‘अगला जन्म बिहार में चाहता हूं’: बाबा बागेश्वर

0
31
Spread the love

 बोले: हमारी जिंदगी में न कोई स्टारडम था और न होगा

दीपक कुमार तिवारी 

गया। बाबा बागेश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बिहार के प्रति अपना गहरा प्रेम जताया है। उन्होंने कहा कि बिहार उनकी आत्मा में बसा है और वे चाहते हैं कि उनका अगला जन्म बिहार में ही हो। बाबा ने बिहार को ‘मोक्ष और ज्ञान की भूमि’ बताया है। वे फिलहाल अपने 200 अनुयायियों के साथ गया में एक धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होने आए हैं। बाबा ने इंटरव्यू में कहा, ‘बिहार अद्भुत है। बिहार से मुझे लगाव भी है। मैं चाहता हूं कि मेरा अगला जन्म बिहार में ही हो।’ उन्होंने आगे कहा, ‘बिहार मेरी आत्मा में है, रग-रग में है। मोक्ष की भूमि और ज्ञान की भूमि बिहार है।’
इस यात्रा के दौरान बाबा ने बिहार को अपना दूसरा बागेश्वर भी बताया और कहा कि वे जल्द ही बिहार में एक विशाल कथा का आयोजन करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि बिहार का उनपर जो कर्ज है, उसे चुकाने के लिए वे बार-बार यहां आएंगे।
हालांकि, बाबा ने अपने ऊपर लग रहे ‘स्टारडम’ के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘सभी लोग हमारे निकट नहीं है। इसलिए लोगों को लगता है कि स्टारडम है। हमारी जिंदगी में न कोई स्टारडम था और न होगा। जो हम कल थे, वैसे आज हैं, ऐसे ही पूरे जीवन रहेंगे। कहने वालों ने तो भगवान राम को भी नहीं छोड़ा।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हर आदमी अपनी परिस्थिति के हिसाब से बोलता है। जिसका काम नहीं होगा वो पाखंडी कहेगा और जिसका काम हो जाएगा वो जय जयकार करेगा।’ बाबा बागेश्वर पर पैसे लेकर दरबार लगाने के आरोपों पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा, ‘अभी हमने कोई दरवार नहीं लगाया है। और जो यह कह रहे हैं, उनसे पैसे जरूर लेंगे।’
बाबा बागेश्वर ने बताया कि वे गया में एक धार्मिक अनुष्ठान के लिए आए हैं, जिसमें उनके साथ बागेश्वर धाम से 200 लोग शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘यहां पर हम आए हैं एक पिंडदान के कार्यक्रम के लिए। यहां बागेश्वर धाम से जुड़े 200 लोग आए हैं। उन्होंने यहां रहने के लिए रसीद कटवा रखी है। उस रसीद के आधार पर वे लोग यहां रह रहे हैं। वे बागेश्वर धाम से परिवार के लोग हैं। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है उसने मिलने की। बस मेरी इतनी भूमिका है। अब लोग नासमझ हैं, जो कह रहे हैं कि पैसे लेकर दरबार लगा रहे हैं।’
बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री 21 से 29 नवंबर तक पदयात्रा करेंगे। यह यात्रा 160 किलोमीटर लंबी होगी और इसका उद्देश्य सभी सनातनियों को एकजुट करना है। यह यात्रा बागेश्वर धाम से शुरू होकर ओरछा धाम में खत्म होगी। धीरेंद्र शास्त्री का मानना है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो भारत, बांग्लादेश बन जाएगा। उन्होंने इस पदयात्रा को ‘सनातन एकता यात्रा’ का नाम दिया है। शास्त्री जी का कहना है कि इस यात्रा के जरिए वो लोगों को सनातन धर्म के प्रति जागरूक करेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here