के एम भाई
साथियों, पूरे मुल्क में आज कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है। शौर्य और पराक्रम का प्रदर्शन हो रहा है। पूरे मुल्क में जश्न का माहौल है।
पर साथी अपने ही पड़ोसी को मारकर कोई विजय दिवस कैसे बना सकता है, खुशियां कैसे बांट सकता है। एक ऐसा युद्ध जिसमें हजारों सैनिकों की जान गई, न जाने कितने बच्चे अनाथ हो गए, कई घरों का एकमात्र सहारा खत्म हो गया, न जाने कितने परिवारों में वर्षों तक शोक रहा होगा और आज भी होगा । तो उसका हम जश्न कैसे बना सकते हैं, इसे तो शोक दिवस के रूप में मानना चाहिए।
यदि हम अपने आपको अमन- शांति प्रिय देश कहते हैं तो हमें कारगिल विजय दिवस नहीं कारगिल शोक दिवस मनाना चाहिए। और हमें दोनों मुल्क के बीच दोस्ती के लिए पहल करनी चाहिए | बॉर्डर मुक्त समाज का निर्माण करना चाहिए |