क्या एनडीए से अलग होंगे पशुपति पारस?
पटना। एनडीए गठबंधन के साथ बने रहने को लेकर पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) में दरार के संकेत मिल रहे हैं। पार्टी के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने सोमवार को एक बयान में एनडीए पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आरएलजेपी को लगातार कमजोर किया जा रहा है। इस बयान के बाद बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
श्रवण अग्रवाल ने आरोप लगाया कि एनडीए में आरएलजेपी की अनदेखी हो रही है। लोकसभा चुनाव में पार्टी को कोई सीट नहीं दी गई, जबकि पारस के नेतृत्व में आरएलजेपी के पांच सांसद रहे हैं। उन्होंने बताया कि 19-20 नवंबर को पटना में आरएलजेपी की बैठक होगी, जिसमें पारस कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
गौरतलब है कि आरएलजेपी के पास पहले एनडीए में पांच सांसद थे और पारस खुद केंद्रीय कैबिनेट में शामिल रहे हैं। लेकिन, इस बार चुनावों में एनडीए से चिराग पासवान को पांच सीटें दी गईं, जबकि पारस की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली।
इसके साथ ही, पटना स्थित आरएलजेपी कार्यालय को खाली कराने का सरकारी आदेश भी आया, जिसे आज ही पूरा किया गया है। ऐसे में आरएलजेपी के एनडीए में बने रहने को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
अब यह देखना होगा कि आगामी बैठक में पशुपति पारस किस तरह का निर्णय लेते हैं।