राजगीर
राजगीर। प्रखंड के आरटीपीएस काउंटर पर वृद्ध, विधवा और दिव्यांग पेंशन धारकों का जीवन प्रमाणीकरण का कार्य नहीं हो रहा है। आरटीपीएस काउंटर के कार्यपालक सहायक के अनुसार जब से आदर्श आचार संहिता लागू हुई है, तब से जीवन प्रमाणीकरण का कार्य नहीं हो रहा है।
पेंशनधारी लाभुक घर से बड़े उत्साह से अपना आधार कार्ड लेकर जीवन प्रमाणीकरण के लिए प्रखण्ड के आरटीपीएस काउंटर पर पहुंचते हैं। लेकिन उनका जीवन प्रमाणीकरण करने के बजाय बताया जाता है कि अभी यह काम बन्द है, तो उन्हें घोर निराशा होती है। वह निराश मन से यह कहते हुए लौटने के लिए मजबूर हैं कि किसी तरह गाड़ी भाड़ा जुगाड़ कर आये थे।
आरटीपीएस काउंटर के कार्यपालक सहायक शहर के बसुधा केन्द्र और साइबर कैफे जाकर जीवन प्रमाणीकरण कराने का सुझाव लाभुकों के दे रहे हैं। अनेकों लाभुकों ने बताया कि फरवरी में जीवन प्रमाणीकरण कराने आरटीपीएस काउंटर पर आये तो उन्हें मार्च में आने के लिए कहा गया। मार्च में अनेकों दिन आये तो कभी लिंक फेल, कभी सरबर डाउन तो कभी अन्य कारण बताकर टालमटोल कर लौटा दिया गया।
दूर दराज के गांव से आए वृद्ध, दिव्यांग और विधवा को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वैसे लोग कहते हैं कि घर गृहस्थी छोड़कर जीवन प्रमाणीकरण के लिए प्रखंड कार्यालय पहुंचते हैं। लेकिन उनका काम नहीं हो रहा है। बिना जीवन प्रमाणीकरण के उन्हें नए साल में पेंशन मिलना भी मुश्किल हो जाएगा।
सूत्रों के अनुसार नई सभी पेंशन लाभुकों को हर साल जीवन प्रमाणीकरण करना अनिवार्य है। जीवन प्रमाणीकरण नहीं होने पर पेंशन भुगतान रोक दी जाती है। जीवन प्रमाणीकरण नहीं होने का मतलब लाभुक का जीवित नहीं होना है। लाभुक बताते हैं कि बाजार से जीवन प्रमाणीकरण कराने पर लाभुकों को जेब ढीली करनी पड़ती है।
उससे बचने के लिए लोग प्रखंड के आरटीपीएस काउंटर पर पहुंचकर अपना जीवन प्रमाणीकरण निशुल्क करना चाहते हैं। लेकिन कार्यपालक सहायक के अनुसार चुनाव को लेकर जीवन प्रमाणीकरण आरटीपीएस काउंटर पर बंद है। इससे लाभुकों को परेशानी बढ़ गई है।