कोच्चि, केरल उच्च न्यायालय ने बुधवार को कोट्टियूर ‘दुष्कर्म’ मामले में केरल के 53 वर्षीय पूर्व कैथोलिक पादरी रॉबिन वडक्कुमचेरी की निचली अदालत की सजा को 20 साल से घटाकर 10 साल कर दिया है। बुधवार को न्यायमूर्ति नारायण पिशारदी ने आरोप को धारा 376 (2) से धारा 376 (1) में बदलकर सजा को कम कर दिया, जिससे पूर्व पादरी की सजा 10 साल की हो गई। साथ ही आरोपी द्वारा दायर अपील का निपटारा करते हुए जुर्माना भी लगाया गया।
वडक्कुमचेरी कन्नूर के पास एक कैथोलिक चर्च के पादरी के रूप में सेवा कर रहा था और चर्च समर्थित स्कूल का प्रबंधक था, जहां पीड़िता 11वीं कक्षा की छात्रा थी।
यह एक चाइल्डलाइन एजेंसी थी, जो स्कूली बच्चों के बीच काम करती थी, जिसने पादरी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
प्रबंधन द्वारा चलाए जा रहे अस्पताल में 7 फरवरी, 2017 को बच्ची के बच्चे को जन्म देने के बाद पादरी दबाव में आ गया था।
पादरी को 27 फरवरी, 2017 को कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास से गिरफ्तार किया गया था, जब वह देश से बाहर जाने की तैयारी कर रहा था।
17 फरवरी, 2019 को थालास्सेरी की एक अदालत ने पादरी को पोक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने के बाद 20 साल कैद की सजा सुनाई थी।
सुनवाई के दौरान पीड़िता और उसकी मां मुकर गई। इसके बावजूद अदालत पहले से जमा किए गए सबूतों के आधार पर आगे बढ़ी और फैसला सुनाया।
हाईकोर्ट से यह नया फैसला अब बर्खास्त पादरी द्वारा याचिका दायर करने और अनुकूल आदेश मिलने के बाद आया है।
इस साल जुलाई में दुष्कर्म पीड़िता ने ‘आरोपी’ से शादी करने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, इसी तरह वडक्कुमचेरी ने भी एक याचिका दायर कर पीड़िता से शादी करने के लिए उसकी सजा को निलंबित करने की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया था।