Lok Sabha Elections : नगीना चुनावी सभा में आकाश आनंद में दिखाई दी डॉ. भीम राव अंबेडकर की छवि!

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केंद्र सरकार की फ्री राशन योजना को खड़ा कर दिया कटघरे में

शिक्षा पर जोर दे की समाज के उत्थान की बात मायावती के उत्तराधिकारी की

अखिलेश यादव, जयंत चौधरी, चंद्रशेखर आजाद के भाषणों के बजाय आकाश आनंद के भाषण दिखाई दी देश और समाज की चिंता

लोकल मुद्दों पर वोटबैंक की राजनीति करने के बजाय देश और समाज के उत्थान पर केंद्रित रहा आकाश आनंद का भाषण

धन्नासेठों नहीं कार्यकर्ताओं के सहयोग से चलती है बसपा कहकर ललकार दिया पूंजीपतियों के पैसों से राजनीति करने वाले दलों को

चंद्रशेखर आजाद का नाम लिये बिना सलीके से अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी का विरोध

चरण सिंह
नई दिल्ली/लखनऊ/बिजनौर। आकाश आनंद भले ही वंशवाद की उपज हों, भले ही बसपा मुखिया मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी हों पर नगीना लोकसभा क्षेत्र में बसपा प्रत्याशी सुरेन्द्र पाल के पक्ष में उन्होंने जो भाषण दिया वह दूसरे वंशवादियों पर भारी था। आकाश आनंद के भाषण में वोटबैंक की राजनीति कम और देश और समाज की चिंता ज्यादा दिखाई दी। राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, चंद्रशेखर आजाद समेत दूसरे वंशवादी नेताओं के भाषणों में पार्टी का हित ज्यादा और समाज का कम दिखाई देता है। आकाश आनंद नेता शिक्षा, कानून व्यवस्था और आत्मनिर्भरता पर केंद्रित जो भाषण नगीना लोकसभा क्षेत्र में दिया वह सुनने लायक था। ऐसा लग रहा था कि जैसे आज के दौर में डॉ. भीम राव अंबेडकर आकर बोलने लगे हों।


शिक्षा, फ्री राशन और कानून व्यवस्था को लेकर उन्होंने योगी सरकार के साथ ही मोदी सरकार को जिस तरह से घेरा वह उन्हें अच्छा वक्ता बनाने में पर्याप्त दिखाई दी। दलितों की लड़ाई लड़ने का दंभ भर रहे आकाश आनंद भले ही बड़े बाप के बेटा हों पर उनके विचारों में दबे, कुचले और कमजोर लोगों के प्रति चिंता दिखाई दी। कहना गलत न होगा कि आकाश आनंद के विचारों में डॉ. भीव राव अंबेडकर की झलक दिखाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ८० करोड़ लोगों को फ्री राशन देने के नाम पर वाहवाही की आकाश आनंद ने अपने तर्कांे से हवा निकाल दी। आनंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ८० करोड़ लोगों को फ्री राशन देने की बात का जवाब देते हुए कहा कि यदि इन लोगों को रोजगार देते तो फ्री राशन देना ही नहीं पड़ता। फ्री राश्न योजना को उन्होंने युवाओं का बड़ा नुकसान बताया।
उन्होंने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि यह सरकार यदि २०००० की नौकरी भी युवा को देती तो वह युवा अपनी मां से आकर बोलता कि मां यह ले मेहनत की कमाई अब तुझे फ्री राशन नहीं लेना पड़ेगा। मोदी सरकार तो फ्री राशन देकर आत्मनिर्भरता की बात करती है पर आकाश आनंद आत्मनिर्भरता का फार्मूला इस चुनावी सभा में समझाया। योगी सरकार की बुल्डोजर संस्कृति का विरोध करते हुए आकाश आनंद ने कहा कि लोगों से इन लोगों से पूछना चाहिए कि ये लोग प्रदेश को बनाने आये थे या फिर तोड़ने। मायावती आज भी पढ़कर बोलती हैं पर आकाश आनंद ने जिस तरह धारा प्रभाव में डॉ. भीम राव अंबेडकर के विचारों पर बोलते हुए बहुजन समाज के लिए शिक्षा में आगे बढ़ाने की बात कही। उससे यह लगा कि दलित समाज को एक पढ़ा लिखा होने के साथ ही विचारवान नेता मिल रहा है।
आकाश आनंद यदि भाजपा के दबाव में न आये तो निश्चित रूप एक बड़े नेता साबित होंगे। मायावती और आकाश आनंद की भाषा शैली में काफी अंतर दिखाई दिया। मायावती सवर्णों को अपमानित भाषा बोलती रहीं हैं पर आकाश आनंद के भाषण में किस वर्ग का अपमान नहीं दिखाई। भले ही आकाश आनंद नगीना लोकसभा क्षेत्र में बोल रहे थे पर उनका भाषा एक सधे हुए राष्ट्रीय नेता का लगा। दलितों में आकाश आनंद के प्रतिद्वंदी माने जा रहे आकाश आनंद चंद्रशेखर आजाद पर हमला तो बोला पर उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति हमारे युवाओं को उकसाकर मुकदमा लगवा रहा है। बसपा की नीति रही है कि वह सड़कों पर उलझने के बजाय वोट की ताकत दिखा सत्ता में आने की बात करती है। सत्ता में आकर ही अपने समाज के लिए कुछ किया जा सकता है।
यदि अखिलेश यादव, चंद्रशेखर आजाद, जयंत चौधरी जैसे युवाओं की बात करें तो देश और समाज पर आज की परिस्थिति में इन सभी नेताओं के भाषणों के बजाय आकाश आनंद के भाषण में दम दिखा। आकाश आनंद के भाषण में वोटबैंक की राजनीति कम और देश और समाज के उत्थान के विचार ज्यादा लग रहे थे। जिस तरह से उन्होंने सीना चौड़ा करते हुए कहा कि बसपा धन्ना सेठों से नहीं चलती बल्कि अपने कार्यकर्ताओं के पैसे से चलती है और चलती रहेगी। आकाश आनंद के ये विचार उन दलों पर करारा तमाचा रहा जो पूंजीपतियों के पैसों से राजनीति करते हैं और फिर उनके लिए ही काम करते हैं। या यह कह सकते है कि चुनावी बोंड के माध्यम से चंदा लेते। अक्सर देखा जाता है कि राष्ट्रीय नेता भी किसी लोकसभा सीट पर स्थानीय मुद्दों को उठाकर वोट लेने पर ज्यादा ध्यान देते हैं।
आकाश आनंद का भाषण दूरगामी परिणाम लेकर आने वाला लगा। कहना गलत न होगा कि बहुजन समाज को एक विचारवान नेता मिल गया है। वैसे भी आकाश आनंद सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय रहते हैं। भले ही आज मायावती केंद्र सरकार से दबाव महसूस कर रही हो आकाश आनंद ने न केवल राज्य सरकार की नीतियों को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ को ललकारा बल्कि केंद्र सरकार की नीतियों में कमियां निकालते हुए पीएम मोदी को भी ललकारा। एक चुनावी सभा में डॉ. भीम राव अंबेडकर, ज्योति बा फुले, संत रविदास जैसे महान संतों का नाम लेते हुए आकाश आनंद ने अपना भाषण खत्म किया। इसमें दो राय नहीं मायावती पर कितने भी आरोप लगे पर उनके शासन में कानून व्यवस्था की सराहना हुई है। देश में एक मायावती ही नेता रही हैं जो कभी पूंजीपतियों के दबाव में नहीं आईं।

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