छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा अनावरण पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को विपक्ष की अनदेखी करना महंगा पड़ गया। एकनाथ शिंदे ने छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा का अनावरण किया तो एनसीपी ने दूध से नहला कर उसका शुद्धिकरण कर दिया। दरअसल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा का अनावरण किया तो विपक्ष के नेताओं को नहीं बुलाया। इस बात से नाराज एनसीपी की यूथ विंग के कार्यकर्ताओं ने शिंदे को देशद्रोही मुख्यमंत्री करार देकर प्रतिमा को दूध से नहलाया, जिसे उन्होंने शुद्धिकरण का नाम दिया। दरअसल यह प्रतिमा बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट है। ताजा घटनाक्रम औरंगाबाद में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के अनावरण से जुड़ी है। सीएम शिंदे ने इस प्रतिमा का अनावरण १६ सितम्बर को किया था कि १७ सितम्बर यानी कि आज एनसीपी की युवा विंग से जुड़े नेता कॉलेज आ धमके और प्रतिमा को पानी से धोने लगे। एनसीपी नेताओं ने कहा कि प्रतिमा का अनावरण देशद्रोही मुख्यमंत्री ने किया है। इसलिए उन्होंने पहले दूध और फिर जल से प्रतिमा को नहलाया है और शुद्धिकरण किया है।
दरअसल प्रतिमा के अनावरण समारोह के निमंत्रण पत्र में विपक्षी दल के नेत अंबादास दानवे और कई अन्य नेताओं के नाम शामिल नहीं होने से छात्र संघ आक्रामक हो गया था। प्रतिमा के अनावरण के निमंत्रण पत्र को लेकर भी विवाद है। केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड, रोहयो मंत्री संदीपन भुमरे, मंत्री अब्दुल सत्तार, उदय सामंत, अतुल सावे के नाम निमंत्रण में हैं लेकिन दूसरी ओर विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे का नाम नहीं था। इसके अलावा छात्र संगठनों को भी निमंत्रण पत्र नहीं दिये जाने को लेकर विवाद खड़ा हुआ है।