नई दिल्ली| जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने बिजली और उर्वरक क्षेत्रों में गैस की आपूर्ति जारी रखने का फैसला किया है, जबकि देश में घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं को सर्दियों के मौसम में गैस की बड़ी कमी का सामना करना पड़ेगा।
यह निर्णय कैबिनेट कमेटी ऑन एनर्जी (सीसीओई) ने गुरुवार को एक बैठक के दौरान किया, जिसकी अध्यक्षता संघीय योजना और विकास मंत्री असद उमर ने की थी।
द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि सीसीओई ने बिजली और उर्वरक संयंत्रों सहित ‘समर्पित’ उपभोक्ताओं को गैस की आपूर्ति स्थिर रहेगी।
एसएनजीपीएल आपूर्ति पर बिजली संयंत्रों को अतिरिक्त आपूर्ति के साथ 2021-22 के दौरान आरएलएनजी प्रदान किया जाएगा। बिजली क्षेत्र के घाटे की भरपाई फर्नेस ऑयल के जरिए की जाएगी।
कैप्टिव बिजली संयंत्रों से बचाई गई किसी भी गैस को निर्यात-उन्मुख उद्योगों की ओर मोड़ दिया जाएगा।
जियो न्यूज की रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान हर साल की तरह इस साल भी कई कारणों से बड़े गैस संकट की चपेट में आ सकता है।
गैस की कमी के कारणों में से एक यह है कि गैस की स्थानीय खोजों में गिरावट देखी गई है, इसलिए घरेलू गैस भंडार कम हो रहा है, सूत्रों ने बताया कि कुछ साल पहले स्थानीय गैस की आपूर्ति 4,300 एमएमसीएफडी थी, लेकिन अब यह कम हो गई है और 3,300 एमएमसीएफडी पर है।
आरएलएनजी के आयात में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है, और पाकिस्तान कुछ साल पहले आरएलएनजी के माध्यम से 1,200 एमएमसीएफडी गैस दी जाती था, लेकिन अब केवल 1,000 एमएमसीएफडी गैस दी जा रही है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यह पता लगाने की जरूरत है कि दो आरएलएनजी टर्मिनल क्यों नहीं स्थापित किए जा सके। अगर वे वहां होते तो देश आरएलएनजी के जरिए 1,200 एमएमसीएफडी और गैस का आयात कर सकता था।