ऋषि तिवारी
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने कथित तौर पर आचार संहिता उल्लंघन के मामलों को संज्ञान में लेते हुए भाजपा पार्टी और कांग्रेस पार्टी के नोटिस जारी किया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने धर्म, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर नफरत और विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया गया है। आयोग ने 29 अप्रैल सुबह 11 बजे तक दोनों दलों से जवाब मांगा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पहली बार है जब चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन मामले में स्टार प्रचारकों की बजाय पार्टी अध्यक्ष को नोटिस भेजा है। चुनाव आयोग का कहना है कि अपने भाषणों के लिए स्टार प्रचारक जिम्मेदार तो होंगे ही, लेकिन अब पार्टी अध्यक्ष की भूमिका भी तय की जाएगी। हालांकि, ये अलग-अलग मामले पर निर्भर करता है। आयोग का दावा है कि इससे पार्टी प्रमुखों पर जिम्मेदारी और तय कर दी गई है।
जनप्रतिनिधि कानून के सेक्शन 77 के तहत भेजे गए नोटिस
चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधि कानून के सेक्शन 77 के तहत दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को नोटिस भेजा है और आयोग ने स्टार प्रचारकों की फौज उतारने के लिए पहली नजर में पार्टी अध्यक्षों को ही जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने दोनों दलों के अध्यक्षों से कहा है कि अपने प्रत्याशियों के कामों के लिए राजनीतिक दलों को ही पहली जिम्मेदारी उठानी चाहिए। खास तौर पर स्टार कैंपेनर्स के मामले में, ऊंचे पदों पर बैठे लोगों के चुनावी भाषणों का असर ज्यादा गंभीर होता है।
क्यों जारी हुए हैं ये नोटिस?
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को राहुल गांधी के भाषणों पर आई शिकायत के बाद नोटिस जारी किया गया है। 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली में पीएम मोदी ने जो भाषण दिया था, उसके खिलाफ कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने चुनाव आयोग में शिकात दर्ज करवाई थी। उस रैली में पीएम मोदी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति छीनकर मुस्लिमों में बांटना चाहती है। मोदी ने यह भी कहा था कि अगर कांग्रेस सरकार में आई तो ‘मंगलसूत्र’ भी नहीं बचने देगी।
दूसरी ओर भाजपा ने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ शिकायत की थी, भाजपा ने अपनी शिकायत में कहा था कि केरल के कोट्टायम की रैली में राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर एक देश, एक भाषा और एक धर्म थोपने का आरोप लगाया था। इसके अलावा भाजपा ने यह भी कहा था कि तमिलनाडु के कोयम्बटूर में राहुल गांधी ने पीएम पर भाषा, इतिहास और परंपरा पर हमला करने का आरोप लगाया था।