हिंदी पखवाड़े के उपलक्ष में ज्योति कलश संस्कृति संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जुटे प्रतिष्ठित साहित्यकार, संगीतमय प्रस्तुति स्वरांजलि के माध्यम से साहित्यकारों को किया नमन
द न्यूज 15 ब्यूरो
लखनऊ। हिंदी पखवाड़े के उपलक्ष में ज्योति कलश संस्कृति संस्थान लखनऊ ने हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित साहित्यकारों की संगीतमय प्रस्तुति स्वरांजलि के माध्यम से साहित्यकारों को नमन किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉक्टर कुमकुम धर, कार्यक्रम अध्यक्ष पद्मश्री डॉ विद्या विंदु सिंह अति विशिष्ट अतिथि नारायणी साहित्य अकादमी नई दिल्ली की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर पुष्पा सिंह विशिष्ट अतिथि श्रीमती लक्ष्मी चौधरी एवं के के पाठक रहे।
गीत – वंदना के इन स्वरों में एक स्वर मेरा मिला लो कवि सोहनलाल द्विवेदी दो -मैं नीर भरी दुख की बदली कवि -महादेवी वर्मा 3 कहो तुम रूपसि कौन कवि -सुमित्रानंदन पंत 4- ईमन बजा कवि -सूर्यकांत त्रिपाठी निराला 5- बीती विभावरी जाग री कवि- जयशंकर प्रसाद 6 -सखि वे मुझसे कह कर जाते कवि -मैथिली शरण गुप्त – 7- चंदन है तो महकेगा ही कवि- रमानाथ अवस्थी 8 मैं तुम्हारी मौन करुणा का सहारा चाहता हूं कवि- रामकुमार वर्मा 9- ओ मधुर प्यार के स्मित मन कवि- कनक वर्मा। हिंदी पखवाड़े के पांचवे दिन ज्योति श्री सम्मान 2024 वरिष्ठ साहित्यकार डा. पुष्पा सिंह विसेन को उनके उत्कृष्ट साहित्य सृजन के लिए दिया गया।