जंगल हो या गांव अगलगी की घटना पर क्विक रिस्पांस के लिए रहे अलर्ट : डीएम
जिला प्रशासन और वन विभाग ने जारी किया हेल्प लाइन नम्बर
ड्रोन से होगी राजगीर के जंगल में अगलगी की घटना की निगरानी
राजगीर के सर्किट हाउस, फॉरेस्ट गेस्ट हाउस, रेलवे स्टेशन और अनुमंडल कार्यालय में लगेगा नया हाइड्रेंट
राम विलास
राजगीर। बढ़ती गर्मी और पछुआ हवा में आग ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है। गुरुवार को राजगीर के जंगल में आग लगी थी। अनुमंडल प्रशासन, अग्निशमन और वन विभाग के संयुक्त प्रयास से बड़ी मशक्कत बाद उसी दिन आज पर काबू पा लिया गया था। लेकिन इस घटना से सरकारी महकमा में हलचल मच गया।
इस घटना के बाद जिला प्रशासन हाई अलर्ट मोड में है। पर्यटक शहर राजगीर के जंगल और पहाड़ी इलाकों के अलावे पहाड़ियों के आसपास के संवेदनशील गांवों पर विशेष नजर रखी जाने लगी है। राजगीर के जंगल और पहाड़ियों की निगरानी ड्रोन किया जायेगा। ताकि अगलगी की घटनाओं पर तुरंत बचाव कार्य आरंभ किया जा सके।
शनिवार को राजगीर के आरआईसीसी में पर्यटक शहर के पहाड़ों पर संभावित अगलगी की घटनाओं के प्रबंधन एवं सुरक्षा हेतु डीएम शशांक शुभंकर द्वारा पदाधिकारियों के साथ विशेष बैठक किया गया। इस बैठक में जिला प्रशासन, अनुमंडल प्रशासन, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य, आयुध निर्माणी, बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम, नगर परिषद, प्रखण्ड, मनरेगा, सहकारिता, पंचायती राज बिजली विभाग, पीएचईडी और कृषि विभाग एवं अन्य विभाग के पदाधिकारी शामिल हुए।
बैठक में डीएम द्वारा अनेकों निर्देश दिये गये और कठोरता से अनुपालन करने की हिदायत भी दी गयी। उन्होंने राजगीर और गिरियक के पहाड़ी क्षेत्रों, जंगलों, ग्रामीण क्षेत्रों में अगलगी से बचाव के लिए प्रचार प्रसार हेतु अनुमंडल प्रशासन, आपदा, अग्निशमन, वन विभाग को संयुक्त रूप से जागरुकता अभियान चलाने का निर्देश दिया गया।
जीविका दीदी द्वारा जागरुकता अभियान चलाने की व्यवस्था एसडीओ करेंगे। डीएम ने कहा कि कहीं भी अगलगी की घटना होती है तो अविलंब कंट्रोल रूम को खबर दें। तुरंत खबर मिलने पर आग पर शीघ्र काबू पाया जा सकता है। जंगली और पहाड़ी क्षेत्रों में आग लगने पर वन विभाग को 8340432091 और 9060135370 पर तुरंत सूचित करें ।
जिले में कहीं भी आग लगने पर दूरभाष संख्या 06112-233168 पर के अलावे अग्निशमन केन्द्र, राजगीर को 7485805887 पर सूचना देने के लिए कहा गया है। शॉर्ट सर्किट से लगने वाली आग से बचाव हेतु लूज और लटके तार को प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त करने और बिजली तार के संपर्क के पेड़ों की टहनियों को काटने का निर्देश उनके द्वारा बिजली विभाग के पदाधिकारियों को दिया गया है।
पिछले साल की तरह इस साल भी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को धावा दल बनाने तथा किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। एसडीओ को राजगीर और आसपास के संवेदनशील तीन प्रखंड के 22 गांवों के जनप्रतिनिधियों एवं वॉलिंटियर्स के माध्यम से निगरानी रखने का सुझाव दिया गया है।
सभी दमकल गाड़ियों और हाईड्रेंट रहेगा टंच
अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी रवीन्द्र राम ने कहा कि जिले में 27 और राजगीर में सात दमकल गाड़ियां हैं। उनके पास 35 दमकल कर्मी हैं। कर्मी हमेशा वाहन के साथ अलर्ट रहते हैं। कर्मियों को शिफ्ट अनुसार ड्यूटी चार्ट तैयार किया गया है। डीएम द्वारा सभी दमकल गाड़ियों को पानी से लैस रखने का आदेश दिया गया है।
ताकि सूचना मिलने पर तुरंत गंतव्य के लिए प्रस्थान कर सके । राजगीर के सभी 13 हाईड्रेंट को कार्यरत बनाने, जरादेवी मंदिर और जापानी मंदिर के बंद हाइड्रेंट को शीघ्र चालू करने का आदेश दिया गया है। राजगीर के सर्किट हाउस, फॉरेस्ट गेस्ट हाउस, रेलवे स्टेशन और अनुमंडल कार्यालय में शीध्र नया हाइड्रेंट लगाने के लिए आदेश दिया गया है।
फसल अवशेष जलाने पर हरहाल में लगे रोक
फसल अवशेष जलाने पर रोक लगाने का आदेश कृषि विभाग के अधिकारियों को दिया गया है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से अगलगी की घटना से बचने के लिए शहरी क्षेत्रों के अलावे ग्रामीण क्षेत्रों में भी सघन जन जागरुकता अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है।
क्या करें – क्या न करें के लगेंगे होर्डिंग
डीएम शशांक शुभंकर ने कहा कि जागरुकता अभियान के अलावे पर्यटक शहर राजगीर के पर्यटन स्थलों पर क्या करें क्या न करें का फ्लैक्सी लगाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जंगली क्षेत्र और पर्यटन स्थलों पर खाना बनाने पर पूरी तरह रोक लगाये। यदि जंगली क्षेत्र में कोई ढ़ाबा चल रहा है तो उसे भी डीएम ने बंद कराने का आदेश दिया।
बैठक में ये भी हुए शामिल
बैठक में डीएफओ राजकुमार, एसडीओ कुमार ओमकेश्वर, डीसीएलआर उपेन्द्र सिंह, एसडीपीओ प्रदीप कुमार, अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी रवीन्द्र राम, बीडीओ मुकेश कुमार, सीओ अनुज कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी संतोष कुमार के अलावे प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन, डीपीआरओ, डीसीओ, डीईओ राजकुमार, डीपीआरओ, कृषि कार्यक्रम समन्वयक, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला अग्नि शमन पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे ।