मप्र जनसहयोग से बना ‘मॉडल’ : शिवराज

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मप्र जनसहयोग से बना 'मॉडल
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भोपाल/वाराणसी| मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में हो रहे नवाचार ओर योजनाओं के क्रियान्वयन का वाराणसी में मुख्यमंत्रियों के कॉन्क्लेव में प्रजेंटेशन देते हुए कहा कि आमजन की भागीदारी से कोरोना नियंत्रण के मामले में अन्य राज्यों ने मध्य प्रदेश को मॉडल माना है। राज्य के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्रियों के कॉन्क्लेव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में पीएम स्वनिधि योजना, आयुष्मान भारत योजना, आवास योजना और स्वामित्व योजना के बेहतर क्रियान्वयन के पीछे आमजन का सहयोग महत्वपूर्ण रहा है। कोविड की दोनों लहरों के दौरान भी नागरिकों की भागीदारी से महामारी पर नियंत्रण के प्रयासों में अच्छी सफलता मिली। मध्य प्रदेश में हुए इस कार्य को यदि अन्य राज्यों ने एक मॉडल माना है तो इसके पीछे आमजन के सहयोग के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्राप्त मार्गदर्शन की मुख्य भूमिका है।

मुख्यमंत्री चौहान ने मध्यप्रदेश में कुछ वर्ष पहले प्रारंभ किए गए आनंद विभाग की रचनात्मक गतिविधियों और आम लोगों को अवसाद से दूर कर प्रसन्न रखने के प्रयासों की भी जानकारी दी।

मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि नीति-निर्माण, निर्णय लेने और मॉनिटरिंग में जनता की भागीदारी प्राप्त की जा रही है। नीति-निर्माण के अंर्तगत विभिन्न वर्गो की पंचायतों में जनता से सुझाव प्राप्त किए गए। लाड़ली लक्ष्मी, संबल योजना, मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना ऐसी पंचायतों की ही देन हैं। जनता से प्राप्त सुझावों के आधार पर योजनाएं बनाई गईं। यह सब पूर्व के वर्षो में फलीभूत हुआ।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में आनंद विभाग और राज्य आनंद संस्थान की स्थापना की गई, जिसमें 60 हजार से अधिक स्वयंसेवक, आनंदक के रूप में पंजीकृत हो चुके हैं। आधुनिक युग में बढ़ रहे तनाव और अशांति के अनेक कारण हो सकते हैं। भीतर की शांति और आनंद सभी चाहते हैं। शांत और सुखी व्यक्ति एक समृद्ध समाज का निर्माण कर सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि मध्यप्रदेश में ‘अल्प विराम कार्यक्रम’ व्यक्ति को आंतरिक कमियों को समझने और सुधारने का अवसर देता है। आनंद क्लब रक्तदान, भोजन एवं सामग्री दान, आपदा में सहयोग, शिक्षा, पर्यावरण, स्वच्छता, बालिकाओं को आत्म-रक्षा प्रशिक्षण और निराश्रितों की मदद का कार्य करते हैं। आनंद सभा, आनंदम केंद्र, आनंद उत्सव, प्रसन्नता का वातावरण बढ़ा रहे हैं। एक आनंद कैलेंडर भी तैयार किया गया है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस-पांच जून से प्रदेश में अंकुर अभियान प्रारंभ किया गया है। इसमें पौधरोपण करने पर पौधा रोपने वाले नागरिक को डिजिटल प्रमाणपत्र और प्राणवायु पुरस्कार देने का प्रावधान किया गया है। नागरिकों से परिवार के सदस्यों की जन्म वर्षगांठ और विवाह वर्षगांठ के साथ ही परिवार के दिवंगत सदस्य की स्मृति में पौधा लगाने का आह्वान किया गया है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राशन वितरण, मध्याह्न् भोजन कार्यक्रम, जननी सुरक्षा योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, छात्रवृत्ति वितरण और संबल योजना की मॉनिटरिंग जन-सहयोग से हो रही है। दीनदयाल अंत्योदय समितियां सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के अमल पर निगाह रखती हैं। ये समितियां ग्राम पंचायत, विकास खंड, नगर पालिका, नगर निगम, जिला और राज्य स्तर पर गठित की गई हैं।

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