दिल्ली सरकार और एलजी के बीच तनातनी का दौर लगातार जारी है। एक बार फिर सीएम केजरीवाल ने एलजी वीके सकसेना से शिकक्षों को फिनलैंड जाने की अनुमति मांगी है।आपको बतां दे इससे पहले भी दिल्ली सरकार ने इस दिशा मे एलजी से अनुमति मांगा था जिसका प्रस्ताव रद्द कर दिया गया था। बीते वीरवार को CM केजरीवाल ने फ्रेस कॉन्फेंस में बीजेपी पर तीखा वार कर कहा कि LG साहब जानबुझकर दिल्ली की जनता से दुश्मनी निकाल रहें है,तभी तो हर चीज़ में रोक-टोक करते है। वह सीएम केजरीवाल ने कहा कि पंजाब के 36 शिक्षक ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर जा रहे हैं, दिल्ली के शिक्षकों को भी जाने की अनुमति दें। दिल्ली की तर्ज पर पंजाब के सरकारी स्कूलों के 36 प्रिंसिपल 6 से 10 फरवरी तक ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर जा रहे हैं, जो वापस आकर अपने स्कूल सुधारेंगे। हमारे 30 प्रिंसिपल दिसंबर में ट्रेनिंग करने जाने वाले थे, लेकिन उपराज्यपाल की आपत्ति की वजह से नहीं जा पाए।
अब हमारे स्कूलों के 30 प्रिंसिपल मार्च में विदेश जाने वाले हैं। 20 जनवरी को तीसरी बार इसकी फाइल भेजी है और अभी तक यह उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है। जब उपराज्यपाल को शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश जाने से कोई आपत्ति नहीं है तो फाइल इतने दिनों से लंबित क्यों हैं। cm केजरीवाल ने कहा कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि फाइलों को एलजी के पास भेजने की जरूरत नहीं है लेकिन साल 2021 में कोर्ट के इस फैसले को केंद्र सरकार ने दरकिनार कर दिया और असैधानिक रूप से एक कानून पास कर दिया कि सारी फाइलें पास होने के लिए एलजी के पास भेजी जायेगी। जिसके कारण अब LG हर फ़ाइल पर बेतुके Objections लगा कर रोक देते हैं। हम SC में गए हैं, हमें उम्मीद है कि SC इस ग़लत क़ानून को रद्द करेगी।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस वार्ता के दौरान LG पर कई आरोप लगाए उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के दखल की वजह से दिल्ली सरकार शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड नहीं भेज पा रही है। सिसोदिया ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) कानून में किए गए संशोधन से एलजी को दिल्ली सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करने की शक्ति मिल गई है।