प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और दुनियाभर की तमाम रेटिंग एजेंसियों की माने तो ये मजबूती आगे भी कायम रहेगी। अब बार्कलेज रिसर्च ने कहा कि भारत की जीडीपी ग्रोथ 8 प्रतिशत तक पहुंचने की ओर अग्रसर है। बार्कलेज रिसर्च ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि उचित पॉलिसी मिक्स के साथ भारत संभावित रूप से अपनी जीडीपी ग्रोथ रेट को 8 प्रतिशत के करीब बढ़ा सकता है और इस दशक के अंत तक ग्लोबल ग्रोथ में सबसे बड़ा कंट्रीब्यूटर बन सकता है। इंडियाज ब्रेकआउट मोमेंट शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती घरेलू बचत और सार्वजनिक गैर-बचत में गिरावट से घरेलू बचत को उस स्तर से ऊपर बढ़ाया जा सकता है जो अर्थव्यवस्था की निवेश आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त होना चाहिए। बार्कलेज रिसर्च ने यह भी कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि इंडस्ट्रियल सेक्टर तीन प्रमुख सब-सेक्टर्स में सबसे तेज ग्रोथ दिखाएगा।
बीजेपी के लिए बहुत बड़ी बात
अर्थव्यवस्था के बेहतर आंकड़ों ने चुनाव में उतरने जा रही बीजेपी का मनोबल बढ़ा दिया है। पार्टी मिशन 400 के लक्ष्य के साथ अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होने से अब वो विपक्ष के हमलों का सही तरीके से जवाब दे पाएगी। पिछले 10 साल से सत्ता में रहने वाली बीजेपी के लिए ये किसी बूस्टर से कम नहीं है। दुनिया में पांचवें नंबर की अर्थव्यस्था भारत के बनने के बाद से ही बीजेपी विपक्ष पर हमलावर थी। अब उसके पास मौका भी आ गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को लेकर खुशी जाहिर की है। उन्होंने एक्स पर लिखे अपने पोस्ट में लिखा कि वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर 8.4 प्रतिशत रही है जो भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत और इसकी क्षमता को दर्शाती है। हमारे प्रयास देश को तेज आर्थिक विकास के लिए जारी रहेंगे, जिससे 140 करोड़ भारतीयों को बेहतर जीवन जीने और एक विकसित भारत बनाने में मदद मिलेगी
रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
वैसे तो देश में सबसे ज्यादा रोजगार कृषि क्षेत्र से मिलता है लेकिन इसके बाद उद्योग जगत, सेवा क्षेत्र और खनन का नंबर आता है। मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में बढ़ोतरी के कारण इन क्षेत्रों में रोजगार बढ़ने की उम्मीद बढ़ गई है। अभी तक मोदी सरकार रोजगार को लेकर ही विपक्ष के निशाने पर रहे हैं। अगर अगले कुछ महीनों तक रोजगार के आंकड़े बढ़ते रहे तो मोदी सरकार विपक्ष को यहां भी करारा जवाब दे सकती है। निश्चित तौर पर सत्तारूढ़ दल को चुनावों में बढ़ते रोजगार का फायदा जरूर मिलेगा। कृषि क्षेत्र में सुस्ती के बीच इकॉनमी के दमदार प्रदर्शन के पीछे तीन बड़े फैक्टर रहे हैं। मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टरों ने अच्छी रफ्तार दिखाई। वहीं नेट इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में बढ़त का भी योगदान रहा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का आउटपुट पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 4.8 प्रतिशत घटा था। उस स्तर से इसने FY24 की तीसरी तिमारी में 11.6% की ग्रोथ दर्ज की। माइनिंग में भी 7.5 प्रतिशत की ग्रोथ रही।
अमेरिका चीन से आगे भारत
भारत की 8.4% ग्रोथ के मुकाबले चीन में 5.2%, अमेरिका में 3.1% ग्रोथ रही। भारत की रफ्तार बनी रहने की उम्मीद है। IMF जैसी संस्थाओं का अनुमान है कि मौजूदा वित्त वर्ष में अमेरिका, जापान, चीन जैसे देशों से बेहतर ग्रोथ भारत की होगी।