दिव्या काकरान ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022 में कुश्ती के महिला 67 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीता है। खेल में पसीना बहाते हुए देश के लिए जान देने की हद तक मेहनत करने वाले खिलाड़ी निश्चित रूप से सम्मान के पात्र हैं, लेकिन यदि इसके बाद उन्हें आरोप मिलें तो उनका नाराज होना जायज है। ताजा मामला बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022 में महिला कुश्ती के 68 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक विजेता दिव्या काकरान से जुड़ा है। दिव्या के पदक जीतने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें बधाई दी थी। इसके बाद दिव्या ने ट्वीट कर अरविंद केजरीवाल का शुक्रिया अदा किया था। साथ ही राज्य सरकार की ओर किसी भी प्रकार का इनाम नहीं मिलने की बाद भी कही थी।
उन्होंने लिखा था कि जिस तरह से आप अन्य खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं, उसी तरह से मुझे भी सम्मानित किया जाए। दिव्या के इस ट्वीट पर आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने उनके दिल्ली का खिलाड़ी होने पर ही सवाल उठा दिये थे। इसके बाद दिव्या ने उन्हें जवाब देते हुए कहा था कि 2011 से 2017 तक मैं दिल्ली से खेलती थी। ये रहा सर्टिफिकेट दिल्ली स्टेट का। अगर आपको अब भी यकीन नहीं है तो दिल्ली स्टेट से 17 हैं मेरे वह सर्टिफिकेट भी अपलोड करूं ? इसके बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, मैं इतने लंबे समय से कुश्ती लड़ रही हूं। 2017 तक मैंने दिल्ली को 58 पदक दिये। मेरे पास यात्रा के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे। मैं अखाड़े जाती थी तो रास्ते में जाम लगा रहता था। दिल्ली सरकार ने कभी हमारी मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि मैं 2017 में एशिया पदक जीतने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिली थी। उन्होंने उन्हें मदद का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि मैं 2017 में एशिया में पदक जीतने के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल से मिली थी। उन्हें मदद का आश्वासन दिया था। मैंने उन्हें इस संबंध में लिखित में एक पत्र भी दिया था। मैंने किया लेकिन उन्होंने फिर कभी मुझे नहीं पूछा। उन्होंने किसी भी तरह से मेरी मदद नहीं की।
दिव्या काकरान ने कहा, मैं देश के लिए इतने मेडल तो ला पाई लेकिन दिल्ली का दिल नहीं जीत पाई। मैं सिर्फ अपना हक मांग रही हूं। मैं किसी के आगे हाथ नहीं फैला रही हूं कि मुझे पैसे दो। किसी से भीख नहीं मांग रही हूं। मैंने मेहनत की है। उसके बाद भी मुझे कुछ नहीं मिल रहा है। मेरी उनसे कोई दुश्मनी नहीं है। दिव्या काकरान ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, मुझे राजनीतिक दल में घुसाने की कोशिश की जा रही है लेकिन सिर्फ अखाड़े में कुश्ती लड़ती हूं, न कि राजनीतिक दल में जाकर कुश्ती लड़ना चाहती हूं। वहां पर मैं दांव-पेंच नहीं लगाना चाहती। मैं इन सबमें घुसना नहीं चाहती। राष्ट्रमंडल खेलों में 2 बार की पदक विजेता दिव्या काकरान ने कहा मैंने 2018 में उनसे का कि मुझे छोड़कर सबको सुविधा मिल रही है। मुझे लगता है कि शायद उनके अहम पर बात लगी थी, उसका खामियाजा मुझे भुगतना पड़ रहा है। सौरव भारद्वाज के ट्वीट पर दिव्या काकरान ने कहा, उनको खुद को सोचना चाहिए था कि वह एक खिलाड़ी से सबूत मांग रहे हंै।