्तर पर बिल्डिंग है वही 33,633 एकड़ जमीन भी है। इसमें लोनावला के नजदीक एम्बे वैली की 10,600 एकड़ जमीन भी शामिल है। इसके अलावा सहारा के पास 1,000 जमीन लखनऊ में भी है जहां उसका मुख्यालय है। 2016  में जब सुब्रतो रॉय और समूह के निदेशक अशोक रॉय चौधरी को सुप्रीम कोर्ट ने चार सप्ताह की पैरोल दी थी। तब कोर्ट ने कहा था कि सहारा बैंक गारंटी के लिए अपनी संपत्ति बेचकर 5000 करोड़ रुपये जुटा सकता है तथा 5,000 करोड़ रुपये और जुटाकर सुब्रत रॉय को जमानत मिल सकती है।

    बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एचडीएफसी रियल्टी और एसबीआई कैपिटल को सहारा की 60 फीसद संपत्तियों को नीलाम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।नीलामकर्ताओं को उम्मीद थी  कि वे इस नीलामी से 65 हजार करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त कर लेंगे।  लेकिन सुब्रत राय ने न तो किसी जगह की कोई जमीन बिकने दी और न ही नीलाम होने दी।

    उस समय एक अख़बार में खबर छपी थी कि सहारा समूह के पास मध्य प्रदेश के उज्जैन समेत राजस्थान के अजमेर, यूपी के अलीगढ़, बहराइच, बरेली, मुजफ्फरनगर, लखनऊ, नोएडा, असम के गुवाहटी, तमिलनाडु के सालेम तथा गुजरात के पोरबंदर और बडौदा जैसी जगहों पर जमीन है। मुबंई के वर्सोवा में तो सहारा के पास अलग से 106 एकड़ जमीन है। तीन वर्ष पहले प्लॉट की कीमत 19300 करोड़ रुपये थी। हालांकि बाद में पता चला कि यह दलदली भूमि है जिस पर तटीय वनस्पतियां रहती हैं जिसे विकसित नहीं किया जा सकता।

  • माता लक्ष्मी के नाम पर रखा गया है ब्यूटी ब्रांड Lakmé का नाम

    माता लक्ष्मी के नाम पर रखा गया है ब्यूटी ब्रांड Lakmé का नाम

    Lakmé की यात्रा

    LAKME, 1952-NOW
    LAKME, 1952-NOW

    Lakme, भारत में एक जाना मन ब्यूटी ब्रांड और प्रोडक्ट है, जिसके पास 1952 में अपनी स्थापना के समय से चली आ रही एक गौरवशाली विरासत है। इसमें टाटा ग्रुप की सहायक के रूप में स्थापित, ब्रांड ने अपना नाम जो की प्रशिद्ध ओपेरा “Lakme” से लिया गया है, जो अनुग्रह का प्रतीक है। जिसके बाद खूबसूरती या यूँ कहें की अपने प्रोडक्ट्स लांच होने के बाद से, लैक्मे पुरे भारत में अपना स्टैण्डर्ड और और भारत को कुछ नया देने के लिए सबसे पहला ब्यूटी ब्रांड नाम बना।

    क्यों और कैसे माता लक्ष्मी का नाम जुड़ा है Lakmé ब्रांड नाम से ?

    Hindustan Unilever Limited
    Hindustan Unilever Limited

    लैक्मे एक भारतीय सौंदर्य प्रसाधन ब्रांड है, जिसका ओनरशिप हिंदुस्तान यूनिलीवर के पास है। इसका नाम फ्रांसीसी ओपेरा लैक्मे के नाम पर रखा गया था, जो माता लक्ष्मी के लिए फ्रांसीसी शब्द है जो अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। इसे 1952 में टाटा ऑयल मिल्स की 100% सहायक कंपनी के रूप में शुरू किया गया था, उस समय प्रसिद्ध रूप से प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू चिंतित थे कि भारतीय महिलाएं सौंदर्य उत्पादों पर बहुमूल्य विदेशी मुद्रा खर्च कर रही थीं और उन्होंने जेआरडी टाटा को भारत में उनका निर्माण करने के लिए राजी किया था। सिमोन टाटा कंपनी में निदेशक के रूप में शामिल हुईं और चेयरपर्सन बन गईं।1998 में, टाटा ने लैक्मे में अपनी हिस्सेदारी हिंदुस्तान यूनिलीवर को ₹200 करोड़ (US$48.46 मिलियन) में बेच दी।

