जस्टिस यूयू ललित देश क अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उनके नाम की सिफारिश अपने उत्तराधिकारी के तौर पर की है। जस्टिस यूयू ललित भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। इसी महीने एनवी रमना रिटायर हो रहे हैं। उसके बाद यूयू सुप्रीम कोर्ट के मुखिया के तौर पर कामकाज संभालेंगे। वरिष्ठता क्रम के अनुसार जस्टिस यूयू ललित ही मुख्य न्यायाधीश बनने के दावेदार थे।
जस्टिस ललित देश के ऐसे दूसरे सीजेआई होंगे, जो बार काउंसिल से आकर जज बने और फिर चीफ जस्टिस बनने का मौका मिला। इससे पहले मार्च 1964 में ऐसा हुआ था, तब जस्टिस एसएम. सीकरी को बार काउंसिल से निकलकर जज बनने का मौका मिला था और फिर सीजेआई भी बने थे। जस्टिस एसएम. सीकरी जनवरी 1971 को देश के मुख्य न्यायाधीश बने थे। जस्टिस एनवी रमना 26 अगस्त को अपने पद से रिटायर होंगे। उसके अगले ही दिन जस्टिस यूयू ललित पदभार संभालेंगे। जस्टिस ललित देश के नामी वकीलों में से एक रहे हैं। उन्हें 13 अगस्त 2014 को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्ति मिली थी। तब से अब तक सुप्रीम कोर्ट के कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे हैं। केरल के पद्मनाभ स्वामी मंदिर के रख रखाव से जुड़े मामले में भी उन्होंने फैसला सुनाया था। यही नहीं पॉक्सो को लेकर भी अहम फैसला सुनाने वाली बेंच के भी जस्टिस यूयू ललित सदस्य थे। इस फैसले में कहा गया था कि यदि कोई गलत मंशा से बच्चे के प्राइवेट पार्ट्स को छूता है तो फिर उसे भी पॉक्सो एक्ट के तहत सेक्शन 7 के तहत यौन उत्पीड़न माना जाएगा।
इस फैसले के तहत सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने कहा था कि यदि स्किन कांटेक्ट नहीं होता है तो फिर उसे यौन उत्पीड़न नहीं माना जाएगा। 9 नवम्बर 1947 को जन्मे जस्टिस यूयू ललित ने जून 1983 में एडवोकेट के तौर पर करियर की शुरुआत की थी। वह 1985 तक बॉम्बे हाईकोर्ट के वकील थे। इसके बाद वह 1986 में दिल्ली आये थे और अप्रैल 2004 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट के तौर पर प्रैक्टिस की शुरुआत की थी। 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में उन्हें विशेष सरकारी अधिवक्ता के तौर पर सीबीआई का पक्ष रखने का मौका मिला था। जस्टिस यूयू ललित का चीफ जस्टिस के तौर पर कार्यकाल काफी छोटा होगा और वह 8 नवम्बर 2022 को रिटायर हो जाएंगे।