बक्सर के चौसा में अपने जमीन के मुआवजा के प्रश्न पर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठी गोली चलाने वाले डी एम और एस पी को बर्खास्त करो
भाजपा -जदयू की सरकार किसानों से माफी मांगे।
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय ( NAPM) बिहार, बक्सर के चौसा में अपने जमीन के मुआवजा के प्रश्न पर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों पर बर्बरता पूर्वक लाठी गोली चलाने , महिलाओं और किसानों को बेरहमी से घायल करने , बड़ी संख्या में किसानों को गिरफ्तार करने की घटना की भर्त्सना करते हुए दोषी पुलिस कर्मियों पर कठोर कार्रवाई की मांग करता है। साथी ही ऐसी घटना का अंजाम देने वाले डी एम और एस पी को तत्काल बर्खास्त करने और इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री उप मुख्यंंत्री से माफी मांगने की मांग करता है। साथ ही सरकार गिरफ्तार किसानों पर लगाए गए झूठे मुकदमें वापस लेते हुए उन्हें बिना शर्त रिहाई करे।
भाजपा और जदयू की सरकार किसानों मजदूरों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रही है जिसे किसान और देश भर के जन आंदोलन के लोग कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
निर्माणाधीन थर्मल पावर प्लांट के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण किया गया था। प्लांट भी खड़ा हो चुका है , लेकिन आज तक किसानों के अधिग्रहित जमीन का मुआवजा कृषि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार नही मिला है ।इसी मांग को लेकर पिछले दो वर्षों से अधिक समय से किसान लगातार शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार के कान में जूं नहीं रेंग रहा है।उनकी मांगे नही सुनी जा रही है।गत वर्ष भी इसी तरह धरनार्थियों को हटाने के लिए सरकार ने इसी तरह से किसानों पर लाठी गोली चालन कर दर्जनों किसानो को घायल कर दिया था, साथ ही दर्जनों पर मुकदमा कर उन्हें जेल में बंद कर दिया था । फिर इस बार भी चुनाव आचार संहिता का हवाला देते हुए दमनात्मक कार्यवाइ किया है । इन प्रशानिक अधिकारियों को अच्छी तरह पता है कि चुनाव आचार संहिता के नियम राजनीतिक पार्टियों पर लागू होता है आम जनता पर नही ।