जीवन विफलताओं से भरा है,
सफलताएँ जब कभी आईं निकट,
दूर ठेला है उन्हें निज मार्ग से ।
My life is ful of failures ,
Whenever success came to my way
I willfully pushed it away from my path.
तो क्या वह मूर्खता थी ?
नहीं ।
Was that a idiocy? No.
सफलता और विफलता की
परिभाषाएँ भिन्न हैं मेरी !
My defination for success
and failure are different!
इतिहास से पूछो कि वर्षों पूर्व
बन नहीं सकता प्रधानमन्त्री क्या ?
किन्तु मुझ क्रान्ति-शोधक के लिए
कुछ अन्य ही पथ मान्य थे, उद्दिष्ट थे,
पथ त्याग के, सेवा के, निर्माण के,
पथ-संघर्ष के, सम्पूर्ण-क्रान्ति के ।
Just ask the history,
I would have been prime minister ?
But for revolutionary like me
some other path and
destination was acceptable,
those of sacrifice, service ,
creativity, struggle and total revolution.
जग जिन्हें कहता विफलता
थीं शोध की वे मंज़िलें ।
मंजिलें वे अनगिनत हैं,
गन्तव्य भी अति दूर है,
रुकना नहीं मुझको कहीं
अवरुद्ध जितना मार्ग हो ।
निज कामना कुछ है नहीं
सब है समर्पित ईश को ।
The world said them failures but
that was destinations of my
experimentation ,
There are countless destinations
and the way is very long
but I have not to stop
no matter how difficult it is.
I have no desire for my own interest
every thing is dedicated to almighty.
तो, विफलताओं पर तुष्ट हूँ अपनी,
और यह विफल जीवन
शत–शत धन्य होगा,
यदि समानधर्मा प्रिय तरुणों का
कण्टकाकीर्ण मार्ग
यह कुछ सुगम बन जावे !
So I am satisfied with the failures
and I will be find my life blessed if it
makes the arduous path of dear youths
a little easy and smooth.
(लोकनायक जयप्रकाश नारायण , 9 अगस्त 1975, चण्डीगढ़-कारावास में)