Lok Sabha Elections : मायावती कर सकती हैं विपक्ष का बेड़ा पार!

0
114
Spread the love

मायावती को इंडिया गठबंधन का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने पर मिल सकता है दलितों का वोटबैंक

चरण सिंह
अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी बसपा को इंडिया गठबंधन में शामिल होने की अपील कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने ऐसेे ही नहीं की है। जयराम रमेश ने यह अपील उस समय की है जब समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन उत्तर प्रदेश में हो चुका है। अखिलेश यादव की दी गई 17 सीटों पर कांग्रेस रजामंद हो चुकी है। दरअसल इंडिया गठबंधन के सूत्रधार नीतीश कुमार के एनडीए में जाने के बाद जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा उत्तर प्रदेश में पहुंची तो अखिलेश यादव के कड़े रुख के चलते कांग्रेस बैकफुट पर आ गई। अखिलेश यादव ने स्पष्ट कर दिया था कि जब तक सीटों का बंटवारा नहीं हो जाता तब तक वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल नहीं होंगे। यही वजह रही कि कांग्रेस ने सपा को 63 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए छोड़ दी बल्कि मध्य प्रदेश की खजुराहो सीट भी समाजवादी पार्टी को दे दी।

अखिलेश यादव से जहां एक ओर प्रियंका गांधी की बातचीत हुई वहीं राहुल गांधी ने भी अलग से बात की। इसमें दो राय नहीं कि यदि बसपा इंडिया गठबंधन में शामिल हो जाए और बसपा मुखिया मायावती को इंडिया गठबंधन शामिल कर लिया जाए तो इंडिया गठबंधन की बहुत मजबूती हो जाएगी। दरअसल उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के दलित वोटबैंक पर अभी भी मायावती की पकड़ है। यह पकड़ ऐसे में और मजबूत हो जाएगी, यदि मायावती को इंडिया गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद का दावेदार बना दिया जाए। जगजाहिर है कि देश के दलित किसी दलित को प्रधानमंत्री बनना देखना चाहते हैं। जनता पार्टी में जगजीवन राम के प्रधानमंत्री बनते बनते रह जाने की टीस दलितों में है। वैसे भी मायावती उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री रहते हुए बोल्ड शासक रही हैं। उनके निर्णय भी बोल्ड ही रहे हैं।

 

वैसे भी दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गोवा, गुजरात और चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन होने जा रहा है। दिल्ली में चार आप और तीन कांग्रेस के चुनाव लड़ने पर सहमति बन गई है। चांदनी चौक के साथ ही नार्थ ईस्ट और नार्थ वेस्ट कांग्रेस लड़ रही है। ऐसे ही पश्चिमी बंगाल में भी ममता बनर्जी कांग्रेस को पांच सीटें देने को तैयार हो गई हैं। कांग्रेस लेफ्ट के लिए भी सीटों का प्रयास कर रही है। ऐसे ही महाराष्ट्र में भी सीटों को लेकर गठबंधन होने जा रहा है। महाराष्ट्र में शिवसेना उद्धव गुट को ज्यादा सीटें छोड़ी जा रही हैं। ऐसे ही तमिलनाडु और झारखंड में भी सीटों का बंटवारा लगभग हो चुका है। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला के अकेले चुनाव लड़ने के बयान के बाद राहुल गांधी ने उमर अब्दुल्ला से बातचीत की। उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी गठबंधन में शामिल होंगे।

देखने की बात यह है कि उत्तर प्रदेश में भले ही विपक्ष कमजोर हो पर मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, प. बंगाल, तमिलनाड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार और झारखंड में विपक्ष कमजोर नहीं है। इस बार शिवसेना और अकाली दल भी एनडीए से बाहर हैं। देखने की बात यह है कि दिल्ली, पश्चिम बंगाल, झारखंड, तमिलनाडु तेलंगाना, केरल, गैर बीजेपी सरकार है। ऐसेे यदि विपक्ष के दल मिलकर चुनाव लड़ लिये तो भारतीय जनता पार्टी की दिक्कतें बढ़ा सकते हैं।
इसमें भी दो राय नहीं कि किसान आंदोलन के चलते विपक्ष में जोश आ गया है। जिस तरह से शंभू बोर्डर पर किसान-मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले हुए किसान आंदोलन ने केंद्र सरकार को सोचने को मजबूर कर दिया। जिस तरह से संयुक्त किसान मोर्चा ने २६ फरवरी को देशभर के हाइवे पर ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा की है, जिस तरह से १४ मार्च को दिल्ली रामलीला मैदान में किसान महापंचायत कार्यक्रम रख दिया गया है। ऐसे में इंडिया गठबंधन को किसान आंदोलन का भी फायदा मिल सकता है। दरअसल किसान आंदोलन में न तो किसान झुकने को तैयार हैं और न ही सरकार। ऐसे में सरकार और किसान का टकराव विपक्ष के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here