भवेश कुमार
पटना । जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार तेजस्वी यादव पर तंज भी कसा और कहा कि मौका तो आपके पास भी था, अगर आप दसवीं की परीक्षा पास कर जाते तो माननीय नीतीश कुमारजी के शासनकाल में बने हुए पॉलिटेक्निक में अगर नामांकन करा लेते तो अपमान का दंश नहीं झेलना पड़ता। आज आप भी इंजीनियर कहलाते।
नीरज कुमार ने कहा है कि “लालूवाद के तथाकथित स्वर्णिम काल में 113 चरवाहा विद्यालय खोले गये, जिसमें हर महीने साढ़े चार रुपये शिक्षण शुल्क लेकर चरवाहा बनाया जाता था और माननीय नीतीश कुमार जी के शासनकाल में 44 पॉलिटेक्निक संस्था खोलकर 5 रुपये प्रति माह में अभियंता बनाया जा रहा है।अंतर साफ है आप चरवाहा बनाते थे, हम इंजीनियर बनाते हैं।
शिक्षा को लेकर विपक्ष तब बात कर रहा है जब बिहार में लगातार पॉलिटेक्निक कॉलेज खोले जा रहे हैं। एनएम कॉलेज और स्कूल खोले जा रहे हैं और इंजीनियरिंग मेडिकल कॉलेज भी बनाए जा रहे हैं। राज्य की जनता देख रही है कि आजकल चरवाहा विद्यालय खोलने वाले लोग भी शिक्षा पर बात कर रहे हैं।
नीरज कुमार ने यह भी कहा कि मीसा भारती और रोहिणी आचार्य ने चरवाहा विद्यालय में कब नाम लिखाया था, इसकी भी जानकारी दें। नीरज ने तंज कसते हुए कहा कि गरीबों के बेटा को चरवाहा बना दें और अपने बेटे को कान्वेंट में पढ़ाया यही नजरिया का अंतर है।
जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता ने कहा तत्कालीन योजना आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक चरवाहा विद्यालय में शिक्षकों और कर्मचारियों की कमी और बिना मॉनिटरिंग के स्कूलों की व्यवस्था बिगड़ती गई। योजना आयोग के सुझाव पर भी लालू सरकार ने तब कोई ध्यान नहीं दिया।
इस बात का जवाब तो लालू यादव को देना चाहिए कि चरवाहा विद्यालय के आधारभूत विकास के लिए मात्र 1 करोड़ और चरवाहा विद्यालय में चारे की सुविधा देने के लिए 6 करोड़ का बजट किस आधार पर रखा गया था।