    स्थापना और प्रारंभिक वर्ष

     

    LAKME in 1952
    LAKME in 1952

    लक्मे ब्रांड की यात्रा भारतीय के ग्राहकों की बढ़ती डिमांड की वो सुन्दर दिखे और उनकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए शुरू किया गया। लैक्मे ने ऐसे समय पर बाज़ार में एंट्री लिया जब भारत में कॉस्मेटिक ब्रांड बहोत काम था। इसकी शुरूआत ने एक बहोत ही ज़रूरत बदलाव किया, जिसमें कॉस्मेटिक और त्वचा देखभाल उत्पादों की एक अलग तरीके की पेशकश की गई जो भारतीय महिलाओं की बहोत ही अलग तरह की स्किन टोन और पसंदीदा के अकॉर्डिंग थी।

    पारंपरिक भारतीय तत्वों और कुछ नया के मिश्रण को अपनाते हुए, लैक्मे का उद्देश्य लोगों की नेचुरल ब्यूटी को बढ़ाकर उन्हें मज़बूत बनाना है। क्वालिटी और पहुंच के प्रति अड़चन के साथ, ब्रांड ने तेजी से वाह वाही हासिल की और घर-घर में पसंदीदा बन गया।

    विकास और प्रभाव 

    LAKME, Grand Opera
    LAKME, Grand Opera

    दशकों से, लैक्मे लगातार बढ़ता ही चला आ रहा है, जो अपने मूल मूल्यों को बनाए रखते हुए बदलते सौंदर्य रुझानों को दर्शाता है। इसने सौंदर्य को आकार देने, नया फॉर्मूलेशन पेश करने और मेकअप और त्वचा देखभाल में नई तकनीकों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    लैक्मे के महत्वपूर्ण मील के पत्थर में से एक प्रमुख फैशन कार्यक्रमों के साथ इसका सहयोग था। ब्रांड हाई फैशन और ग्लैमर का पर्याय बन गया, अपने उत्पादों को प्रतिष्ठित रनवे पर प्रदर्शित किया और प्रसिद्ध डिजाइनरों के साथ सहयोग किया। इस एसोसिएशन ने लैक्मे की स्थिति को ऊंचा किया और देश भर में फैशन और सौंदर्य रुझानों पर इसके प्रभाव में योगदान दिया।

    उत्पाद रेंज और नयापन 
    LAKME product
    LAKME product

    लैक्मे की उत्पाद श्रृंखला में इसके व्यापक उपभोक्ता आधार की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किए गए सौंदर्य प्रसाधनों और त्वचा देखभाल समाधानों की एक विविध श्रृंखला शामिल है। फाउंडेशन और लिपस्टिक से लेकर त्वचा की देखभाल के लिए आवश्यक वस्तुओं तक, ब्रांड अत्याधुनिक तकनीक और अनुसंधान का लाभ उठाते हुए लगातार नए और नवोन्मेषी उत्पाद पेश करता है।

    नया विचार के प्रति ब्रांड की प्रतिबद्धता त्वचा देखभाल जैसे क्षेत्रों में इसके प्रवेश से स्पष्ट होती है, जहां इसने अलग स्किन से लेकर चिंताओं को संबोधित करते हुए उन्नत फॉर्मूलेशन और उत्पाद पेश किए हैं। इसके अतिरिक्त, लैक्मे का व्यापक पर जोर अद्भुत है, क्योंकि यह विविधता और वैयक्तिकता का जश्न मनाते हुए त्वचा टोन के व्यापक स्पेक्ट्रम के लिए उपयुक्त रंग और उत्पाद देता है।

