उत्तर बिहार की लड़ाई बेहद दिलचस्प
दीपक कुमार तिवारी
पटना/मुजफ्फरपुर । बिहार के लोगों में राजनीतिक जागृति सबसे ज्यादा होती है। बिहार की किसी सुदूर गांव में चले जाएं हाथ के तलहटी पर खैनी रगड़ता सामने वाला व्यक्ति आपको बिहार का पूरा सियासी समीकरण समझा देता है। बिहार में सभी 40 की 40 सीटों पर सीधा मुकाबला एनडीए बना महागठबंधन का है। उत्तर बिहार के जिलों में चुनावी बिसात और दिलचस्प दौर में है।
प्रथम और द्वितीय चरण में 10 सीटों के लिए मतदान हो चुका है तीसरे चरण में चुनाव प्रचार चरम पर है। पूर्णिया सिवान महाराजगंज और काराकाट में निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव रणधीर सिंह हिना साहब तथा पवन सिंह इंडिया और महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए मुसीबत बने हुए है। पूर्णिया में चुनाव हो चुका है यहां पप्पू यादव भगवानपुर की लड़ाई में है।
जबकि सिवान में निर्दलीय हिना साहब के साथ एक बड़ा वोट बैंक जो निर्णायक हो सकता है महाराजगंज में सहानुभूति लहर निर्दलीय प्रत्याशी रणधीर सिंह के साथ है। सिवान में रणधीर सिंह हिना साहब के लिए और महाराजगंज में हिना सब रणधीर सिंह के लिए प्रचार करेंगी। काराकाट मैं निर्दलीय पवन सिंह ने पूरा का पूरा सियासी समीकरण बिगाड़ दिया है।
यहां एनडीए ने उपेंद्र कुशवाहा की महा गठबंधन में राजाराम प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है दोनों ही कोईरी जाति से आते है। पवन सिंह की जाति राजपूत इस लोकसभा क्षेत्र में राजपूत कुशवाहा के बाद दूसरे नंबर पर है। पवन सिंह का चुनाव प्रचार सबसे तगड़ा है। चंपारण की तीनों सीट मोतिहारी बेतिया बाल्मीकि नगर पर एनडीए का पलड़ा भारी है।
जबकि गोपालगंज में जदयू उम्मीदवार के सामने महागठबंधन ने नए खिलाड़ी को उतार कर खेल को बिल्कुल एक तरफ कर दिया है। बिहार में चुनाव परिणाम चाहे कुछ भी हो पर फायदे में तेजस्वी यादव है पूरे चुनाव प्रचार के दौरान तेजस्वी से बड़ा कोई भी स्टार प्रचारक बिहार में महागठबंधन की तरफ से नजर नहीं आ रहा है तेजस्वी की नजर 2025 के सीएम की कुर्सी पर है।
पर विधानसभा चुनाव तक महागठबंधन के कुनबे को समेट कर रखना आसान नहीं है। लोकसभा में राजद ने कितने प्रत्याशियों का टिकट कटा है लगभग सभी बागी हो गए हैं सभी का अपना अपना राजनीतिक वजूद जो आने वाले समय के लिए बड़ी मुसीबत खड़ा करने वाला है। सारण लोकसभा सीट पर राजद ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। पर सबसे बड़ी समस्या यहां राजपूत वोट बैंक की गोलबंदी है।
मुजफ्फरपुर, वैशाली,सीतामढ़ी,शिवहर,दरभंगा,समस्तीपुर, उजियारपुर सहित प्रायः लोकसभा सीटों पर सीधा मुकाबला एनडीए बनाम इंडी महागठबंधन के प्रत्याशियों के बीच हीं समझ में आता है।सीधी लड़ाई में 5 से 10प्रतिशत अतिरिक्त वोटरों का दिल जीतना हीं जीत का मार्जिन बन सकता है।