विक्रम राज
विपक्ष को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजनीति सीखनी चाहिए। जहां विपक्ष के नेताओं की सोच खत्म होती है वहां से मोदी की सोच शुरू होती है। यह मोदी को राजनीति महारत मिलना ही कि विपक्ष के हर दांव को पीएम मोदी उल्टे उन पर ही लगा देते हैं। प्रधानमंत्री के अपने को देश का चौकीदार बताने पर जब कांग्रेस युवराज राहुल गांधी ने चौकीदार चोर है, कहा तो बीजेपी के हर कार्यकर्ता और मोदी समर्थकों ने अपने नाम के आगे चौकीदार लगा लिया।
ऐसे ही अब जब पटना के गांधी मैदान में हुई जन विश्वास रैली में राजद मुखिया लालू प्रसाद ने मोदी के परिवार न होने की बात कही तो अब बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ ही मोदी समर्थकों ने अपने को मोदी के परिवार का बताना शुरू कर दिया। लालू के जवाब में PM मोदी के “मैं हूं मोदी का परिवार” वाला नारा देते ही बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ताओं व नेताओं ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर करके “मैं हूं मोदी का परिवार” लिखना शुरू कर दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम नेताओं पर सोशल मीडिया पर अपने प्रोफाइल बदल दिए हैं। मानो देखते ही देखते “मैं हूं मोदी का परिवार” वाला नारा सुपरहिट हो गया है।
देखने की बात यह भी है कि गत लोकसभा के प्रचार में जब सपा मुखिया अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री का नाम जोड़ते हुए गुजरात के गधों की चर्चा कर दी तो, पीएम मोदी ने अपने को गधे की तरह कितना भी बोझ लाद के बावजूद सिर न हिलाने वाला बताते हुए लोगों की सहानुभूति बटोर ली थी।
दरअसल पीएम मोदी को वाकपटुता में वह महारत हासिल है कि विपक्ष के हर दांव को वह विफल कर देत हैं और विपक्ष का दांव उन पर ही उल्टा पड़ जाता है। चाहे सदन हो, सड़क हो या फिर चुनावी सभाएं मोदी ने ऐसा माहौल बना रखा है जैसे अब भी कांग्रेस की सरकार चल रही हो पर उनके नेता गलती कर रहे हैं। होना यह चाहिए कि विपक्ष के नेता मोदी को घेरने पर हो यह रहा है तो प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को बैकफुट पर धकेल दिया है। वैसे क्षेत्रीय दलों में तो चाहे एनसीपी हो, नेशनल कांफ्रेंस हों, डीएमके हों, या फिर दूसरी पार्टियां मोदी के खिलाफ कुछ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही हैं।
मोदी ऐसे ही नहीं भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई की गारंटी की बात नहीं कर आ पा रहे हो। पीएम मोदी अपने जीवन को खुली किताब बताते हैं। मोदी देश के लिए समर्पित होने की बात करते हुए कि कोई निजी सपना नहीं है। वह लोगों के सपने को ही अपना संकल्प बताते हैं। वह जनता के सपनों को पूरा करने में जिंदगी खपाने की बात करते हैं। वह 140 करोड़ देशवासियों को अपना परिवार बताते हैं।