    सामुदायिक सहभागिता एवं सशक्तिकरण

     

    LAKME
    LAKME

    अपने उत्पादों के अलावा, लैक्मे लोगों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से सामुदायिक पहल में सक्रिय रूप से शामिल रहा है। आत्म-अभिव्यक्ति और आत्मविश्वास को बढ़ावा देने वाले अभियानों के माध्यम से, ब्रांड ने लोगों को अपनी अनूठी सुंदरता को अपनाने और अपनी पहचान का जश्न मनाने के लिए प्रोत्साहित किया है।

    इसके अलावा, महिला सशक्तिकरण का समर्थन करने वाले शैक्षिक कार्यक्रमों और पहलों में लैक्मे की भागीदारी सामाजिक कल्याण के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। महिलाओं के बीच कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देकर, ब्रांड व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के अवसर पैदा करने का प्रयास करता है।

     

  • तो क्या आभार जताने शरद पवार से मिले हैं गौतम अडानी ?

    तो क्या आभार जताने शरद पवार से मिले हैं गौतम अडानी ?

    एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने जेपीसी जांच की मांग को दरकिनार कर अडानी की तारीफ की थी

    ऐसे ही नहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने हिडनबर्ग रिपोर्ट और लोकसभा में जेपीसी की मांग को लेकर गौतम अडानी का बचाव नहीं किया था ? जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अडानी से अपनी दोस्ती निभा रहे हैं वैसे ही शरद पवार भी गौतम अडानी से अपनी दोस्ती निभा रहे हैं। दरअसल बुधवार को गौतम अडानी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से उनके मुंबई स्थित बंगले पर मुलाकात की। यह मुलाकात लगभग डेढ़ घंटे तक चली। शरद पवार गौतम अडानी के पुराने दोस्त बताए जाते हंै। दरअसल एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कुछ दिन पहले बयान दिया था कि अडानी मामले में जेपीसी के जरिये जांच की आवश्यकता नहीं है। इसके बाद गौतम अडानी पहली बार शरद पवार से मिले हैं। गौतम अडानी और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की मुलाकात सिल्वर ओक बंगले में हुई है।
    बताया जा रहा है कि दोनों के बीच बंद कमरे में डेढ़ घंटे तक चर्चा चली। हालांकि दोनों के बीच क्या चर्चाएं हुईं यह बात अभी सामने नहीं आ पाई है। दरअसल गौतम अडानी आज सुबह १० बजे अपनी काली कार से सिल्वर ओक स्थित शरद पवार के आवास पर पहुंचे। इसके बाद दोनों के बीच बंद कमरे में बातचीत हुई। गौतम अडानी के बीच वास्तव में क्या बात हुई। इसके बारे में न तो अडानी और न ही शरद पवार ने कुछ बोला है। यह बात पता चला है कि दोनों की मुलाकात के बीच कोई तीसरा मौजूद नहीं था।
    शरद पवार ने कहा था कि गौतम अडानी मामले में जेपीसी यानी संयुक्त संसदीय समिति की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने इसकी वजह भी बताई है। पवार ने कहा था कि मैंने कभी हिंडनबर्ग का नाम भी नहीं सुना है। शरद पवार ने यह भी कहा था कि उस कंपनी की रिपोर्ट पर कैसे भरोसा किया जाए। साथ ही उन्होंने जेपीसी यानी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के खिलाफ भी स्टैंड लिया है।

  • Adani Share Price : अडानी ग्रुप के शेयर गुलजार, आज सभी 10 शेयरों में उछाल, जानें किन में लगा अपर सर्किट

    Adani Share Price : अडानी ग्रुप के शेयर गुलजार, आज सभी 10 शेयरों में उछाल, जानें किन में लगा अपर सर्किट

    Adani Stock Opening Today: अडानी शेयरों के निवेशकों की आज चांदी ही चांदी है क्योंकि इसके सभी 10 शेयरों में उछाल दर्ज किया जा रहा है. कुछ शेयरों में तो अपर सर्किट लगा हुआ है.

