लोकसभा या विधानसभा का चुनाव लड़ने के जोश मे प्रत्याशी कुछ ऐसी गलतियां कर जाते हैं कि चुनाव आयोग उनके चुनाव लड़ने पर ही रोक लगा देता है। कुछ ऐसी ही गलती देश भर में 1069 उम्मीदवारों ने की है। इसमें बिहार के 237 उम्मीदवार भी शामिल हैं. इन सभी ने 2019 में लोकसभा और 2020 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन अपने खर्च का हिसाब इन सभी ने चुनाव आयोग को दिया ही नहीं है ।लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में यह प्रावधान है कि निर्वाचन आयोग ऐसे सभी लोगों को चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा सकता है, जिन्होंने अपने पिछले लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद अपने खर्चों का ब्योरा निर्धारित समय में आयोग को नहीं भेजा है। बिहार में 237 लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई गई है। दूसरे स्थान पर बिहार का पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश है। यूपी के 121 प्रत्याशियों ने अपना खर्च वाला ब्योरा आयोग को नहीं दिया। तीसरे स्थान पर तेलंगाना है, जहां 107 लोगों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इसके अलावा मध्य प्रदेश में 79, कर्नाटक में 75, छत्तीसगढ़ में 73, आंध्र प्रदेश में 51 उम्मीदवारों पर प्रतिबंध लगाया गया है । जिन लोगों पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें कुछ पर 2024 तक प्रतिबंध है, जबकि कुछ लोगों को 2027 तक प्रतिबंधित कर दिया गया है। अब ये सभी लोग अगले विधानसभा का चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। इनकी संख्या झारखंड में 26 है जबकि दिल्ली में 21, उत्तराखंड में 24, हरियाणा में 55 और हिमाचल प्रदेश में 9 के साथ ही बंगाल में 17 है।