अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर से अफ्सपा हटाने पर करेगी विचार
यह देश में हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने के बीजेपी के वादे की तरह जुमलेबाजी नहीं होगा: महबूबा मुफ्ती
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि सरकार अफ्सपा हटाने के मामले में प्रतिबद्धता पूरी करेगी
द न्यूज 15 ब्यूरो
श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) हटाने पर विचार करने संबंधी गृह मंत्री अमित शाह के बयान का स्वागत किया। महबूबा ने बुधवार को उम्मीद जताई कि यह देश में हर साल दो करोड़ नौकरियां देने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वादे की तरह जुमलेबाजी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पहले कदम के रूप में केंद्र सरकार जेल में बंद पत्रकारों और कश्मीरियों को आरोपमुक्त कर रिहा कर सकती है।
देर आए दुरुस्त आए
महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि पीडीपी कठोर अफ्सपा को हटाने के साथ ही धीरे-धीरे सैनिकों को भी हटाने की मांग करती रही है। यह हमारे गठबंधन के एजेंडा का महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसपर बीजेपी ने सहमति जताई थी। देर आए दुरुस्त आए। लेकिन यह हर साल दो करोड़ नौकरियां देने या बैंक खातों में 15 लाख जमा करने के खोखले वादे जैसी जुमलेबाजी न हो।
अमित शाह ने कहा
दरअसल अमित शाह ने मंगलवार को कहा था कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर से अफ्सपा हटाने पर विचार करेगी। ‘जेके मीडिया ग्रुप’ के साथ इंटरव्यू में अमित शाह ने यह भी कहा कि सरकार की योजना केंद्र शासित प्रदेश से सैनिकों को वापस बुलाने और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी जम्मू-कश्मीर पुलिस पर छोड़ने की है।
पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने क्या उम्मीद जताई?
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने उम्मीद जताई कि सरकार अफ्सपा हटाने के मामले में अपनी प्रतिबद्धता पूरी करेगी क्योंकि इससे केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोई केवल आशा ही कर सकता है कि वे कम से कम इस मामले में अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करेंगे क्योंकि इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। बात पर अमल करने के लिए गृह मंत्रालय पत्रकारों और वर्तमान में जेलों में बंद हजारों युवा कश्मीरी युवाओं को आरोपमुक्त कर रिहा करके शुरुआत कर सकता है।