Gujrat Politics : केजरीवाल की लग्जरी राजनीति को आगे कर बीजेपी ने दिल्ली में बनाई रणनीति, इसी रणनीति के तहत विधायक ऑटो ले गए थे केजरीवाल के घर
चरण सिंह राजपूत
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के गुजरात दौरे के दौरान ऑटो के इस्तेमाल करने पर उनके और गुजरात पुलिस के बीच जो विवाद हुआ उससे गुजरात विधानसभा चुनाव में ऑटो मुद्दा छाने के पूरे आसार हो गए हैं। मामले को समझते हुए भाजपा ने भी केजरीवाल को जवाब देते हुए उनके घर पर ऑटो लेकर दिल्ली के विधायक भेज दिए। लग्जरी जिंदगी जी रहे केजरीवाल को आईना दिखाने के लिए भाजपा विधायक दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के घर पांच आटो लेकर पहुंच गये और कहा कि यदि केजरीवाल गुजरात में ऑटो से चल सकते हैं तो फिर दिल्ली में भी ऑटो से ही चलें, क्यों गाड़ियों का काफिला लेकर चलते हैं।
ये विधायक केजरीवाल को देने के लिए पांच ऑटो लेकर गए थे। एक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए है तो दो ऑटो उनको एस्काटॅ के लिए और एक पायलट और एक उनके निजी सचिव के लिए बताया गया। इस दौरान भाजपा विधायक रामवीर सिंह विधूड़ी ने केजरीवाल पर लग्जरी जिंदगी जीने का आरोप लगाते हुए उन्हें नौटंकीबाज करार दिया। उनका कहना था कि केजरीवाल जब गुजरात जाते हैं तो पंजाब सरकार के हवाई जहाज से जाते हैं, जिसमें 50 लाख का खर्च आता है। जब लोगोें के बीच जाते हैं तो ऑटो रिक्शा में जाकर ड्रामा करते हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के कारणों से यदि गुजरात पुलिस कहती है कि हम आपकी सुरक्षा के लिए हैं तो केजरीवाल उन्हें अपमानित करते हुए कहते हैं कि आप अपनी सुरक्षा ले जाइए। हमें इसकी आवश्यकता नहीं है।
भाजपा विधायक रामवीर सिंह ने केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि गुजरात में चुनावी फायदे के लिए वह ऑटो से चलते हैं लेकिन जब वह दिल्ली में होते हैं तो विधानसभा जाते हुए 27 गाड़ियों का काफिला उनके साथ चलता है। दो सौ सौ जवान उनकी सुरक्षा में लगे होते हैं, जिसमें 70 सुरक्षाकर्मी दिल्ली पुलिस के हैं और 150 सुरक्षाकर्मी उन्होंने पंजाब के लिए हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल को ऑटो से बहुत प्यार है तो हम सभी विधायक उन्हें ऑटो रिक्शा भेंट करने आए हैं वो घर से बाहर आएं और यह गिफ्ट ग्रहण करें। दरअसल रामवीर सिंह विधूड़ी से यह सब भाजपा हाईकमान ने कहलवाया है। भाजपा केजरीवाल की ऑटो राजनीति को जवाब देने की रणनीति बनाने में लग गई है। भाजपा गुजरात के लोगों को यह बताने की कोशिश करेगी कि केजरीवाल कैसे जनता की राजनीति करने का ड्रामा करती हैं और कैसे लग्जरी जिंदगी जी रहे हैं, कैसे केजरीवाल ने 2013 में पहली बार चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए जाने के लिए दिल्ली में उन्होंने मेट्रो ट्रेन से चलने के ड्रामा किया था और कैसे वह लग्जरी जिंदगी जीने लगे। कैसे उन्होंने विधायकों को दी जाने वाली सुविधाओं का विरोध किया था और कैसे वह सरकारी संसाधनों का मजा लूटने लगे।
दरअसल ऑटो राजनीति कर दिल्ली के मुख्यमंत्री बने केजरीवाल ने गुजरात में सत्ता हथियाने के लिए भी ऑटो राजनीति का सहारा लेना शुरू कर दिया है। गत दिनों केजरीवाल ने दिल्ली दौर पर ऑटो में बैठकर जनता का आदमी दिखाने की कोशिश क्या की कि भाजपा विधायक उनके दिखावे को उजागर करने के लिए उन्हें ऑटो गिफ्ट करने उनके घर पहुंच गये। इन विधायकों ने केजरीवाल को आईना दिखाने की कोशिश की। दरअसल गुजरात दौर पर गये अरविंद केजरीवाल एक ऑटो में बैठकर ऑटो वाले के घर जा रहे थे तभी गुजरात पुलिस ने उन्हें रोक लिया। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए गुजरात पुलिस ने अपनी गाड़ी में चलने के लिए कहा था, जिसके बाद केजरीवाल गुजरात पुलिस के जवानों पर भड़क गए। उन्हें बुरा-भला कहा था। बाद में ऑटो वाले के घर पहुंचकर केजरीवाल ने खाना खाया था।
दरअसल आम आदमी पार्टी गुजरात विधानसभा चुनाव में मजबूती से काम कर रही है। पार्टी जानती है कि भाजपा की गहरी जड़ों वाले राज्य गुजरात में वह एक झटके में सत्ता में नहीं आ सकती। लेकिन उसकका प्लॉन है कि वह कम से कम इतनी सीटें जीत सके कि वह गुजरात में कांग्रेस को हटाकर मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में आ जाए।
गुजरात विधानसभा चुनाव में अब तीन से चार महीने का समय शेष रह गया है। भाजपा और कांग्रेस के साथ-साथ इस बार आम आदमी पार्टी भी यहां अपनी किस्मत आजमाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है। गुजरात में पार्टी को मजबूत करने के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के साथ-साथ कार्यकर्ताओं की एक मशीनरी लगातार सक्रिय है लेकिन जिस तरह से भाजपा ने सोमवार को दिल्ली के एक शराब व्यवसायी का स्टिंग वीडियो जारी कर व्यवसायियों के द्वारा दिल्ली सरकार को ब्लैक मनी के रूप में भारी मात्रा में धन पहुंचाने का दावा किया है। मनीष मनीष सिसोदिया पर सीबीआई का शिकंजा कस गया है। यदि सत्येंद्र जैन की तरह मनीष सिसोदिया को भी जेल जाना पड़ा तो इससे आम आदमी पार्टी के मिशन गुजरात पर असर पड़ सकता है।