नवरात्र में खेत्री का महत्व

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वीरेंद्र गुप्ता  

नवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में जो भक्त नवरात्रि व्रत एवं सप्तशती का पाठ करते है वो लोग मिट्टी के बर्तन में जों बो देते है। क्या आपको पता है नवरात्रि में जों क्यों बोई जाती है और इसका पूजा में क्या खास महत्व होता है।
हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार जब श्रृष्टि की शुरुवात हुई थी तब जों ही पहली फसल थी जो मिट्टी में बोई गई थी। इसीलिए जब भी देवी देवताओं की पूजा की जाती है तो हवन सामग्री में जों का विशेष इस्तेमाल किया जाता है।
नवरात्रि के अवसर पर जो जों उगाई जाती हैं वह भविष्य से संबंधित कुछ संदेश देती है। साधारण तौर पर 2 से 3 दिन तक बोया गया जों अंकुरित हो जाता है। अगर यह ना उगे तो भविष्य में आपके लिए अच्छे संकेत नहीं है यानी की आपकी कड़ी मेहनत के बाद ही फल की प्राप्ति होगी।
अगर उगने वाले जों का रंग नीचे से आधा पीला और ऊपर से आधा हरा हो तो इसका मतलब आने वाले समय का आधा भाग अच्छा रहेगा।
अगर इसका नीचे वाला भाग आधा हरा और ऊपर से आधा पीला हो तो इसका मतलब आने वाला समय शुरुवाती समय अच्छा रहेगा और बाकी समय में आपको दिक्कतों का सामना कर पड़ सकता है।
अगर आप के द्वारा बोया हुआ जों सफेद या हरे रंग में उग रहा है तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि आप की पूजा सफल हुई और आने वाला पूरा साल खुशियों से भरा रहेगा।
अब आप देखिए कि आप द्वारा बोई जों का रंग कैसा है।
(लेखक समाजसेवी हैं)

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