    Adani Stock Opening Today: अडानी समूह के शेयरों के लिए आज का दिन अच्छी तेजी के साथ आरंभ हुआ है. अडानी समूह के 10 में से 10 शेयर ही तेजी के साथ हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं. इसके अलावा कई शेयरों में अपर सर्किट भी देखा जा रहा है और शेयरों की तेजी के दम पर अडानी समूह के शेयरों का मार्केट कैप ऊपर चढ़ रहा है.

    आज किन अडानी शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी

    आज के कारोबार में अडानी समूह के जो शेयर सबसे ज्यादा चढ़ रहे हैं उनमें अडानी ग्रीन और अडानी ट्रांसमिशन में तो 5-5 फीसदी का अपर सर्किट लगा हुआ है. इसके साथ साथ अडानी टोटल गैस लिमिटेड का स्टॉक 3.7 फीसदी की मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है. अडानी ट्रांसमिशन में 1000 रुपये से ऊपर के लेवल देखे जा रहे हैं.

  • आंध्र में 50 हजार नई नौकरी देगा रिलायंस, मुकेश अंबानी का बड़ा ऐलान

    आंध्र में 50 हजार नई नौकरी देगा रिलायंस, मुकेश अंबानी का बड़ा ऐलान

    10 गीगावाट सोलर पॉवर में किया जाएगा निवेश

    रिलायंस आंध्र प्रदेश में 50  हजार रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा और देशभर में आंध्र के उत्पादों को पहुंचाने के लिए रिलायंस रिटेल, प्रदेश से कृषि, कृषि आधारित उत्पादों और अन्य  उत्पादों की अधिक से अधिक खरीद करेगा। साथ ही 10  गीगावाट सोलर पॉवर प्लांट में रिलायंस निवेश करेगा। आंध्र प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023  में रिलायंस

    इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने यह घोषणा की

    आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की उपस्थिति में मुकेश अंबानी ने रिटेल सेक्टर में क्रांति का जिक्र करते हुए कहा कि रिलायंस रिटेल ने आंध्र प्रदेश के 6  हजार गांवों में एक लाख 20  हजार से अधिक किराना व्यापारियों के साथ साझेदारी की है। डिजिटल युग में भी छोटे व्यापारी फलफूल सकें । इसके लिए उन्हें आवश्यक उपकरणों से लैस किया गया है। रिलायंस रिटेल ने आंध्र प्रदेश में 20,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार और बड़ी संख्या में अप्रत्यक्ष रोजगार दिये हैं।
    रिलायंस जियो के बारे में बात करते हुए मुकेश अंबानी ने बताया कि जियो ट्रूजी का रोल आउट आंध्र प्रदेश समेत पूरे भारत में 2023  के अंत से पहले पूरा हो जाएगा। 40000  करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करके जियो ने राज्य में सबसे बड़ा और सबसे बेहतरीन डिजिटल नेटवर्क फुटप्रिंट बनाया है, जो प्रदेश की 90  फीसदी आबादी को कवर करता है। जियो ट्रू ५जी से अर्थव्यवस्था की नई गति मिलेगी और बड़े पैमाने पर व्यापार और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
    आंध्र प्रदेश की विशाल आर्थिक क्षमता की प्रशंसा करते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस प्रदेश की आर्थिक ताकत पर विश्वास करने वाली पहली कुछ भारतीय कंपनियों में से एक रही है प्रदेश में हमने अपने बेसिन और उसकी पाइपलाइन पर 1,50,000 करोड़ से अधिक का निवेश किया है। जल्द ही बेसिन, भारत के कुल गैस उत्पादन में लगभग 30 फीसदी का योगदान करने लगेगा।
    आंध्र प्रदेश की खूबियां गिनाते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि यहां शानदार उद्योगों और उद्योगपतियों की लंबी कतार है खासतौर पर फार्मा और इंफ्रास्ट्रक्चर में और सबसे ऊपर आंध्र के पास विशाल समुद्री सीमा है जो एक ब्लू इकोनॉमी में बदलने की ताकत रखती है। उन्होंने भरोसा जताया कि आंध्र नए भारत की विकास गाथा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

  • Hindenburg Research Company खुद कितनी पाक साफ ?

