रायपुर | छत्तीसगढ़ में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते सरकार एहतियाती कदम उठा रही है। जिन जिलों में चार प्रतिशत से ज्यादा पॉजिटिविटी दर है, वहां आंगनवाड़ी केंद्र व स्कूल बंद कर दिए गए है। इन ज्यादा प्रभावित जिलों में जहां रेडी-टू-ईट वितरण जारी रहेगा वहीं गर्भवती महिलाओं और तीन से छह साल तक के बच्चों को घर पर ही टिफिन से गर्म भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐसे जिले जहां कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए आंगनवाड़ी तथा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को बंद किया गया है, वहां सभी श्रेणी के पात्र हितग्राहियों को रेडी-टू-ईट वितरण जारी रखने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही गर्भवती माताओं एवं तीन से छह वर्ष के बच्चों को घर-घर जाकर टिफिन व्यवस्था के माध्यम से गर्म भोजन प्रदान करने कहा है।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के वर्तमान प्रसार को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कोरोना वायरस से संक्रमण की रोकथाम हेतु चार प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी दर वाले जिलों में आंगनवाड़ी तथा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन तत्काल प्रभाव से बंद रखने के निर्देश दिए हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों, संभागायुक्तों, जिला कार्यक्रम अधिकारियों, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारियों और बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा गया है कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अन्तर्गत जिला स्तर पर निर्धारित मीनू अनुसार गर्म भोजन एवं पोषण सामग्री का वितरण यथावत रहेगा। सार्वजनिक कार्यक्रम जैसे सुपोषण चैपाल, समूह की बैठकें इत्यादि नहीं होंगे पर गृह भेंट के माध्यम से स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा तथा सजग अभियान अन्तर्गत प्राथमिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) की गतिविधियां निरंतर जारी रखी जायेंगी। इसके साथ ही अधिकारियों को कोविड प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए बच्चों की वृद्धि निगरानी तथा बच्चों एवं महिलाओं का नियमित टीकाकरण व स्वास्थ्य जांच करने कहा गया है।
जारी निर्देश में आंगनवाड़ियों के बंद रहने के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्वच्छता रहे इसके लिए नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित करने कहा गया है। इसके साथ ही आंगनवाड़ी केन्द्र में उपलब्ध चावल व अन्य कच्ची सामग्री को खराब होने से बचाने के लिए सुरक्षित भंडारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।