नोएडा। लोगों को परिवार नियोजन के उपलब्ध सभी साधन बताने के लिए शासन से एक मुहर बनवाने का निर्देश जारी किया गया है। इस मुहर पर पुरुष नसबंदी, महिला नसबंदी, गर्भपात पश्चात नसबंदी, पीएआईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी, अंतरा, छाया, माला एन आदि परिवार नियोजन के साधनों के बारे में बताया गया है। मुहर का प्रारूप प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को शासन स्तर से भेजा गया है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भारत भूषण ने बताया बास्केट ऑफ च्वाइस की मुहर का प्रारूप शासन से भेजा गया है, शीघ्र ही यह मुहर बनवा ली जाएगी। उन्होंने बताया राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की उत्तर प्रदेश की निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने इस संबंध में प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं। परामर्श के माध्यम से लोगों को भविष्य में परिवार नियोजन के किसी भी साधन को अपनाये जाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
डा. भारत भूषण ने बताया- इसी क्रम में काउंसलिंग के बाद भविष्य में लाभार्थी का फॉलोअप किये जाने के उद्देश्य से परिवार नियोजन की सेवाएं प्रदान करने वाली स्वास्थ्य इकाई के लिए एक मुहर बनाने का निर्णय लिया गया है, जिसमें परिवार नियोजन की सारी सुविधाएं (बास्केट ऑफ च्वाइस) इंगित होगी। इस मुहर का उपयोग सेवाप्रदाता द्वारा मरीज अथवा लाभार्थी की काउंसलिंग करते हुए उसकी ओपीडी स्लिप, एएनसी, डिस्चार्ज स्लिप तथा एमसीपी कार्ड पर काउंसलिंग के उपरांत यदि मरीज अथवा लाभार्थी द्वारा किसी विधि को अपनाने के लिए चुना गया है या भविष्य में किसी विधि को अपनाने की रुचि प्रकट की हो तो उस स्थिति में उसके कार्ड पर मुहर लगायी जाएगी तथा रुचि दिखायी गयी विधि पर सही का निशान अथवा अपनायी गयी विधि पर गोला लगाया जाएगा, जिससे भविष्य में उसका फॉलोअप आसानी से किया जा सके।
जारी निर्देशों में पोस्टपार्टम तथा पोस्ट अवार्शन सेवाओं पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। ऐसी महिला जिसका प्रसव अथवा गर्भपात हुआ हो, उसको प्राथमिकता देते हुए काउंसलिंग कर प्रसव उपरांत नसबंदी या आईयूसीडी की सेवा दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। यदि महिला द्वारा कोई भी विधि नहीं अपनायी जाती है तो ऐसी स्थिति में डिस्चार्ज के दौरान कम से कम तीन स्ट्रिप छाया तथा पांच पैकेट कंडोम अवश्य दिये जाएंगे।