India Rank in World Press Freedom Index –
India Rank in World Press Freedom Index : 3 मई को प्रेस फ्रीडम इंडेक्स के आंकड़े जारी हुए जिसमें विश्व में भारत का स्थान (India Rank in World Press Freedom Index) भी जारी किया गया भारत का स्थान 142 से खिसक कर 150 वे स्थान पर पहुंच गया हैं। वहीं नेपाल जो कि इन दिनों राहुल गांधी के पार्टी की फोटो को लेकर चर्चा में है उसका स्थान 106वें नंबर से 76वें नंबर पर आ गया हैं। डेनमार्क इसी लिस्ट में दूसरे नम्बर पर है जहां PM मोदी का विदेश दौरा चल रहा हैं।
विश्व के चौथे सबसे बड़े लोकतंत्र कहलाने वाले भारत के चौथे पिलर मीडिया की स्वतंत्रता की खबरें तथा विश्व में उसके स्थान भी चिंताजनक है। 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता (World Press Freedom 2022) दिवस मनाया जाता है, इस दिन ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ संस्था द्वारा प्रेस फ्रीडम इंडेक्स के आंकड़े जारी किये जाते है। जिसे भारत अपने मीडिया की स्थिति 8 पायदान नीचे खिसक गया।
क्या है भारत के पड़ोसी देशों का हाल –
आरएसएफ (RSF) 2022 विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक (World Press Freedom 2022) के अनुसार, नेपाल वैश्विक रैंकिंग में 76वें स्थान पर पहुंच गया है, वहीं भारतीय मीडिया के पहले सबसे चहेते देश पाकिस्तान का स्थान 145वें से 157वें इसी के साथ हालही के दिनो में चहेते बने यूक्रेन से युद्ध कर रहे रूस की रैंकिंग 155 वें नंबर पर है, जबकि पिछले साल वह 150वें स्थान से नीचे था, भारत से कर्ज लेने वाले और राजनीतिक उथल पुथल झेल रहे श्रीलंका का स्थान 127वें से 146वें, बांग्लादेश को 152वें से बांग्लादेश 162 वें और म्यांमार को 140वें से म्यांमार 176 वें स्थान पर आ गया।
स्वतंत्रता के मामले में इस साल नॉर्वे पहले नंबर पर, डेनमार्क दूसरे नंबर पर, स्वीडन तीसरे नंबर पर, एस्टोनिया चौथे नंबर पर और फिनलैंड पांचवें नंबर पर है। रैंकिंग में उत्तर कोरिया 180 देशों और क्षेत्रों की सूची में सबसे नीचे है। वहीं। वहीं चीन इस बार 175 वें स्थान पर आ गया है, पिछले साल चीन 177वें स्थान पर था।
भारत में मीडिया के गिरते स्तर का बहुत बड़ा कारण मीडिया का कॉर्पोरेट पर दबाव होना हैं चलिए देखते है जब विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक (World Press Freedom 2022) जारी हो रहे तब भारत में क्या क्या कुछ चल रहा पत्रकारों के साथ।
पत्रकारों पर हमले के मामले –
इसके अलावा आप हालही में उत्तर प्रदेश के बलिया में बलिया में 3 पत्रकारो को पुलिस ने कई दिनों तक हिरासत में रखा ये वही पत्रकार है जिन्होने अपने सूत्रों की सहातया से पुलिस का पेपर लीक होने की सूचना दी थी पुलिस ने उन्हे ही हिरासत में रख लिया ठीक वैसे ही जैसे मध्यान भोजन पर नमक बांटने वाली को खबर सामने लाने वाले पत्रकार को पुलिस ने पकड़ लिया था।
हम पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के कार्टून को Tweet कर देने पर गिरफ्तारी के मामले को भी उदाहरण के तौर पर ले सकते हैं। मध्यप्रदेश के सीधी से पत्रकार के निर्वस्त्र होकर थाने में ही खड़े रहने के वीडियों सामने आने पर प्रशासन आत्महत्या के बचाव से उठाया गया कदम बताया। चलिए भारत में प्रेस की स्थित का कारण समझते हैं।
भारत की विश्व भर में घटी रैंकिंग के कारण –
वर्ष 2020 में भारत विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक (World Press Freedom Index 2022) में भी भारत 142वें स्थान पर था, और 2021 में 144 वें स्थान पर था, यानी पत्रकारों को प्रदान किये जाने वाले आवरण में कोई सुधार नहीं दिखाई दे रहा है। भारत का अपने पड़ोसी देशों की तुलना में खराब प्रदर्शन रहा है
अपने काम को ठीक से करने की कोशिश करने वाले लोगों के लिए भारत सबसे खतरनाक देशों में से एक के रूप में जाना जाता है यानी भारत पत्रकारिता के लिये ‘खराब’ वर्गीकृत देशों में से है।
जानिए क्यों बढ़ रहे है भारत में साम्प्रदायिकता के मामले
इस रिपोर्ट ने पत्रकारों और सक्रिय कार्यकर्ता जो कि सरकार से सवाल करते है उनके के लिये राष्ट्रवादी सरकार द्वारा बनाए वातावरण, जिसमें अक्सर उन्हें राज्य विरोधी या राष्ट्र विरोधी बता दिया जाता है।
इसके अलावा कश्मीर की स्थिति को भी इसका एक कारण बताया जा रहा जो कि चिंताजनक है, जहां इंटरनेट बंद होने से पत्रकारों का काम करना दूभर हो गया है।
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उम्मीद है कि विश्व भर में भारत के विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक (India Rank in World Press Freedom Index) में स्थिति अच्छी बनेगी और पत्रकारों को काम करने के लिए एक अच्छा वातावरण नेता मिलेगा तभी सही मायने में भारत एक स्वस्थ लोकतंत्र कहलाएगा।