द न्यूज़ 15
नई दिल्ली। गुरुवार को तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के चार राज्यसभा सदस्य जिनमें शामिल है, केशव राव, जे संतोष कुमार, बी लिंगैया यादव और केआर सुरेश रेड्डी ने राज्यसभा के सभापति और भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को एक नोटिस जारी किया। जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित रूप से संसद को “अपमानित और बदनाम” करने के लिए विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की मांग की। इसमें उन्होंने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक के पास होने पर प्रधानमंत्री की टिप्पणियों का जिक्र किया है, जब मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद दिया।
सांसदों ने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा था कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ‘बहुत शर्मनाक’ तरीके से आंध्रप्रदेश का विभाजन किया था। उन्होंने कहा था, “माईक बंद कर दिए गए। मिर्ची स्प्रे की गई, कोई चर्चा नहीं हुई। क्या यह तरीका ठीक था क्या? क्या यह लोकतंत्र था क्या?”
मोदी ने संसद के दोनों सदनों में “बहुत शर्मनाक तरीके” से एपी पुनर्गठन विधेयक पारित करने पर बयान दिया था। इसमें कहा गया है, “यह बयान संसद सदनों को बहुत खराब और अपमानजनक तरीके से दिखाने का प्रयास करता है। यह सदन की प्रक्रियाओं, कार्यवाही और उसके कामकाज को बदनाम करता है। यह संसद के सदस्यों और पीठासीन अधिकारियों के सदन में आचरण को लेकर दोष खोजने के समान है।
उपसभापति हरिवंश ने कहा कि नोटिस फिलहाल राज्यसभा के सभापति के समक्ष विचाराधीन है और जब तक वह इसे मंजूर नहीं करते, तब तक इस पर कोई चर्चा नहीं हो सकती। इसका विरोध करते हुए, बाद में टीआरएस के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। टीआरएस सदस्यों को कांग्रेस, वामपंथी दलों और तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों का साथ मिला।