    Hindenburg Research Company खुद कितनी पाक साफ ?

    Hindenburg Research: हाल ही में Gautam Adani ने दुनिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी का तगमा हासिल कर लिया था। लेकिन हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी की एक रिपोर्ट आने के बाद अडानी टॉप 10 की सूची से भी बाहर हो गए हैं । मतलब हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने समूचे अडानी साम्राज्य की नींव हिला दी है। स्थिति यह है कि गौतम अडानी की नेटवर्थ लगातार गिरती जा रही है । इन हालातों में Hindenburg Research Company के बारे में लोगों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है । तो आज हम आपको इस कंपनी के बारे में मौजूदा जानकारी के मुताबिक बताने की कोशिश करेंगे कि असल में इस कंपनी का आधार क्या है और यह कंपनी कितनी पाक साफ है। यह कंपनी किस तरह से पैसे कमाती है। कंपनी का काम करने का तरीका क्या है ?

    दरअसल, 25 जनवरी को अडाणी ग्रुप की कंपनियों के बारे में  ‘हिंडनबर्ग’ ने एक रिपोर्ट जारी की । हिंडनबर्ग रिपोर्ट का टाइटल रहा – ‘दुनिया का तीसरा सबसे अमीर आदमी किस तरह कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा धोखा कर रहा है’ ।  रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी से जुड़े 3 बड़े आरोप लगाए गए हैं जो की हैं- और 88 सवालों का जवाब भी मांगा गया है । शेयर कीमतों को असली कीमतों से बढ़ाकर बेचने, मनी लॉन्ड्रिंग और accounting fraud के आरोप रिपोर्ट में लगाए गए हैं ।

    Gautam Adani
    Gautam Adani

    देखने की बात यह है कि बीते 3 साल में जहां  पूरी दुनिया को loss हुआ  है वहीं अडानी की नेटवर्थ लगातार बढ़ी, जिसमें सबसे ज्यादा फायदा उन्हें शेयर मार्केट से हुआ। 120 बिलियन में से 109 बिलियन US डॉलर की कमाई केवल शेयर मार्केट वैल्यू की वृद्धि से हुई है। ऐसे में हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी पर आरोप है कि वो अपनी कंपनी के शेयर को उनकी वास्तविक कीमत से 85% ज्यादा वैल्यू पर बेच रहे हैं और SEBI  जिसका काम है शेयर मार्केट में धोखड़ाडी को रोकना है वह इस पर चुप्पी साधे हुए है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी ग्रुप की कंपनी की वृद्धि का कारण बैंकों से लिया अंधाधुन लोन है।

    अब ऐसे में इतने आरोप लगाने वाली हिंडनबर्ग कंपनी का आधार क्या है ? यह कब बनी है और क्यों बनी है इसका इतिहास  क्या है ? एसे ही इस कंपनी पर बड़े सवाल खड़े हो जाते हैं । आखिर कौन है अमेरिकी नेथन एंडरसन जिसकी रिसर्च कंपनी पर आरोप है कि अडानी के ज़रिए, ये भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का काम कर रही है । अडानी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाने वाली कंपनी, खुद कितनी पाक साफ है ?

