चरण सिंह राजपूत
वाह दी मोदी सरकार, वाह रे धर्मनिरपेक्षता के रक्षकों, वाह संविधान के रक्षा के लिए बनाये गये तंत्रों, वाह अहिंसा के पुजारियों। जिन बापू के नाम पर हमारे देश की धाक विदेशों में भी है। जिन बापू ने अहिंसा का पाठ पढ़ाकर अंग्रेजी हुकूमत की चूलें हिलाई थीं। अंग्रेजों को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया था, जिन बापू के विचारों को आत्मसात कर देश के कितने लोगों ने एक से बढ़कर एक कीर्तिमान स्थापित किये, उन्हीं बापू के गृह राज्य में उनके ही हत्यारे नाथूराम गोङसे का महिमामंडन हो रहा है। नफरत की खेती उगाई जा रही है। देश के नौनिहालों के मन में नाथूराम गोङसे की सोच को बसाया जा रहा है।
यह अपने आप में दिलचस्प है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी इसी गुजरात से आते हैं। इसी गुजरात के मॉडल पर न केवल प्रधानमंत्री गर्व करते हैं बल्कि उन्होंने २०१४ का विधानसभा चुनाव भी इसी मॉडल पर जीता है।दरअसल गुजरात के बलसाड जिले के एक स्कूल की प्रतियोगिता में जिस बच्चे ने महात्मा गांधी की बुराई करते हुए नाथूराम गोड्से को अपना रोल माडल बताया उसे प्रतियोगिता का विजेता भी घोषित कर दिया गया। प्रतियोगिता का विषय भी ‘‘मेरा रोल मॉडल – नाथूराम गोडसे’’ था। भले ही संबंधित अधिकारी को निलंबित कर दिया गया हो पर क्या इसमें शिक्षण प्रणाली और गुजरात सरकार जिम्मेदार नहीं है ? क्या भाजपा के कितने नेता और कितने समर्थक गोडसे सोच का प्रचार करने में नहीं लगे हैं ? क्या भारतीय जनता पार्टी और उनके शासित प्रदेशों में नाथूराम गोड्से को रोल मॉडल बनाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है ? आखिरकार देश में नाथूराम गोड्से को रोल मॉडल बनाने का अभियान कौन चला रहा है ? एक ओर प्रधानमंत्री महात्मा गांधी व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर स्वच्छता अभियान चला रहे हैं। विदेश में गांधी का देश बताकर वाववाही लूटते हैं दूसरी ओर उन्हीं गृह प्रदेश में महात्मा गांधी को अपमानित किया जा रहा है। उनके हत्यार के नाम पर प्रतियोगिता कराई जा रही है। नाथूराम गोडसे को हीरो के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है और प्रधानमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं। दरअसल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के गृह राज्य गुजरात में उन्हीं के हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे पर एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। बताया जा रहा है कि इस कंप्टीशन में भाषण के दौरान एक बच्चे ने महात्मा गांधी की बुराई कर नाथूराम को अपना आइडियल करार दिया। इस लड़के की भाषा को न रोका गया और न ही टोका गया। हद तो तब हो गयी जब उस लड़के के भाषण को सबसे अच्छा मानकर उसे विजेता भी घोषित कर दिया गया। हालांकि मामला सामने आने पर जब विवाद खड़ा हुआ तो संबंधित अफसर को सस्पेंड कर दिया गया।
दरअसल इस मामले ने तब टूल पकड़ा जब जिले के अखबारों ने यह दावा करते हुए खबरें छापीं कि एक स्टूडेंट ने ‘‘मेरा रोल मॉडल – नाथूराम गोडसे’’ विषय पर भाषण प्रतियोगिता जीती है। जानकारी के अनुसार गुजरात सरकार ने वलसाड जिले की यूथ डेवलपमेंट अफसर को ‘‘मेरा रोल मॉडल- नाथूराम गोडसे’’ विषय पर स्कूली छात्रों के लिए भाषण प्रतियोगिता कराने को लेकर बुधवार को निलंबित कर दिया।
खेल, युवा और सांस्कृतिक गतिविधि राज्य मंत्री हर्ष सांघवी की ओर से ऐक्शन के आश्वासन के बाद वलसाड जिले की वर्ग-2 जिला युवा विकास अधिकारी मिताबेन गवली को तत्काल निलंबित कर दिया गया।
निलंबन के आदेश के अनुसार प्रतियोगिता पूरे वलसाड जिले के 11 से 13 वर्ष की आयु वर्ग के प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों के लिए थी। मतलब जिस उम्र में बच्चों को अच्छे और बुरे की परख नहीं होती है। इस उम्र के बच्चों के लिए यह प्रतियोगिता रखी गई थी। निलंबन आदेश में कहा गया है, ‘‘14 फरवरी को आयोजित जिला स्तरीय प्रतियोगिता में स्कूली बच्चों को चुनने के लिए तीन विषय दिए गए थे। गवली की ओर से दिए गए विषयों में से एक ‘मेरा रोल मॉडल- नाथूराम गोडसे’ था। अन्य दो विषय थे ‘मुझे केवल वही पक्षी पसंद हैं जो आसमान में उड़ते हैं’ और ‘मैं वैज्ञानिक बनूंगा लेकिन अमेरिका नहीं जाऊंगा।’ विभाग के उप सचिव दीपक पटेल के साइन वाले निलंबन पत्र के अनुसार, विभाग ने जब वलसाड जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी बी डी बरियाया से जानकारी मांगी तो उन्होंने विभाग को बताया कि गवली ने इन विषयों को चुना था। भाषण प्रतियोगिता के बारे में बताने के लिए प्राइमरी स्कूलों को पत्र लिखा था। विवाद शुरू होने के बाद निजी स्कूल प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि उसने केवल कार्यक्रम की मेजबानी की थी और इसका आयोजन नहीं किया।