Electricity Act Section 11 : संकट के समय Electricity Act का सेक्शन 11 लागू

0
300
Electricity Act Section 11, Electricity Crisis In India, Coal Crisis In India
Electricity Act Section 11, Electricity Crisis In India, Coal Crisis In India
Spread the love

Electricity Act Section 11

Electricity Act Section 11 : फोन चार्ज कर लीजिए केवल 6 घंटे का कोयला बचा है, आपके पास कुछ दिनों पहले इस तरह के WhatsApp Forward आए होंगे लेकिन बिजली नहीं गई। भारत के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अगले 6 महीनों में कोयले की पूर्ति हो जाएगी और स्थिति सुधर जाएगी हमने आपको ये अक्टूबर की खबर बताई, अब अगर हम हाल के दिनों की बात करें तो भारत में बिजली के क्या सूरते हाल है ?

फिलहाल भारत के कई इलाकों से घंटे बिजली कटौती की खबरें आ रही है। लोग लतीफे बना- बना बिजली कटौती के लिए सरकार को कोश रहें है। इसी बीच खबर आती है कि देशभर में बिजली संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी एक्ट का सेक्शन 11 (Electricity Act Section 11) लागू कर दिया है, अब ये क्या बला है?

क्या है मामला –

WhatsApp Forward से शुरू करते है क्या भारत में कोयला खत्म (Coal Crisis In India) होने वाला है? नही ! भारत में इतना कोयला उपलब्ध है कि इससे अगले 100 साल तक बिजली बना सकते हैं। समस्या अलग – अलग जगह पर उपस्थित बिजली घरों में कोयले की आपूर्ति समय पर न होने पाने से है।

Electricity Act Section 11, Electricity Crisis In India, Coal Crisis In India
Electricity Act Section 11

इसी के साथ आप मार्च 2022 में ऊर्जा मंत्री RK SINGH ने राज्यसभा  में बताया कि भारत में बिजली की कमी (Electricity Crisis In India )नही हो सकती भारत की बीते साल की खपत 203 गीगा वाट थी वही हमारी उत्पादन क्षमता 395.6 गीगा वाट है।

जानिए क्या रहा PM के विदेशी दौरो का नतीजा ?

लेकिन इस बार मार्च के महीने में अचानक गर्मी बढ़ने से बिजली की खपत बढ़ गई। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में बिजली की खपत इस साल 20 फीसदी तक बढ़ गई इसके कारण बिजली घरों पर बिजली आपूर्ति का अतिरिक्त दबाव बन गया है, साथ ही गर्मी के दिनों में पानी की कमी से भी बिजली के उत्पादन मे भी कमी आ जाती है।

इस कारण बिजली संकट (Electricity Crisis In India) केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी एक्ट का सेक्शन 11 लागू कर दिया है I कुल मिलाकर सरकार ने संकट के समय बिजली बनाने वाले कम्पनियों का कंट्रोल अपने हाथों में ले लिया है। विद्युत अधिनियम की धारा 11 में प्रावधान के अनुसार सरकार, संकट की स्थितियों में, किसी उत्पादन कंपनी को उसके निर्देशों के अनुसार किसी भी बिजली स्टेशन के संचालन और रखरखाव के लिए कह सकती है।

Electricity Act Section 11, Electricity Crisis In India, Coal Crisis In India
Electricity Act Section 11

सरकार का बिजली कंपनियों को ये आदेश 5 मई की देर रात को जारी किया गया यह आदेश गर्मी के महीनों में 220 गीगावॉट की पीक मांग के अनुमान को लेकर आया हैं। यह निर्देश गुजरात, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में एस्सार पावर, कोस्टल एनर्जी के कम से कम 7 गीगावॉट बिजली संयंत्रों को चालू करेगा और यह राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण के तहत संयंत्रों पर भी लागू होगा।

क्या है इलेक्ट्रिसिटी एक्ट सेक्शन 11? 

सभी कोयल एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों को पावर मिनिस्ट्री के ज्वाइंट सेक्रेटरी घनश्याम प्रसाद ने बताया कि फिलहाल बिजली की मांग को देखते हुए 31 अक्टूबर 2022 तक इलेक्ट्रिसिटी एक्ट सेक्शन 11 लागू किया जा रहा है।

इस सेक्शन में ये प्रावधान हैं –

  • इसके अनुसार कंपनिया जो इंपोर्टेड कोयले पर आधारित है उन्हे 100 फीसदी क्षमता के साथ उत्पादन करना होगा।
  • बिजली बनने के बाद पहले उस राज्य को दी जाएगी जिनका पावर परचेज एग्रीमेंट(PPA) है, इसके बाद बची बिजली का पावर एक्सचेंज को बेचा जा सकता है।
  • अगर किसी Power Generation Company यानी की “बिजली उत्पादन कंपनी” का कई डिस्कॉम यानी “बिजली वितरण कंपनी” के साथ पावर परचेज एक्सचेंज के तहत एग्रीमेंट है तो पहले मांग के हिसाब से उन्हें सप्लाई करें इसके बाद राज्य को बिजली दें।
  • इसके अलावा महंगे कोयले के भुगतान और उसके अंतर ये सभी काम केंद्रीय कमेटी करेगी ।
  • अभी बिजली वितरण कंपनी को हफ्ते के हिसाब से पावर प्लांट को पेमेंट करनी होगी।
  • सभी राज्यों और “बिजली उत्पादन कंपनी” को Blending के लिए कम से कम 10% कोयला आयात करने के लिए बोला गया है ।

यहां क्लिक कर आप  The News 15 के YouTube Channel पर जा सकते है।

देखना होगा कि केन्द्र सरकार द्वारा लागू किया गया Electricity Act Section 11 क्या रंग लाएगा । भारत में लोग जगह – जगह बिजली की कमी की मार झेल रहे। दिल्ली में मेट्रो बंद होने के WhatsApp Forward घूम रहे है। ऐसे में केन्द्र सरकार के इस फैसले से क्या होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here