    Nathan Anderson
    Nathan Anderson

    नेथन एंडरसन: हिंडनबर्ग कंपनी का मालिक

    हिंडनबर्ग कंपनी का मालिक नेथन एंडरसन ने अमेरिका के कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल बिजनेस विषय में ग्रेजुएशन पूरी की है । ग्रेजुएशन के बाद नेथन एंडरसन ने डाटा रिसर्च कंपनी में नौकरी की और उधर ही उसे पैसों के इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट से जुड़ा काम मिला । अपनी नौकरी के ज़रिए ही एंडरसन डेटा और शेयर मार्केट की बारीकियों को समझने लगा। उसे इस बात का अंदाजा हो गया था कि शेयर मार्केट दुनिया के पूंजीपतियों का सबसे बड़ा अड्डा है लेकिन इसमें काफी कुछ ऐसा हो रहा है जो आम लोगों की समझ से बाहर है । इसी के चलते एंडरसन के दिमाग में फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी शुरू करने का खयाल आया, जिसके परिणामस्वरूप 2017 में एंडरसन ने ‘हिंडनबर्ग’ नाम से  कंपनी की शुरुआत की। विकिपीडिया के अनुसार इस कंपनी के फिलहाल 9 employees हैं, वहीं इसके headquarters New York में है, लेकिन किसी के पास भी कंपनी का असली अता-पता नहीं है ।

    Hindenburg
    Hindenburg

    कैसे पड़ा कंपनी का नाम ?

    6 मई 1937 को  ब्रिटेन के मैनचेस्टर शहर में हिंडनबर्ग नाम का एक जर्मन एयर स्पेसशिप उड़ान भरते समय हवा में ही क्रैश हो गया था। इस हादसे में 35 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी।  इस हादसे को एक ‘Man made disaster’ कहा जाता है । क्योंकि जांच के बाद पता चला कि इस विमान के हाइड्रोजन गुब्बारों में आग लगने की वजह से ये घटना घटी थी । रिपोर्ट में पता चला कि कंपनी ने नियमों का पालन किए बिना क्षमता से ज्यादा लोगों को इस विमान में बैठा  दिया था। नेथन एंडरसन के मुताबिक इस हादसे को टाला जा सकता था , इसलिए ये नाम रखने का मकसद सिर्फ एक था कि हिंडनबर्ग की तर्ज पर शेयर मार्केट में profit कमाने के लिए हो रही गड़बड़ियों पर नजर रखकर उसकी पोल खोलना। ताकि शेयर मार्केट में घोटालों की वजह से होने वाले किसी क्रैश को पहले ही रोका जा सके।

    Hindenburg Research Company
    Hindenburg Research Company

    क्या है ‘modus operandi’ हिंडनबर्ग की ?

    हिंडनबर्ग कंपनी ने 2 साल की रिसर्च के बाद अडानी ग्रुप के खिलाफ अपनी रिपोर्ट जारी की, इस रिपोर्ट को पढ़कर ये साफ समझ आता है कि, हिंडनबर्ग कंपनी ने अडानी के शेयर गिराने के लिए ये रिपोर्ट साझा की । कंपनी के ‘modus operandi’ और इतिहास से ही ये साफ होता है । हिंडनबर्ग का काम  basically –  शेयर मार्केट, equity, क्रेडिट और derivatives (डेरिवेटिव्स) पर रिसर्च करना है। अपनी रिसर्च के ज़रिए ही ये कंपनी profit कमाती है । आसान भाषा में समझे तो हिंडनबर्ग short bets के ज़रिए अपनी कमाई करती है। दरअसल, हिंडनबर्ग कंपनी  ‘short selling company’  है । और अपनी इसी  ‘short selling’ tactic और रिसर्च के बलबूते पर अपना और अपने इन्वेस्टर्स का फायदा कराती है, वहीं targeted company का loss और खुद का profit करवाती है । आखिर ये ‘short selling’ technique क्या है ? तो आइए समझाते हैं आपको

    दरअसल, शेयर मार्केट से पैसा कमाने के दो मुख्य तरीके हैं : लांग पोजिशन और शॉर्ट पोजिशन । लांग पोजीशन के ज़रिए आप कंपनी के profit पर  profit कमाते हो, वहीं शॉर्ट पोजिशन के ज़रिए आप कंपनी के loss पर फायदा उठाते हैं ।

    मान लीजिए किसी कंपनी या व्यक्ति ने 100 रुपए में किसी कंपनी के शेयर खरीदे और 150 रुपए में बेच दिए। ऐसे में उसे 50 रुपए का लाभ मिलता है। इस तरीके को लांग पोजीशन कहते हैं।

