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PM मोदी ने शुरू किया 11 दिन का खास अनुष्ठान, आखिर क्या है इस अनुष्ठान का महत्व ?

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उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होगा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदुओं के आराध्य भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। प्रधानमंत्री इससे पहले एक विशेष अनुष्ठान कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं। मेरा सौभाग्य है कि मैं भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनूंगा। प्रभु ने मुझे इस दौरान, सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है।’ प्रधानमंत्री मोदी ने आगे लिखा, ‘इसे ध्यान में रखते हुए मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं। मैं आप सभी जनता-जनार्दन से आशीर्वाद का आकांक्षी हूं। इस समय अपनी भावनाओं को शब्दों में कह पाना बहुत मुश्किल है, लेकिन मैंने अपनी तरफ से एक प्रयास किया है…।’ प्रधानमंत्री मोदी ने इस संबंध में एक यूट्यूब लिंक भी share किया है, जिसमें उन्होंने लोगों को एक संदेश दिया है।

नासिक से शुरू करेंगे अनुष्ठान

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने यूट्यूब संदेश में कहा कि शास्त्रों के अनुसार किसी भी प्राण प्रतिष्ठा, यज्ञ और आराधना से पहले कठोर व्रत करना होता है, इसलिए वो यह अनुष्ठान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने अनुष्ठान की शुरुआत महाराष्ट्र के नासिक में स्थित पंचवटी से शुरू करेंगे, जहां श्रीराम ने अपने जीवन का काफी समय बिताया था। उन्होंने कहा कि वह राम मंदिर उन लोगों की प्रेरणा लेकर जाएंगे, जिन्होंने इसके लिए अपना जीवन समर्पित किया।

क्या है अनुष्ठान का महत्व

आपको बता दें कि शास्त्रों में देव प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा एक विशद एवं वृहद प्रक्रिया है. इसके लिए विस्तृत नियम बताए गए हैं जिनका प्राण प्रतिष्ठा के कई दिन पहले से पालन करना होता है. एक रामभक्त के रूप में प्रधानमंत्री जी राममंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा के प्रति एक आध्यात्मिक साधना के भाव से समर्पित हैं. उन्होंने तय किया कि अपनी तमाम व्यस्तताओं और जिम्मेदारियों के बावजूद वो प्राण प्रतिष्ठा के दिन और उसके पूर्व के सभी नियमों और तपश्चर्याओं को उतनी ही दृढ़ता के साथ पालन करेंगे, जैसा कि शास्त्रों में निर्देश दिया गया है.इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व 11 दिवसीय यम-नियम पालन का अनुष्ठान शुरू किया है.

कांग्रेस पार्टी ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का किया बहिष्कार

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश-विदेश की कई जानी-मानी हस्तियों को न्योता दिया गया है। इसमें विपक्ष के नेता भी शामिल हैं। हालांकि, देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने राम मंदिर के कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार करते हुए निमंत्रण को ठुकरा दिया है। कांग्रेस पार्टी के तीन नेताओं सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी को निमंत्रण दिया गया, लेकिन तीनों प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। इसकी कांग्रेस पार्टी के अंदर भी एक वर्ग की ओर से कड़ी आलोचना हो रही है।

प्रधानमंत्री ने अपनी मां को किया याद

पीएम मोदी ने माता जीजाबाई को भी याद किया और कहा कि सोने पर सुहागा ये है कि आज माता जीजाबाई की जन्म जयंती है. उन्होंने कहा कि माता जीजाबाई ने छत्रपति शिवाजी महाराज के रूप में एक महामानव को जन्म दिया. आज हम भारत को जिस अक्षुण्ण रूप में देख रहे हैं, इसमें माता जीजाबाई का बहुत बड़ा योगदान है. पीएम ने कहा कि जब मैं माता जीजाबाई को याद कर रहा हूं तो सहज रूप से मुझे अपनी मां की भी याद आ रही है. मेरी मां जीवन के अंत तक माला जपते हुए सीता-राम का ही नाम भजा करती थी. उन्होंने कहा कि लोग अपने शब्दों और भावों को नमो ऐप के जरिए उन तक पहुंचा सकते हैं.