Parliament Satyagraha : प्रधानमंत्री जंतर मंतर पर पधार करें निवेशकों का पैसा दिलवाने की घोषणा : मदन लाल आज़ाद 

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Parliament Satyagraha : ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार के संयोजक ने कहा-राजनीतिक दल के किसी नेता को शामिल नहीं होने देंगे संसद सत्याग्रह के कार्यक्रम में 

ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार (तपजप) देश के समस्त ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवारों के भुगतान के लिए रजिस्टर्ड कराया गया है। संगठन पूरी तरह से गैर राजनैतिक है। इसका राजनीति से कोई सम्बन्ध नहीं है। यह बात संगठन संयोजक मदन लाल आज़ाद ने कही है। उन्होंने बताया कि उनका संगठन कानूनी और आंदोलनात्मक रूप से सभी ठग कंपनी व सोसाइटी के पीड़ितों के भुगतान के लिए लड़ रहा है और तब तक लड़ेगा, जब तक उनके प्रत्येक सदस्य का भुगतान नहीं हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि  जो लोग 31 जुलाई के संसद सत्याग्रह के अलावा अपने अपने अलग कार्यक्रमों की घोषणा कर रहे हैं वह किसी भी तरह किसी जमाकर्ता या ठगी पीड़ित के हितैषी नहीं हो सकते हैं। इसलिए 31 जुलाई के बाद जितने भी कार्यक्रम घोषित किये गए हैं, हम उन तमाम कार्यक्रमों कथित आंदोलनों का निम्न आधार पर बहिष्कार करते हैं।
मदन लाल आज़ाद ने कहा है कि जो लोग राजनेताओं की जी हुजूरी करते हैं या आंदोलन में किसी भी राजनेता को बुलाकर आंदोलन को राजनीति के हवाले कर रहे हैं वह जमकार्ताओं के ठगों से भी बड़े दुश्मन हैं ।

उन्होंने बताया कि पहले भी कई बार ठगी पीड़ितों के आंदोलन राजनेताओं राजनीति के कारण विफल हुए हैं। कथित तिरंगा यात्रा भी आम आदमी पार्टी का प्रयोजन है, इससे किसी जमाकर्ता को कोई लाभ नहीं होने वाला इसलिए भी अब हम पूरी तरह इसका बहिष्कार करेंगे।
कुछ दिन पहले ही जब हम पहले मतदान फिर भुगतान अभियान चला रहे थे संयुक्त राष्ट्रीय मोर्चा बनाकर तब भी कुछ साथी क्षणिक लालच में आकर इसी आम आदमी पार्टी का झंडा उठाने लगे थे, जिस कारण पूरा आंदोलन बिखर गया और जो जीत हमें जनवरी 2022 में ही मिलने वाली थी वह हमसे दूर चली गई।

उन्होंने कहा कि ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार किसी भी मूल्य पर किसी भी राजनेता को आंदोलन पर हावी नहीं होने देगा, हां कोई नेता प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री है तो हम उसे मंच पर स्थान अवश्य दे सकते हैं।  वह भी तब जब वह केवल अपने न्यायिक कर्तव्य का निर्वहन करने हमारे मध्य आएगा राजनीति करने नहीं।
उन्होंने कहा कि उनके आंदोलन में किसी राजनेता को शिरकत करनी है सम्मिलित होना है तो वह अपनी पार्टी अपनी राजनैतिक विचारधारा को मलमूत्र की तरह त्यागकर हमारे मध्य आएगा अन्यथा हम उसको अपना मंच साझा नहीं करने देंगे। मंच या आंदोलन में सहभागिता के समय कोई भी साथी भागीदार राजनीति नहीं करेगा  इस नियम का सख्ती से पालन करना होगा।

ध्यान रखें राजनेता आपसे बिना शर्त समर्पण की मांग करेंगे ठगों की तरह और यदि आप नेताओं के समक्ष समर्पित हो गए तो वह केवल और केवल आपका राष्ट्र का शोषण करेंगे इसलिए कोई तिरंगा उठाये या भारत माता का चित्र या गौ माता या 786 या निशान साहेब या क्रूस आपको भावनाओं में नहीं बहना और ठीक से देख लेना है कि कहीं कोई आपको यह भावनात्मक प्रतीक दिखाकर पुनः न ठग ले सुब्रत की तरह।
मदन लाल का कहना है कि राजनेताओं ने ठगी पीड़ित राष्ट्र को बहुत धोखे दिए हैं और ठगों को संरक्षण देकर इन्हीं नेताओं ने हमारे लाखों पीड़ित भाई बहिनों की बलि ली है, राजनेता ईमानदार होते तो अपने अपने शासन वाले राज्यों में ठगी पीड़ितों का भुगतान आरम्भ कर देते, दिल्ली में और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है, यदि अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह या भगवंत मान ईमानदार होते तो अब तक इन दोनों राज्यों में भुगतान हो गया होता।
कांग्रेस की कई राज्यों में सरकार है, संसद में मुख्य विपक्षी दल है, वह चाहती तो कबका भुगतान आरम्भ करवा सकती थी किन्तु उसने भी भुगतान आरम्भ नहीं कराया न कभी संसद में ठगी मामलों को Buds Act 2019 को उठाया इससे सिद्ध होता है कि कांग्रेस की नीयत भी आम आदमी पार्टी और भाजपा की तरह खराब है और यह दल भी केवल ठगी पीड़ितों को गुमराह करता है।
भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, जनता दल बगैह की सबको पता है यह ठगों से मिले हुए हैं।
मदन लाल का कहना है कि प्रधानमंत्री देश के चौकीदार होने का दावा करते हैं।  इसलिए उनका यह धर्म और फर्ज भी है कि वह राजनीति से ऊपर उठकर 31 जुलाई यानि कि आज के संसद सत्याग्रह में जन्तर मन्तर पधारें और स्वयं अपनी आंखों से देखें कि उनके मित्र सुब्रत राय सहारा ने कितनी जिंदगी कितने घर तबाह कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी किसी से निजी रंजिश या निजी लालसा नहीं है किंतु हम यह भी नहीं होने देंगे कि कोई व्यक्ति अपनी राजनैतिक कुंठाओं की पूर्ति के लिए ठगी पीड़ितों के आंदोलन को राजनेताओं को समर्पित करके अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति कर ले।।
प्रधानमंत्री को संसद सत्याग्रह में आने का न्यौता हमने बतौर राजनेता नहीं दिया है बल्कि इसलिए दिया है कि वह देश के प्रधान सेवक हैं और उन्हें 20 करोड़ ठगी पीड़ितों की सेवा के इस सुनहरे अवसर को त्यागना नहीं चाहिए अपितु अपने उस वचन की कर्तव्य की पूर्ति करनी चाहिए जो 31 जुलाई 2019 को उन्होंने संसद और राष्ट्रपति के मार्फ़त देश को दिया था और कहा था कि वह Buds Act 2019 लागू करके 6 माह में देश के प्रत्येक ठगी पीड़ित जमाकर्ता का धन दो से तीन गुणा वापस करेंगे और समस्त ठगों को दंडित करेंगे।

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