बागवानी मानवीय जीवन का अभिन्न अंग : किसान स्वयं वैज्ञानिक
किसानों के खेत में प्लांटिंग मटेरियल पर कार्य करने की जरूरत
सुभाषचंद्र कुमार
समस्तीपुर। डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविधालय स्थित विद्यापति सभागार में आम उत्पादन के विज्ञान विषय पर आम उत्सव 2024 समारोह मनाया गया। जिसकी अध्यक्षता करते हुए कुलपति डा पुण्यव्रत सुविमलेंदु पांडेय ने कहा कि आम अपने आप में परिपूर्ण फल है। आम फलों के राजा के नाम से विश्व विख्यात है। किसान स्वयं वैज्ञानिक है।
खासकर सम्पूर्ण बिहार में किसान आम एवं लीची के अलावे कोई भी बगीचे को पुत्र के भांति बड़े ही सहजता के साथ वैज्ञानिकी विधि से सफलतापूर्वक सींचने का कार्य ससमय करते है। वहीं पूरे वर्ष टकटकी लगाकर मंजर आने का इंतजार करते रहते है। आम के फलों में भी वैल्यू एडिशन करने की जरूरत है। बिहार से विभिन्न गुणवत्तायुक्त प्रभेदो के आमों को विदेश निर्यात करने की दिशा में पहल करने की जरूरत है।
आम के साइज का शॉर्टिंग करने पर आम का स्वतः वैल्यू बढ़ जाता है। आम के बगीचा लगाने के समय समुचित प्रभेदों का चयन करने की आवश्यकता होती है। कुलपति डा पांडेय ने आम उत्सव 2024 के मंच से घोषणा करते हुए कहा कि आने वाले समय में बड़े पैमाने पर विवि स्तर पर मानने का निर्णय लिया गया है। जिसमें बिहार के ज्यादा से ज्यादा आम उत्पादकों को बुलाकर उनसे ज्ञान प्राप्त करने की योजना है। साथ ही उन्हें भी वैज्ञानिकी तकनीकों से लैस कर आम के बगीचा में समृद्धि लाने का सफल प्रयास किया जाएगा।
जलवायु परिवर्तन के दौर में स्मार्ट खेती करने की जरूरत है। केंद्रीय कृषि विश्वविधालय के तकनीकी देखरेख में किसानों के खेत में प्लांटिंग मटेरियल पर कार्य करने की जरूरत है। इससे पूर्व आगत अतिथियों ने दीप जलाकर आम उत्सव की शुरुआत किया।
स्वागत भाषण डीन पीजीसीए डा मयंक राय ने की। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए पूर्व कुलपति सह सहायक महानिदेशक डा एच पी सिंह ने कहा कि आम के नर्सरी को ब्रांडिंग करने की जरूरत है।
जलवायु परिवर्तन के दौर में गुणवत्तापूर्ण आम के प्रभेदों का चयन करने की जरूरत है। देश के अलग अलग प्रदेशों एवं विदेशों में आम को निर्यात करने के लिए समुचित पैकेजिंग प्रबंधन के दिशा में भी कार्य करने की जरूरत है। समारोह को एनारसी मुसहरी के निदेशक डा विकास दास, प्रसार शिक्षा निदेशक डा एम एस कुंडू ने भी संबोधित किया।
संचालन प्राध्यापक डा मिथिलेश कुमार सिंह, एवं धन्यवाद ज्ञापन डा उदित कुमार ने की। मौके पर अधिष्ठता, निदेशक, वैज्ञानिक, किसान के अलावे उद्यानिकी महाविधालय पीपराकोठी के छात्र छात्राएं मौजूद थे।