चरण सिंह
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर चुनाव जीतकर दूसरे राज्यों को बड़ा संदेश देने के मूड में हैं। यह बात उन्होंने खुद जम्मू-कश्मीर के कार्यकर्ताओं से बात करते हुए कही है। दरअसल राहुल गांधी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ जम्मू-कश्मीर पहुंचे और कार्यकर्ताओं को विश्वास में लेते हुए जम्मू-कश्मीर से एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की। राहुल गांधी ने जिस तरह से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ अपना खून का रिश्ता बताते हुए उनके काम की तारीफ की। गठबंधन करने के मामले में कार्यकर्ताओं के सम्मान से कोई समझौता न करने की बात कही। प्रधानमंत्री मोदी का आत्मविश्वास कम करने की बात कही, उससे वह जम्मू-कश्मीर के कार्यकर्ताओं में जोश भरते नजर आए।
राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने सबसे पहले जम्मू-कश्मीर के कार्यकर्ताओं से मिलना इसलिए उचित समझा, क्योंकि वह जम्मू-कश्मीर से दूसरे राज्यों को भी संदेश देना चाहते हैं। जम्मू-कश्मीर के लोगों के दुख और समस्याओं को दूर करने का अपना मकसद बताकर राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों का दिल जीतने का प्रयास किया। राहुल गांधी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारुक अब्दुल्ला से भी मिले। हालांकि कांग्रेस के गठबंधन की बात पीडीपी से होने की बात सामने आ रही है। हो सकता है कि जम्मू-कश्मीर में विपक्ष इंडिया गठबंधन की भूमिका में नजर आए। यदि कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी मिलकर चुनाव लड़ लिये तो भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ी दिक्कत बन सकते हैं।
दरअसल जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद भारतीय जनता पार्टी इस तरह के माहौल बनाने में लगी है कि अब जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद खत्म हो रहा है। विशेष राज्य का दर्जा मिला होने से केंद्र द्वारा दिया जाने वाला पैसा राजनीतिक परिवार डकार जाते थे, अब जो पैसा जम्मू-कश्मीर के लिए पहुंचेगा वह जम्मू-कश्मीर के विकास में लगेगा। उधर विपक्ष जम्मू-कश्मीर को केंद्र के अधीन करने के बाद विशेष राज्य छिनने का माहौल बना रहा है। हालांकि न तो जम्मू-कश्मीर में आम आदमी जमीन खरीद पा रहे हैं और न ही कश्मीरी पंडितों को वहां पर पुनस्र्थापित किया जा चुका है। आतंकवाद भी नहीं रुक पा रहा है। ऐसे में विपक्ष यह माहौल बना रहा है कि ३७० धारा हटने के बाद भी वहां पर कोई खास असर नहीं हुआ है। हां यह जरूर कहा जा सकता है कश्मीर से पत्थरबाजी जरूर खत्म हो गई है। ऐसे में भाजपा कितना फायदा उठा सकती है यह तो समय ही बताएगा पर वहां पर भाजपा खेल करने के मूड में जरूर है। 90 सीटों पर हो रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा धारा 370 हटाने का फायदा लेना चाहेगी। हालांकि लोकसभा चुनाव न लड़ने का निर्णय भाजपा का सही नहीं माना गया है। जहां तक कांग्रेस की बात है तो राहुल गांधी ने जिस तरह से भारत जोड़ो न्याय यात्रा का समापन जम्मू-कश्मीर में किया उससे उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में एक माहौल बनाने का प्रयास जरूर किया था।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर चुनाव जीतकर दूसरे राज्यों को बड़ा संदेश देने के मूड में हैं। यह बात उन्होंने खुद जम्मू-कश्मीर के कार्यकर्ताओं से बात करते हुए कही है। दरअसल राहुल गांधी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ जम्मू-कश्मीर पहुंचे और कार्यकर्ताओं को विश्वास में लेते हुए जम्मू-कश्मीर से एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की। राहुल गांधी ने जिस तरह से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ अपना खून का रिश्ता बताते हुए उनके काम की तारीफ की। गठबंधन करने के मामले में कार्यकर्ताओं के सम्मान से कोई समझौता न करने की बात कही। प्रधानमंत्री मोदी का आत्मविश्वास कम करने की बात कही, उससे वह जम्मू-कश्मीर के कार्यकर्ताओं में जोश भरते नजर आए।
राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने सबसे पहले जम्मू-कश्मीर के कार्यकर्ताओं से मिलना इसलिए उचित समझा, क्योंकि वह जम्मू-कश्मीर से दूसरे राज्यों को भी संदेश देना चाहते हैं। जम्मू-कश्मीर के लोगों के दुख और समस्याओं को दूर करने का अपना मकसद बताकर राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों का दिल जीतने का प्रयास किया। राहुल गांधी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारुक अब्दुल्ला से भी मिले। हालांकि कांग्रेस के गठबंधन की बात पीडीपी से होने की बात सामने आ रही है। हो सकता है कि जम्मू-कश्मीर में विपक्ष इंडिया गठबंधन की भूमिका में नजर आए। यदि कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी मिलकर चुनाव लड़ लिये तो भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ी दिक्कत बन सकते हैं।
दरअसल जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद भारतीय जनता पार्टी इस तरह के माहौल बनाने में लगी है कि अब जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद खत्म हो रहा है। विशेष राज्य का दर्जा मिला होने से केंद्र द्वारा दिया जाने वाला पैसा राजनीतिक परिवार डकार जाते थे, अब जो पैसा जम्मू-कश्मीर के लिए पहुंचेगा वह जम्मू-कश्मीर के विकास में लगेगा। उधर विपक्ष जम्मू-कश्मीर को केंद्र के अधीन करने के बाद विशेष राज्य छिनने का माहौल बना रहा है। हालांकि न तो जम्मू-कश्मीर में आम आदमी जमीन खरीद पा रहे हैं और न ही कश्मीरी पंडितों को वहां पर पुनस्र्थापित किया जा चुका है। आतंकवाद भी नहीं रुक पा रहा है। ऐसे में विपक्ष यह माहौल बना रहा है कि ३७० धारा हटने के बाद भी वहां पर कोई खास असर नहीं हुआ है। हां यह जरूर कहा जा सकता है कश्मीर से पत्थरबाजी जरूर खत्म हो गई है। ऐसे में भाजपा कितना फायदा उठा सकती है यह तो समय ही बताएगा पर वहां पर भाजपा खेल करने के मूड में जरूर है। 90 सीटों पर हो रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा धारा 370 हटाने का फायदा लेना चाहेगी। हालांकि लोकसभा चुनाव न लड़ने का निर्णय भाजपा का सही नहीं माना गया है। जहां तक कांग्रेस की बात है तो राहुल गांधी ने जिस तरह से भारत जोड़ो न्याय यात्रा का समापन जम्मू-कश्मीर में किया उससे उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में एक माहौल बनाने का प्रयास जरूर किया था।