Proceedings of Parliament : बेरोजगारी और महंगाई पर संसद में विपक्ष का हंगामा

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Proceedings of Parliament  : टीएमसी सांसद सुष्मिता देव, डोला सेना समेत 19 सांसद संस्पेंड

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र से कुल 19 सांसदों को अभद्र व्यवहार के लिए एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया। विपक्ष सदन क अंदर महंगाई और महंगाई का विरोध कर रहा था, जिन सांसदों को निलंबित किया गया है उनमें मुरलीधरन, नदिमुल हक, डोला सेन, अबीर विश्वास, मौसम नूर, सुष्मिता देव, शांता छेत्री, मोहम्मद अब्दुल्ला, एए रहीम, कनिमोझी, शांतनु सेन, अभी रंजन बिश्वर, नदिमल हक, दामोदर राव, संदोष कुमार, एल यादव, एनआर झलांगो और वी शिवदासन शामिल हैं। निलंबित सांसदों में से 7 टीएमसी, 6 डीएमके, 2 सीपीआईएम, 3 टीआरएस और 1 सीपीआई का सांसद शामिल हैं। वहीं सांसदों के निलंबन पर टीएमसी के वरिष्ठ सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि मोदी और शाह ने लोकतंत्र को निलंबित कर दिया है, आप सांसदों की क्या बात कर रहे हैं। हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ उप सभापति हरिवंश ने नियम 256 के तहत कार्रवाई की है।

बता दें कि सोमवार को लोकसभा से कांग्रेस के 4 सांसद निलंबित हो गये थे। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर, टीएन प्रतापन, ज्योतिमणि और रम्या हरिदास शामिल हैं। सदन की कार्रवाई में बाधा डालने वाले सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। वहीं विपक्ष की मांग पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है। निर्मला जी स्वस्थ होकर आ जाएं और 1-2 दिन में वो आ जाएंगी। हम हर मुददे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। विपक्ष ने महंगाई पर चर्चा की मांग की है और हम महंगाई पर चर्चा करेंगे। वहीं दुनिया के मुकाबले अगर देखें तो महंगाई हमारे देश में नियंत्रित है।
वहीं कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि सरकार चर्चा करना ही नहीं चाहती। सरकार ने दूध दही पर टैक्स लगा दिय है। क्या इस पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। सरकार चर्चा से क्यों भाग रही है ? कांग्रेस सांसद और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में कहा कि संसद बहस के लिए बनी है और विपक्ष यही मांग कर रहा है। महंगाई और जरूरी खाद्य पदार्थांे पर जीएसटी पर चर्चा चाहते हैं। क्या पीएम नरेंद्र मोदी अपने कम्फर्ट मोनोलॉग जोन से बाहर आएंगे और सदन में बहस करने की हिम्मत करेंगे ? यह दमनकारी शासन क्यों डरा हुआ है ?

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