    इसी तरह मान लीजिए कि हिंडनबर्ग कंपनी ने शेयर मार्केट से जुड़ी किसी A कंपनी से एक महीने के लिए 10 शेयर उधार लिए और B को बेच दिए। इस वक्त बाजार में एक शेयर की कीमत 1000 है और उसने उसी कीमत में B को बेचे हैं। अब हिंडनबर्ग को भरोसा है कि उसकी रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद अडाणी के शेयर की कीमत गिरेगी।

    अब मान लीजिए रिपोर्ट पब्लिश होते ही अडाणी के एक शेयर का भाव 1000 से गिरकर 700 हो गया। ऐसे में हिंडनबर्ग अब बाजार से 700 रुपए में 10 शेयर खरीदकर A कंपनी को लौटा देगा। इस तरह हिंडनबर्ग को एक शेयर पर 300 रुपए तक लाभ मिलता है। इसे ही शॉर्ट पोजिशन कहते हैं।

    और ये ही शॉर्ट पोजिशन वाला दांव हिंडनबर्ग खेलता है । इसी दांव के साथ नेथन एंडरसन की कंपनी ने अडानी को बड़ा झटका दिया । हिंडनबर्ग की रिसर्च ने कहा कि उसने अडानी ग्रुप ऑफ कंपनीज में शॉर्ट पोजिशन होल्ड की है, US-traded bonds के ज़रिए । यानी अडानी एक डुबता हुआ जहाज है, इसलिए वो बल्क में अपने बॉडंस सैल करेगा ।

    अब ऐसे में सवाल उठता है कि, Short selling companies ko कौन शेयरस या बॉन्डस उधार देता है, जिससे फायदा सिर्फ इन Short selling companies को और इनके investors को होता है, और किसी को नहीं ।

    Nathan Anderson
    Nathan Anderson

    Hindenburg का Narrative

    हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के ध्यान से पढ़ने पर आपको पता चलेगा  कि उन्होंने अडानी के खिलाफ एक Narrative set किया है। रिपोर्ट में अडानी पर इल्ज़ाम लगाने के साथ-साथ ये भी कहा गया है कि, अडानी अपने हाल ही के इंटरव्यू के मुताबिक criticism का open mind से स्वागत करते हैं, लेकिन वहीं वो दूसरी साइड अपने लिंक और political connection के जरिए उन critical journalists or commentators की आवाज़ दबाने की कोशिश करते हैं । इसी के साथ, इस रिपोर्ट पर सवाल तब खड़े होते हैं जब ये रिपोर्ट उस वक्त सामने आती है,  जब Adani Enterprises 27 जनवरी 2023 को, अपने निवेशकों के लिए 20,000 करोड़ के शेयरों का ऑफर रिलीज करने को तैयार में था। यानि की अडानी इंडिया का अभी तक का सबसे बड़ा FPO यानी, (Follow on Public Offer) लेके आ रहा था।  ये शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी की ओर से पेश किया जाता है। इसके तहत कंपनी पूंजी जुटाने के लिए नए शेयर अपने मौजूदा और नए शेयरधारकों को जारी करती है।.लेकिन तभी 24- 25 को हिंडनबर्ग ने अडानी के खिलाफ अपनी रिपोर्ट पेश की जिसके बाद अडानी के शेयर गिरते चले गए, हाल ये रहे कि अडानी ग्रुप के इनवेस्टर्स ने कुल मिलाकर 2 फरवरी तक 10 लाख करोड़ गवाए। सबके बीच फायेदा सिर्फ हिंडनबर्ग और उनके investors को हुआ ।

    ये पहली बार नही जब हिंडनबर्ग ने ऐसा किया हो, इससे पहले, हिंडनबर्ग ने भारत में entertainment company Eros को accounting irregularities के लिए target किया था, साथ ही Nikola, Genius Brand, Twitter जैसी कंपनीयों के खिलाफ भी सेम modus operandi इस्तेमाल किया और ऐसे ही रिपोर्टस और मार्केट स्पैक्यूलेशन के सहारे इन कंपनी के शेयर short करके, उसकी मार्केट वैल्यू गिरा कर अपने और अपने  investors के लिए profit कमाया था ।

