आंध्र प्रदेश के चित्तूर स्थित एक फैक्टरी में रविवार देर रात आग लग गई। इसमें तीन मजदूर जिंदा जिल गये। कुछ श्रमिक हादसे में घायल हुए हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। विदित हो कि फैक्टरी में पेपर प्लेट का निर्माण किया जाता था। मामले में छानबीन जारी है। पुलिस ने संदेह जताया है कि यह आग शार्ट सर्किट की वजह से लगी। मामला दर्ज कर लिया गया है और पूरे मामले की जांच जारी है। मृतकों की पहचान भास्कर (65), दिल्ली बाबू (35) और बालाजी (25) के रूप में हुई है। जब शार्ट सर्किय के कारण लगने वाली आग लगने के कारण दो मंजिला इमारत के अंदर फंस गये थे।
गौरतलब है कि कार्यस्थल पर सुरक्षा इंतजामों का नामोनिशान नहीं है।
कंपनी मालिक सिर्फ अपने उत्पादन का बढ़ाने की ओर ध्यान दे रहा है, जिसके कारण कार्यस्थल पर मजदूरों के मौत मामले लगातार बढ़ रहेैहं। भारत में काम के दौरान मजदूरों की मौत के आंकड़े भी हैरान करने वाले है। फै्ट्रिरयें में होने वाली दुर्घटनाओं में हर साल सैकड़ों मजदूर काल के गाल में समा जाते हैं और हजारों की संख्या में मजदूर अपाहिज हो जाते हैं। साल 2021 में सरकार द्वारा संसद में दी गई जानकारी के अनुसार पांच साल में कम से कम 6500 मजदूर कार्यस्थल पर मारे गये हैं। हालांकि इस क्षेत्र में काम करने वाले सामजिक कायर्कर्ताओं का मानना है कि यह संख्या इससे ज्यादा भी हो सकती है। क्योंकि कई मामले रिपोर्ट नहीं किये जाते या उनका कोई रिकार्ड नहीं होता है।