राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खतरे में ?

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Rahul Gandhi and Nishikant Dubey
Rahul Gandhi and Nishikant Dubey
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर हमला बोला है। निशिकांत दुबे ने 10 मार्च को राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर संसदीय समिति के सामने अपना बयान दर्ज कराया है। की है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक दुबे ने गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस को लेकर कह कि उनहोंने अपने 50 मिनट के भाषण में 75 बार अडानी का नाम लिया जिससे ये समझा जा सकता है कि वो उस बात के लिए किस कदर बेचैन थे। निशिकांत ने राहुल गांधी को बर्खास्त करने के लिए 1976 में सुब्रमण्यम स्वामी की बर्खास्तगी का हवाला भी दिया ।

बता दें कि बजट सत्र के पहले चरण में गांधी के भाषण के बाद दुबे ने 7 फरवरी को उनके खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस दिया था। दरअसल, राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान हिंडनबर्ग-अडाणी मुद्दे पर टिप्पणी की थी। उन्होंने अडाणी मामले के संबंध में सदन में PM Modi के साथ अडानी की तस्वीर दिखा कर ये तक पुछा था कि अडाणी और मोदी का रिश्ता क्या है? जिसके बाद राहुल गांधी को लोक सभा स्पीकर ने टोका भी था। लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के सामने अपनी बात रखते हुए दुबे ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष द्वारा राहुल गांधी की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाए जाने के बावजूद वे अब भी उनके और कांग्रेस के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनलों पर उपलब्ध हैं ।

राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने का कारण क्या है?

भाजपा सासंद निशिकांत दुबे ने संसदीय समिति के सामने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने के लिए उनके खिलाफ 3 कारणों से प्रिविलेज का मामला बनता है –

1. राहुल गांधी को आदतन ‘अपराधी’ बताते हुए मांग की है की उनकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए । मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दुबे के हवाले से एक सूत्र ने कहा है कि, संसद के नियम 352 (2) के तहत किसी भी सांसद या मंत्री के खिलाफ कोई भी गंभीर आरोप लगाने से पहले लोकसभा स्पीकर को जानकारी देकर इजाजत लेनी होती है, जो राहुल गांधी ने नहीं किया।

2. सदस्यता रद्द करने के मामले में दूसरा कारण देते हुए कहा कि भले ही लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी के भाषणों को हटा दिया है, लेकिन उनके twitter हैंडल और YouTube चैनल और कांग्रेस के YouTube चैनल पर आज भी राहुल गांधी के बिना एक्सपंज किया हुआ भाषण available है।

3. राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस उनके द्वारा स्पीकर के इंटीग्रिटी पर सवाल करने और चैलेंज करने के कारण भी लागू होता है। कहा गया कि स्पीकर ने अगर भाषण को एक्सपंज कर दिया उसको चैलेंज नहीं किया जा सकता, लेकिन राहुल गांधी लगातार देश और विदेश में जाकर भी कह रहे हैं कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जाता, उनका माइक बंद कर दिया जाता है।

1976 में भी कुछ एसा हुआ था…

निशिकांत दुबे ने कहा कि राहुल गांधी ने लोकसभा के नियमों का उल्लंघन किया और बिना पूर्व सूचना दिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाए जो लोकसभा के सदस्य होने के साथ-साथ सदन के नेता भी हैं। उन्होंने अपनी मांग के समर्थन में 1976 में सुब्रमण्यम स्वामी को राज्यसभा से निष्कासित करने का हवाला भी दिया।

बता दें कि सदस्यता रद्द कराने के लिए निशिकांत दुबे ने अपनी बात की पुष्टि के लिए दस्तावेज और रिपोर्ट भी पेश किए और इनके जरिए दावा किया कि गांधी द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं । उन्होंने बताया कि गौतम अडाणी के विभिन्न सौदे, जिनका उन्होंने उल्लेख किया था, कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी UPA सरकार के दौरान किए गए थे।

 

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