    Hindenburg पर insider trading का आरोप

    इस रिपोर्ट के बाद हिंडनबर्ग पर इनसाइडर ट्रेडिंग का भी आरोप है। क्योंकि रिपोर्ट में ऐसी बहुत सी जानकारियां हैं जो अडानी के खिलाफ किसी भी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध नहीं है, जिसका शायद ही वास्तविक हकीकत से कुछ लेना देना हो, लेकिन ऐसी जानकारी को सोशल मीडिया और मीडिया संगठनों के ज़रिए ज्यादा से ज्यादा सर्कुलेट किया ताकी इस से अडानी ग्रुप को मार्केट में भारी नुकसान उठाना पड़े । वहीं इन सबके बीच अपने टारगेट को यानी अडानी ग्रुप के शेयर को शॉर्ट सेल करके प्रॉफिट कामया।

    Hindenburg में है transparency की कमी

    Hindenburg खुद ये दावा करती है कि, उन्हें 10 साल का तजुरबा है, वहीं कंपनी को जुम्मा – जुम्मा 5-6 साल हुए है, घटित हुए । एक तरफ हिंडनबर्ग अडानी ग्रुप पर दागे 88 सवालों में से कुछ सवाल अडानी ग्रुप के  secretive investors  के संबंध में कर रहा है, लेकिन वहीं खुद अपने इन्वेस्टर्स के बारे में कुछ भी डिस्क्लोज करने से बच रहा है।

    Hindenburg की विश्वसनीयता

    हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता पर सवाल ए निशान 3 कारणों की वजह खड़े होते हैं –

    1. कंपनी अपने बारे में जानकारी पब्लिक डोमेन में समझा नहीं करती : Hindenburg कंपनी में कितने employees काम करते हैं, इनकी फंडिंग कहा से आती है, आदि जैसे बेसिक सवाल का जवाब भी आपको उनकी वेबसाइट पर नहीं मिलेगा, जो उनकी पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है । लेकिन फिर भी इस कंपनी का साफ-साफ डर बड़े से बड़े businessman में देखने को मिलता है । दरअसल, Hindenburg का रिकॉर्ड है कि, हालांकि अभी तक कंपनी ने कुछ 45 investigation/research  की है पिछले 5 साल में, लेकिन इनमें से 75% केसेस में उनकी बातें शत-प्रतिशत ठीक निकली हैं, जिसके चलते इनके investors ने अच्छा profit कमाया है ।

    2. US में DoJ में short sellers के खिलाफ criminal investigation चल रही है : लेकिन असल बात ये भी है कि Hindenburg की रिपोर्ट और साख शक के घेरे में है। दरअसल, अमेरिका में शॉर्ट सेलर्स के खिलाफ आपराधिक जांच चल रही है। अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने हेज फंड और रिसर्च फर्मस, जो शॉर्ट सेलिंग में involve हैं उनके  खिलाफ investigation शुरु की है।

    3. वहीं जब अडानी ग्रुप ने hindenburg report पर लीगल एक्शन लेने की बात कही तो, हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप को भारत के बजाए, अमेरिका में लीगल एक्शन लेने को कहा ।

    अब आप हमें कमेंट बॉक्स में बताएं की ये रिपोर्ट आपको कैसी लगी और जो कंपनी किसी कंपनी को घाटे में डाल कर उस घाटे के ज़रिए, खुद अपना प्रॉफिट में बनाती हो। ऐसी कंपनी पर कितना विश्वास किया जा सकता है ? एक एसी कंपनी जो खुद अपने investors की जानकारी छुपाती हो, जो रिपोर्ट पब्लिक करने से पहले अपने investors को बताती है उसकी रिपोर्ट पर कितना भरोसा किया जा सकता है????

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